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बेतिया: प्रखंड पिपरासी में नहीं है प्लस टू स्कूल, छात्रों को जाना पड़ रहा बाहर

बेतिया के प्रखंड पिपरासी में एक भी प्लस टू विद्यालय नहीं है. जिसके कारण मजबूरन बच्चों को शिक्षा लेने के लिए यूपी का रुख करना पड़ता है. वही प्रत्येक पंचायत में विद्यालयों को प्रमोट कर के हाई स्कूल तो बनाया गया लेकिन शिक्षकों की व्यवस्था नहीं होने से बच्चों का भविष्य अंधकारमय है.

plus two schools in west champaran
plus two schools in west champaran
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Published : Feb 3, 2021, 1:53 PM IST

पश्चिम चंपारण(बेतिया): सर्वे शिक्षा अभियान और अन्य सरकारी अभियान के माध्यम से प्रत्येक बच्चों तक शिक्षा पहुंचाने का दावा करती सरकार के लिए गंडक पार का प्रखंड आइना दिखा रहा है. यहां पिपरासी प्रखंड में एक भी प्लस टू विद्यालय नहीं है. ऐसे में छात्रों को आगे की पढ़ाई के लिए बाहर का रुख करना पड़ रहा है.

'प्लस टू की मान्यता विभागीय वरीय अधिकारियों के निर्णय पर होता है. इसमें प्रखंड स्तर से कोई कार्रवाई नही होती है.'-सीताराम सिंह, बीईओ

'प्रखंड में प्लस टू विद्यालय के लिए प्रस्ताव भेजा गया है जल्द ही प्लस टू विद्यालय की व्यवस्था करायी जायेगी.'- धीरेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ रिंकू सिंह, वाल्मीकिनगर के विधायक

यह भी पढ़ें- ऐसे लगेगा अपराध पर लगाम? मेंटेनेंस के अभाव में खराब पड़े हैं पटना में लगे 70% CCTV कैमरे

प्रत्येक पंचायत में है एक हाई स्कूल
प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय परसौनी और उत्क्रमित मध्य विद्यालय सुजनही घोड़ाहवा को 2015 में प्रमोट कर दिया गया. जहां दोनों विद्यालय में 2016 में एक बच्चा किसी तरह पास हुआ. तो वहीं 2017 में 6 बच्चे पास हुए थे. वहीं बुनियादी विद्यालय सितुहिया के प्रांगण में मॉर्डन विद्यालय का भवन निर्माण पूर्ण हुए एक वर्ष से अभी अधिक हो गया लेकिन संसाधनों की कमी के कारण केवल शो पीस है.

पढ़ाई के लिए जाना पड़ रहा बाहर
वहीं प्रखंड में उच्च शिक्षा के लिए कोई स्कूल नहीं होने के कारण यूपी के सीमावर्ती क्षेत्रों में स्कूलों की भरमार सी हो गयी है. जहां पर अस्सी प्रतिशत बच्चे बिहार के ही होते हैं. ऐसे में बच्चों की इस समस्या का जल्द से जल्द समाधान हो इसकी मांग की जा रही है.

पश्चिम चंपारण(बेतिया): सर्वे शिक्षा अभियान और अन्य सरकारी अभियान के माध्यम से प्रत्येक बच्चों तक शिक्षा पहुंचाने का दावा करती सरकार के लिए गंडक पार का प्रखंड आइना दिखा रहा है. यहां पिपरासी प्रखंड में एक भी प्लस टू विद्यालय नहीं है. ऐसे में छात्रों को आगे की पढ़ाई के लिए बाहर का रुख करना पड़ रहा है.

'प्लस टू की मान्यता विभागीय वरीय अधिकारियों के निर्णय पर होता है. इसमें प्रखंड स्तर से कोई कार्रवाई नही होती है.'-सीताराम सिंह, बीईओ

'प्रखंड में प्लस टू विद्यालय के लिए प्रस्ताव भेजा गया है जल्द ही प्लस टू विद्यालय की व्यवस्था करायी जायेगी.'- धीरेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ रिंकू सिंह, वाल्मीकिनगर के विधायक

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प्रत्येक पंचायत में है एक हाई स्कूल
प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय परसौनी और उत्क्रमित मध्य विद्यालय सुजनही घोड़ाहवा को 2015 में प्रमोट कर दिया गया. जहां दोनों विद्यालय में 2016 में एक बच्चा किसी तरह पास हुआ. तो वहीं 2017 में 6 बच्चे पास हुए थे. वहीं बुनियादी विद्यालय सितुहिया के प्रांगण में मॉर्डन विद्यालय का भवन निर्माण पूर्ण हुए एक वर्ष से अभी अधिक हो गया लेकिन संसाधनों की कमी के कारण केवल शो पीस है.

पढ़ाई के लिए जाना पड़ रहा बाहर
वहीं प्रखंड में उच्च शिक्षा के लिए कोई स्कूल नहीं होने के कारण यूपी के सीमावर्ती क्षेत्रों में स्कूलों की भरमार सी हो गयी है. जहां पर अस्सी प्रतिशत बच्चे बिहार के ही होते हैं. ऐसे में बच्चों की इस समस्या का जल्द से जल्द समाधान हो इसकी मांग की जा रही है.

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