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बेतिया: चरस तस्करी मामले में नेपाली नागरिक को उम्र कैद की सजा, 6 लाख जुर्माना

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Published : Nov 28, 2020, 1:27 PM IST

चरस तस्करी के एक मामले की सुनवाई पूरी करते हुए जिला सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार सिंह ने अभियुक्त नेपाली मूल के नागरिक शेख शोहराब को दोषी पाया है. न्यायाधीश ने शेख शोहराब को एनडीपीएस की धारा 20 बी, 2 सी, 22 सी, 23 सी में उम्रकैद की सजा मुकर्रर की है.

बेतिया
चरस तस्करी मामले में नेपाली नागरिक को उम्र कैद की सजा

बेतिया: चरस तस्करी के एक मामले की सुनवाई पूरी करते हुए जिला सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार सिंह ने कांड के नामजद अभियुक्त नेपाली मूल के नागरिक शेख शोहराब को दोषी पाया है. शुक्रवार को सजा की बिंदू पर बहस सुनने के बाद न्यायाधीश ने दोष सिद्ध शेख शोहराब को एनडीपीएस की धारा 20 बी, 2 सी, 22 सी, 23 सी में उम्रकैद की सजा मुकर्रर की है. न्यायाधीश ने तीनों धाराओं में कुल छह लाख जुर्माना देने का भी आदेश दिया है.

गुप्त सूचना के आधार पर गिरफ्तारी
एनडीपीएस एक्ट के विशेष लोक अभियोजक सुरेश कुमार ने बताया कि इस कांड के सूचक एसएसबी 44वीं बटालियन के तत्कालीन इंस्पेक्टर नरेश कुमार हैं. उन्हेंं 13 जनवरी 2018 को गुप्त सूचना मिली कि तस्कर भारी मात्रा में नेपाल से मादक पदार्थ की तस्करी करने वाले हैं.

उक्त सूचना के बाद एसएसबी ने दल-बल के साथ नरकटियागंज के समीप ईदगाह के रास्ते में निगरानी करना शुरू कर दिया. इसी क्रम में एसएसबी के जवानों ने एक व्यक्ति को हिरासत में लिया और पूछताछ की.

दो करोड़ रुपये की चरस हुई थी बरामद
तालाशी लेने के बाद एसएसबी के जवानों ने उसके जैकेट से तीन पैकेट और बेल्ट के पास छिपाकर रखे गए दो पैकेट चरस जब्त किया. इस दौरान बाइक के सीट के नीचे से पंद्रह पैकेट, कुल 10 किलो चरस जब्त कर लिया. पूछताछ करने पर तस्कर की पहचान नेपाल पर्सा के महादेवपट्टी शेरवा गांव निवासी शेख शोहराब के रूप में हुई. एसएसबी ने जब्त चरस का अंतर्राष्ट्रीय कीमत दो करोड़ रुपये आंका था. दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायाधीश ने यह फैसला सुनाया है.

बेतिया: चरस तस्करी के एक मामले की सुनवाई पूरी करते हुए जिला सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार सिंह ने कांड के नामजद अभियुक्त नेपाली मूल के नागरिक शेख शोहराब को दोषी पाया है. शुक्रवार को सजा की बिंदू पर बहस सुनने के बाद न्यायाधीश ने दोष सिद्ध शेख शोहराब को एनडीपीएस की धारा 20 बी, 2 सी, 22 सी, 23 सी में उम्रकैद की सजा मुकर्रर की है. न्यायाधीश ने तीनों धाराओं में कुल छह लाख जुर्माना देने का भी आदेश दिया है.

गुप्त सूचना के आधार पर गिरफ्तारी
एनडीपीएस एक्ट के विशेष लोक अभियोजक सुरेश कुमार ने बताया कि इस कांड के सूचक एसएसबी 44वीं बटालियन के तत्कालीन इंस्पेक्टर नरेश कुमार हैं. उन्हेंं 13 जनवरी 2018 को गुप्त सूचना मिली कि तस्कर भारी मात्रा में नेपाल से मादक पदार्थ की तस्करी करने वाले हैं.

उक्त सूचना के बाद एसएसबी ने दल-बल के साथ नरकटियागंज के समीप ईदगाह के रास्ते में निगरानी करना शुरू कर दिया. इसी क्रम में एसएसबी के जवानों ने एक व्यक्ति को हिरासत में लिया और पूछताछ की.

दो करोड़ रुपये की चरस हुई थी बरामद
तालाशी लेने के बाद एसएसबी के जवानों ने उसके जैकेट से तीन पैकेट और बेल्ट के पास छिपाकर रखे गए दो पैकेट चरस जब्त किया. इस दौरान बाइक के सीट के नीचे से पंद्रह पैकेट, कुल 10 किलो चरस जब्त कर लिया. पूछताछ करने पर तस्कर की पहचान नेपाल पर्सा के महादेवपट्टी शेरवा गांव निवासी शेख शोहराब के रूप में हुई. एसएसबी ने जब्त चरस का अंतर्राष्ट्रीय कीमत दो करोड़ रुपये आंका था. दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायाधीश ने यह फैसला सुनाया है.

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