बेतिया: बिहार के बेतिया में एसएसबी और वन विभाग की संयुक्त रूप से छापेमारी में एक नेपाली तस्कर गिरफ्तार (Nepali Smuggler Arrest In Bettiah) हुआ है. चितवन जंगल में बुधवार की देर शाम में एसएसबी और वन विभाग की संयुक्त कार्रवाई में नेपाल के चितवन जंगल अंतर्गत बनारझुला गांव में तेंदूए के कंकाल के साथ एक तस्कर को गिरफ्तार किया गया. उस समय कंकाल की पहचान नहीं होने के कारण बाघ का कंकाल कहा जा रहा था. जबकि आरोपित तस्कर से पूछताछ में जानकारी मिली कि कंकाल तेंदुए का है.
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नेपाली अधिकारी को तस्करी की दी सूचना: नेपाली तस्कर की गिरफ्तारी के बाद वन अधिकारियों ने नेपाल के वन अधिकारियों को भी सूचना दे दी. नेपाल के वन अधिकारी भी मंगराहा पहुंचे और तीन घंटे तक आरोपित तस्कर से पूछताछ किए. इस पूछताछ में तस्करों के एक बड़े नेटवर्क की जानकारी मिली. हालांकि नेपाली अधिकारियों ने कुछ भी बताने से इंकार किया. इधर, भारतीय अधिकारी कुछ भी नहीं बोल रहे. इस गिरोह को पकड़ने के लिए दोनों देशों के अधिकारी ने कार्रवाई करने की बात कही है.
कंकाल की तस्करी से लाखों रुपये की कमाई: नेपाल के चितवन जंगल में तीन माह पहले तेंदुए का शिकार करने के बाद जमीन में खोदकर गाड़ दिया गया था. इस कंकाल के लिए कोलकाता से ऑर्डर मिलने के बाद ही निकालकर भारत में प्रवेश कर रहा था. तभी युवक पकड़ा गया. तस्कर ने बताया है कि वह जानवरों के कंकाल की तस्करी करता है. तेंदुए का शिकार कर उसे मिट्टी मे दफनाकर कुछ दिनों तक छोड़ दिया जाता है. कुछ दिनों के बाद उसके पूरे कंकाल को ऑर्डर मिलने के बाद कोलकत्ता पहुंचाया जाता था. जहां इसकी कीमत आठ से दस लाख रुपये मिलती है. हालांकि तस्कर से पूछताछ करने के बाद प्राथमिकी दर्ज कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
देहरादून भेजा जाएगा तेंदुए का कंकाल: वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार हुए नेपाली तस्कर से तेदूए के कंकाल को जांच के लिए वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट देहरादून और हैदराबाद भेजा जाएगा. इधर, वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना वन प्रमंडल डीएफओ प्रद्युम्न गौरव ने बताया कि कंकाल की जांच कराई जाएगी.