बेतिया(वाल्मीकिनगर): जिले में भारत-नेपाल सीमा पर वाल्मीकिनगर में पर्यटन संभावनाओं को विकसित करने के लिए बिहार सरकार की ओर से सौंदर्यीकरण का कार्य करवाया जा रहा है. गुरुवार को अधिकारियों ने इसका जायजा लिया. वहीं, बीते 2 महीने पहले नेपाल प्रशासन ने विरोध करते हुए इस कार्य को रोक दिया था.
सौंदर्यीकरण के कार्यों का जायजा लेने पहुंचे अधिकारियों ने बताया कि नेपाल प्रशासन की ओर से रोक के बाद इस मामले को उच्च स्तर पर निपटा लिया गया और फिर से कार्य शुरू किया गया है. जो अब अंतिम दौर में है. वहीं, जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता जमील अहमद और सीईओ राकेश कुमार ने बताया कि कार्यस्थल पर फिलहाल कोई समस्या नहीं है. यह कार्यस्थल पूरी तरह से भारतीय क्षेत्र में है. यह निर्माण कार्य इंडो-नेपाल सीमा के नो मैंस लैंड से 300 मीटर अंदर भारतीय क्षेत्र में किया जा रहा है. यह जगह काला पानी के नाम पर सर्वे किया हुआ है.
पर्यटन संभावनाओं को किया जा रहा है विकसित
बता दें कि वाल्मीकि नगर में पर्यटन संभावनाओं को विकसित किया जा रहा है ताकि देश विदेश के सैलानी काफी संख्या में यहां पहुंचे. वहीं, लोग पौराणिक कथाओं में लिखित वाल्मीकि आश्रम और अन्य क्षेत्रों का आराम से दर्शन कर पाए. इसके अलावा गंडक नदी के किनारे हो रहे कटाव बचाव कार्य को पॉथ-वे के रूप में विकसित किया जा रहा है. गेस्ट हाउस के पास इको पार्क का निर्माण करवाया जा रहा है और पौराणिक कवलेश्वर मंदिर के पास स्नान घाट का निर्माण करवाया जा रहा है.