बेतियाः गौनाहा के रेफरल अस्पताल के पालना में एक नवजात बच्ची मिली. इसके बाद अस्पताल प्रशासन की बेचैनी बढ़ गई. गार्ड और महिला स्वास्थ्य कर्मियों की ड्यूटी के बावजूद अज्ञात व्यक्ति पालना में लाकर बच्ची को रख गया. किसी को भनक तक नहीं लगी. हालांकि उस वक्त नवजात (बच्ची) जीवित थी. चिकित्सकों ने तुरंत इलाज शुरू किया. लेकिन चार-पांच घंटे के इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
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आशा ने दी जानकारी
एएनएम सुनीता देवी ने बताया कि रात नौ बजे के करीब एक आशा आकर जानकारी दी कि प्रसव कक्ष में पालने में एक नवजात बच्ची रो रही है. एएनएम ने नवजात का तुरंत प्राथमिक उपचार आरंभ किया. बच्ची को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. ऑक्सीजन लगाया गया लेकिन चार-पांच घंटे के बाद उसकी मौत हो गई. वहीं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ शशि कुमार ने बताया कि पालने में मिली नवजात जीवित थी. नवजात का जन्म समय से पहले हो गया था. उसके अंग अभी पूर्ण तरीके से विकसित नहीं हुए थे. जिसके कारण उसकी मौत हो गई. उस बच्ची का जन्म अस्पताल में नहीं हुआ था.
किसी ने अस्पताल के पालने में रख छोड़ा होगा
ऐसा प्रतीत होता है कि बाहर किसी क्लिनिक या घर में असमय बच्ची का जन्म हुआ था और उसके स्वजन या अन्य चुपके से लाकर अस्पताल के पालने में रख दिए थे. गौनाहा थानाध्यक्ष राजीव नन्दन सिन्हा ने बताया कि मृत नवजात को पोस्टमार्टम के लिए बेतिया भेजा गया है. पोस्टमार्टम के बाद 72 घंटे तक अस्पताल में रखा जाएगा. जिसे उसके स्वजनों के पहुंचने पर सुपुर्द कर दिया जाएगा.