बगहा: पश्चिम चंपारण जिले के बगहा के लौकरिया थाना अंतर्गत सुरवा बारी गांव में एक मां अपने नाबालिग बेटे को बचाने के लिए मगरमच्छ से भिड़ गई. नदी पार करते समय बच्चे का पांव गलती से मगरमच्छ पर पड़ गया. जिसके बाद गुस्साए मगरमच्छ ने बच्चे पर हमला कर दिया. तभी यह देख कर बच्चे की मां मगरमच्छ से भिड़ गई और फिर उसे मौत के मुंह से वापस खींच कर बचा लिया. हालांकि, मगरमच्छ के हमले से बच्चा घायल हो गया. जिसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
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बच्चे पर मगरमच्छ ने किया हमला: गंडक नदी में सैकड़ों की संख्या में मगरमच्छ पाए जाते हैं. ये मगरमच्छ बरसात के दिनों में गंडक नदी के सहायक नदियों में भी पहुंच जाते हैं और आम लोगों के लिए खतरे का सबब बन जाते हैं. इसी क्रम में लौकरिया थाना क्षेत्र अंतर्गत सुरवा बारी गांव से होकर गुजरने वाली त्रिवेणी नहर पार करते समय 11 वर्षीय नीतीश कुमार का पैर अचानक मगरमच्छ के ऊपर पड़ गया. जिसके बाद अक्रोशित मगरमच्छ ने किशोर पर हमला बोल दिया.
नहर पार करने के दौरान हुई घटना: बताया जाता है कि मगरमच्छ के हमले के समय बच्चे के साथ उसकी मां भी थी. महिला ने जैसे ही मगरमच्छ के चंगुल में अपने बच्चे को देखा तो बिना जान की परवाह किए वह मगरमच्छ से भिड़ गई और फिर उसे डंडे से पीटना शुरू कर दिया. जिसके बाद मगरमच्छ ने अपने गिरफ्त से बच्चे को आजाद कर दिया. इस तरह से मां ने बहादुरी दिखाते हुए अपने बच्चे को काल के गाल में समाने से बचा लिया.
बेटे को बचाने मगरमच्छ से भिड़ी महिला: घटना के तुरंत बाद महिला अपने बच्चे को लेकर स्वास्थ्य केंद्र हरनाटांड़ पहुंची. जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे अनुमंडलीय अस्पताल में भेज दिया गया है. यहां डॉक्टर तारिक नदीम ने बच्चे का उपचार किया और बताया की बच्चा खतरे से बाहर है. बता दें की धान के फसल की निराई यानी सोहनी चल रही है. यही वजह है की मां बेटे खेत में सोहनी करने गए थे और लौटते वक्त त्रिवेणी नहर पार करने के दौरान यह घटना घट गई.
मगरमच्छ से छुड़ाकर अस्पताल पहुंची मां: बच्चे की मां ने बताया की जब वो नहर पार करी रही थी, तभी अचानक किनारे बैठे मगरमच्छ पर उसके बच्चे का पैर पड़ गया. जिसके बाद मगरमच्छ ने उसके बेटे पर हमला बोलते हुए उसका हाथ पकड़ लिया. तब वह डंडे से मगरमच्छ को पीटने लगी. जिसके बाद उसने बच्चे का हाथ छोड़ दिया. फिलहाल महिला के बहादुरी की चर्चा अस्पताल में भी लोगों के जुबान पर है और सभी उस मां की तारीफ कर रहे थे कि उसने अपने लाडले की जान बचाने के लिए अपने जान की भी परवाह नहीं की.