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Bagaha News: जिंदा होने का सबूत लेकर दफ्तरों का चक्कर काट रहे हैं बुजुर्ग, सरकारी रिकॉर्ड में मृत घोषित - बगहा न्यूज

बगहा में एक साठ साल के बुजुर्ग को सरकारी रिकॉर्ड में मृत घोषित कर दिया गया. जब इस बात की खबर बुजुर्ग को लगी तो वो अपने जिंदा होने का सबूत लेकर प्रखंड और अनुमंडल कार्यालय के अधिकारियों के पास पहुंचे, जहां के अधिकारियों ने अब तक उन्हें जिंदा नहीं माना है. तीन माह बीत जाने के बावजूद भी ये अधिकारी उनकी एक नहीं सुन रहे हैं. पढ़ें क्या है पूरा मामला...

अरविंद प्रसाद , पीड़ित किसान
अरविंद प्रसाद , पीड़ित किसान
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Published : Apr 19, 2023, 12:57 PM IST

जीवित होने का प्रमाण लेकर बुजुर्ग काट रहा दफ्तरों का चक्कर

बगहाः बिहार के बगहा अंचल कार्यालय में हल्का कर्मचारी की मनमानी का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. दरअसल कर्मचारी छठू उरांव पर आरोप है कि उसने एक 60 वर्षीय किसान को मृत घोषित कर उसके नाम की जमीन किसी दूसरे व्यक्ति के नाम पर दाखिल खारिज कर दी है, लिहाजा अब किसान महीनों से अपने जीवित होने का प्रमाण लेकर कार्यालयों का चक्कर काट रहे हैं, लेकिन इस मामले पर अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है.

ये भी पढ़ेंः 'साहब मैं जिंदा हूं' की तख्ती डालकर DM के पास पहुंचे 6 बुजुर्ग, डेढ़ साल से नहीं मिली पेंशन

कार्यालय का चक्कर लाग रहे पीड़ित किसानः दरअसल पूरा मामला बगहा अंचल के बीबी बनकटवा मौजा की है. जहां मानपुर मठिया गांव निवासी अरविंद प्रसाद को अंचल कार्यालय और स्थानीय हल्का कर्मचारी छठु उरांव द्वारा मृत घोषित कर उनके नाम से चल रही जमाबन्दी को दूसरे व्यक्ति के नाम पर दाखिल खारिज कर दिया गया है. जबकी अरविंद प्रसाद अभी जीवित हैं और वह अपने जिंदा होने का सबूत अंचल कार्यालय से लेकर अनुमंडल कार्यालय तक जमा कर चुके हैं, लेकिन सुशासन की सरकार में एक गरीब किसान की सुनने वाला कोई नहीं है.

अंचल कार्यालय की मिलीभगत से हुआ सारा खेलः पीड़ित किसान अरविंद प्रसाद ने आरोप लगाया है कि राजस्व कर्मचारी छठु उरांव द्वारा अंचल कार्यालय की मिलीभगत से विपक्षी पार्टी से मोटी रकम लेकर इस काम को किया गया है. उन्होंने बताया कि जब मुझे पता चला कि मेरे दस्तावेजी जमीन को फर्जी तरीके से मेरे ही भाई प्रमोद साह की पत्नी के नाम बिक्री कर दिया गया है, तो उसका दाखिल खारिज रुकवाने के लिए मैंने सीओ को आवेदन दिया, लेकिन कार्यालय के कर्मियों ने दूसरे पक्ष से मोटी रकम लेकर मुझे मृत घोषित करते हुए गैरकानूनी तरीके से दाखिल खारिज कर दिया.

"पिछले तीन महीने से दाखिल खारिज को रद्द करने और अपने जिंदा होने का सबूत लेकर अंचल और अनुमंडल कार्यालय का चक्कर काट रहा हूं. लेकिन कोई सुनने वाला कोई नहीं है. हल्का कर्मचारी ने मेरी जमीन को लगत ढंग से दूसरे के नाम कर दिया गया और मुझे मृत घोषित कर दिया"- अरविंद प्रसाद , पीड़ित किसान

सीओ ने शुरू की मामले की जांच: वहीं, इस मामले में अंचलाधिकारी अभिषेक आनंद ने बताया कि पूरे मामले की जांच कराई जाएगी और दोषी पाए जाने पर सम्बंधित कर्मचारी पर कार्रवाई की जाएगी. इस बीच सवाल यह उठता है कि पीड़ित द्वारा अंचल कार्यालय में आवेदन देने के बावजूद कैसे इस मामले को अनदेखा किया जा रहा है और तीन माह बीत जाने के बावजूद भी बुजुर्ग दफ्तरों का चक्कर काट रहा है.

"पूरे मामले की जांच की जा रही है, जो भी कर्मचारी दोषी पाए जाएंगे उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी"- अभिषेक आनंद, अंचलाधिकारी

जीवित होने का प्रमाण लेकर बुजुर्ग काट रहा दफ्तरों का चक्कर

बगहाः बिहार के बगहा अंचल कार्यालय में हल्का कर्मचारी की मनमानी का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. दरअसल कर्मचारी छठू उरांव पर आरोप है कि उसने एक 60 वर्षीय किसान को मृत घोषित कर उसके नाम की जमीन किसी दूसरे व्यक्ति के नाम पर दाखिल खारिज कर दी है, लिहाजा अब किसान महीनों से अपने जीवित होने का प्रमाण लेकर कार्यालयों का चक्कर काट रहे हैं, लेकिन इस मामले पर अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है.

ये भी पढ़ेंः 'साहब मैं जिंदा हूं' की तख्ती डालकर DM के पास पहुंचे 6 बुजुर्ग, डेढ़ साल से नहीं मिली पेंशन

कार्यालय का चक्कर लाग रहे पीड़ित किसानः दरअसल पूरा मामला बगहा अंचल के बीबी बनकटवा मौजा की है. जहां मानपुर मठिया गांव निवासी अरविंद प्रसाद को अंचल कार्यालय और स्थानीय हल्का कर्मचारी छठु उरांव द्वारा मृत घोषित कर उनके नाम से चल रही जमाबन्दी को दूसरे व्यक्ति के नाम पर दाखिल खारिज कर दिया गया है. जबकी अरविंद प्रसाद अभी जीवित हैं और वह अपने जिंदा होने का सबूत अंचल कार्यालय से लेकर अनुमंडल कार्यालय तक जमा कर चुके हैं, लेकिन सुशासन की सरकार में एक गरीब किसान की सुनने वाला कोई नहीं है.

अंचल कार्यालय की मिलीभगत से हुआ सारा खेलः पीड़ित किसान अरविंद प्रसाद ने आरोप लगाया है कि राजस्व कर्मचारी छठु उरांव द्वारा अंचल कार्यालय की मिलीभगत से विपक्षी पार्टी से मोटी रकम लेकर इस काम को किया गया है. उन्होंने बताया कि जब मुझे पता चला कि मेरे दस्तावेजी जमीन को फर्जी तरीके से मेरे ही भाई प्रमोद साह की पत्नी के नाम बिक्री कर दिया गया है, तो उसका दाखिल खारिज रुकवाने के लिए मैंने सीओ को आवेदन दिया, लेकिन कार्यालय के कर्मियों ने दूसरे पक्ष से मोटी रकम लेकर मुझे मृत घोषित करते हुए गैरकानूनी तरीके से दाखिल खारिज कर दिया.

"पिछले तीन महीने से दाखिल खारिज को रद्द करने और अपने जिंदा होने का सबूत लेकर अंचल और अनुमंडल कार्यालय का चक्कर काट रहा हूं. लेकिन कोई सुनने वाला कोई नहीं है. हल्का कर्मचारी ने मेरी जमीन को लगत ढंग से दूसरे के नाम कर दिया गया और मुझे मृत घोषित कर दिया"- अरविंद प्रसाद , पीड़ित किसान

सीओ ने शुरू की मामले की जांच: वहीं, इस मामले में अंचलाधिकारी अभिषेक आनंद ने बताया कि पूरे मामले की जांच कराई जाएगी और दोषी पाए जाने पर सम्बंधित कर्मचारी पर कार्रवाई की जाएगी. इस बीच सवाल यह उठता है कि पीड़ित द्वारा अंचल कार्यालय में आवेदन देने के बावजूद कैसे इस मामले को अनदेखा किया जा रहा है और तीन माह बीत जाने के बावजूद भी बुजुर्ग दफ्तरों का चक्कर काट रहा है.

"पूरे मामले की जांच की जा रही है, जो भी कर्मचारी दोषी पाए जाएंगे उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी"- अभिषेक आनंद, अंचलाधिकारी

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