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VTR में आज से नए पर्यटन सत्र की शुरुआत, जंगल सफारी और बोटिंग का लुत्फ उठा सकेंगे पर्यटक

बरसात के बाद एक नवंबर से इंडो-नेपाल सीमा के पास बगहा के वाल्मिकी टाइगर रिजर्व में पर्यटन (Tourism in Valmiki Tiger Reserve) सेवाओं की शुरुआत हो चुकी है. मानसून सत्र के बाद वन विभाग जंगल सफारी के लिए व्यूज स्ट्रिप बनाने और बारिश की वजह से क्षतिग्रस्त रास्तों को बनाने में जुटा है. पढ़ें पूरी खबर..

वाल्मिकी टाइगर रिजर्व में नया पर्यटन सत्र शुरू
वाल्मिकी टाइगर रिजर्व में नया पर्यटन सत्र शुरू
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Published : Nov 1, 2022, 8:01 AM IST

बगहा: बिहार के पश्चिमी चंपारण के बगहा में स्थित वाल्मिकी टाइगर रिजर्व में मानसून सत्र यानी बरसात के बाद एक बार फिर से पर्यटन सेवाओं की शुरुआत (New tourism season begins in Valmiki Tiger Reserve) हो गई है. आज से पर्यटकों के लिए जंगल सफारी और बोटिंग शुरू हो रही है. लिहाजा जंगल सफारी मार्ग को दुरुस्त किया गया है. साथ ही व्यू स्ट्रिप भी तैयार किये जा रहे हैं. इससे जंगल सफारी का लुत्फ उठाने आने वाले पर्यटकों को वन्य जीवों का दीदार हो सके और उन्हें मायूस होकर न लौटना पड़े.

ये भी पढ़ेंः वाल्मीकि टाइगर रिजर्व की खूबसूरती निहारने दूसरे राज्यों से पहुंच रही सैलानियों की भीड़

छह महीने बाद शुरू हो रही पर्यटन सुविधाः हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक बिहार के एकमात्र वाल्मीकि टाइगर रिजर्व पर्यटन स्थल का भ्रमण करने पहुंचते हैं. उनकी हसरत होती है कि वे जंगल सफारी के दौरान बाघ, तेंदुआ, जंगली भैंस यानी गौर, हिरण और भालू समेत अन्य पशु-पक्षियों को एक नजर सामने से देख सकें. साथ ही पूरी तरह से एडवेंचर का मजा लें. यही वजह है कि तकरीबन 6 माह बाद एक बार फिर से पर्यटकों को आकर्षित करने और उनकी संख्या को बढ़ाने के उद्देश्य से वन विभाग तेजी से तैयारियों को अमली जामा पहना रहा है. इसके तहत जंगल सफारी वाले क्षतिग्रस्त मार्ग को दुरुस्त कराया गया है और इसके साथ ही उसके किनारे उग आए झाड़ियों को काटा गया है ताकि जानवर सामने से दिख सके.

"हमलोग अक्सर यहां आते हैं. यहां हम बर्थडे और अन्य अवसरों पर यहां घूमने आते हैं. यहां का माहौंल, हरियाली और प्राकृतिक छटा हमलोगों को काफी पसंद है. इसलिए खास मौकों पर यहां हमलोग आते रहते हैं" - डॉ प्रीति, गोरखपुर

नेपाल, यूपी और बिहार से आते हैं हजारों पर्यटकः जल, जंगल और पहाड़ से घिरे वाल्मीकिनगर में नेपाल, यूपी और बिहार के विभिन्न क्षेत्रों से पर्यटक पहुंचते हैं. यहां के प्राचीन व ऐतिहासिक धार्मिक स्थलों का भ्रमण करने के बाद वीटीआर में जंगल सफारी, गण्डक नदी में बोटिंग, कौलेश्वर झूला के साथ साथ कैनोपी वॉक का आनंद उठाते हैं. वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में पर्यटकों के ठहरने और उनके भोजन की व्यवस्था है और सभी पर्यटन सेवाओं की बुकिंग ऑनलाइन ही होती है. ऐसे में आसपास के पर्यटकों का सीजन और गैर सीजन में आना आम बात है.

पर्यटकों की सुविधाओं का रखा जा रहा ख्यालः वीटीआर के रेंजर रॉबिन आनन्द ने बताया था कि एक नवंबर से पर्यटन सत्र की शुरुआत हो जाएगी. इसके लिए व्यूज स्ट्रिप बनाने के उद्देश्य से झाड़ियों को काटा जा रहा है ताकि वन्य जीवों को पर्यटक जंगल सफारी के दौरान आसानी से देख सके. उन्होंने बताया कि लाखों की संख्या में प्रत्येक वर्ष पर्यटक यहां पहुंचते हैं और एडवेंचर का आनन्द लेते हैं. लिहाजा, उनकी सुविधाओं का पूरा ख्याल रखा जा रहा है.

"वाल्मिकी टाइगर रिजर्व का पर्यटन सत्र एक नवंबर से शुरू हो रहा है. वन क्षेत्र के सड़कों को दुरुस्त किया जा रहा है. साथ ही सफारी के दौरान सड़क किनारे जो झाड़ियां उग गई है, उसकी सफाई कराई जा रही है. ताकि, पर्यटक जानवरों को देख सकें. बोटिंग के लिए भी सुविधा बहाल कराई जा रही है. इसके अलावा भी पर्यटकों को रहने खाने की सुविधाओं का खास ख्याल रखा जा रहा है" - रॉबिन आनन्द, रेंजर, वीटीआर


बगहा: बिहार के पश्चिमी चंपारण के बगहा में स्थित वाल्मिकी टाइगर रिजर्व में मानसून सत्र यानी बरसात के बाद एक बार फिर से पर्यटन सेवाओं की शुरुआत (New tourism season begins in Valmiki Tiger Reserve) हो गई है. आज से पर्यटकों के लिए जंगल सफारी और बोटिंग शुरू हो रही है. लिहाजा जंगल सफारी मार्ग को दुरुस्त किया गया है. साथ ही व्यू स्ट्रिप भी तैयार किये जा रहे हैं. इससे जंगल सफारी का लुत्फ उठाने आने वाले पर्यटकों को वन्य जीवों का दीदार हो सके और उन्हें मायूस होकर न लौटना पड़े.

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छह महीने बाद शुरू हो रही पर्यटन सुविधाः हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक बिहार के एकमात्र वाल्मीकि टाइगर रिजर्व पर्यटन स्थल का भ्रमण करने पहुंचते हैं. उनकी हसरत होती है कि वे जंगल सफारी के दौरान बाघ, तेंदुआ, जंगली भैंस यानी गौर, हिरण और भालू समेत अन्य पशु-पक्षियों को एक नजर सामने से देख सकें. साथ ही पूरी तरह से एडवेंचर का मजा लें. यही वजह है कि तकरीबन 6 माह बाद एक बार फिर से पर्यटकों को आकर्षित करने और उनकी संख्या को बढ़ाने के उद्देश्य से वन विभाग तेजी से तैयारियों को अमली जामा पहना रहा है. इसके तहत जंगल सफारी वाले क्षतिग्रस्त मार्ग को दुरुस्त कराया गया है और इसके साथ ही उसके किनारे उग आए झाड़ियों को काटा गया है ताकि जानवर सामने से दिख सके.

"हमलोग अक्सर यहां आते हैं. यहां हम बर्थडे और अन्य अवसरों पर यहां घूमने आते हैं. यहां का माहौंल, हरियाली और प्राकृतिक छटा हमलोगों को काफी पसंद है. इसलिए खास मौकों पर यहां हमलोग आते रहते हैं" - डॉ प्रीति, गोरखपुर

नेपाल, यूपी और बिहार से आते हैं हजारों पर्यटकः जल, जंगल और पहाड़ से घिरे वाल्मीकिनगर में नेपाल, यूपी और बिहार के विभिन्न क्षेत्रों से पर्यटक पहुंचते हैं. यहां के प्राचीन व ऐतिहासिक धार्मिक स्थलों का भ्रमण करने के बाद वीटीआर में जंगल सफारी, गण्डक नदी में बोटिंग, कौलेश्वर झूला के साथ साथ कैनोपी वॉक का आनंद उठाते हैं. वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में पर्यटकों के ठहरने और उनके भोजन की व्यवस्था है और सभी पर्यटन सेवाओं की बुकिंग ऑनलाइन ही होती है. ऐसे में आसपास के पर्यटकों का सीजन और गैर सीजन में आना आम बात है.

पर्यटकों की सुविधाओं का रखा जा रहा ख्यालः वीटीआर के रेंजर रॉबिन आनन्द ने बताया था कि एक नवंबर से पर्यटन सत्र की शुरुआत हो जाएगी. इसके लिए व्यूज स्ट्रिप बनाने के उद्देश्य से झाड़ियों को काटा जा रहा है ताकि वन्य जीवों को पर्यटक जंगल सफारी के दौरान आसानी से देख सके. उन्होंने बताया कि लाखों की संख्या में प्रत्येक वर्ष पर्यटक यहां पहुंचते हैं और एडवेंचर का आनन्द लेते हैं. लिहाजा, उनकी सुविधाओं का पूरा ख्याल रखा जा रहा है.

"वाल्मिकी टाइगर रिजर्व का पर्यटन सत्र एक नवंबर से शुरू हो रहा है. वन क्षेत्र के सड़कों को दुरुस्त किया जा रहा है. साथ ही सफारी के दौरान सड़क किनारे जो झाड़ियां उग गई है, उसकी सफाई कराई जा रही है. ताकि, पर्यटक जानवरों को देख सकें. बोटिंग के लिए भी सुविधा बहाल कराई जा रही है. इसके अलावा भी पर्यटकों को रहने खाने की सुविधाओं का खास ख्याल रखा जा रहा है" - रॉबिन आनन्द, रेंजर, वीटीआर


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