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बेतियाः लावारिस हालत में बर्बाद हो रहे करोड़ों के चलंत शौचालय

चलंत शौचालय के पीछे सरकार का उद्देश्य था की घनी आबादी के क्षेत्र जैसे बाजार, बस पड़ाव, सब्जी मंडी, दलित बस्ती आदि जगह इसकी सुविधा मुहैया कराई जाए.

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Published : Aug 20, 2020, 6:38 PM IST

पश्चिम चंपारण(बेतिया): सरकार योजनाओं की घोषणा तो कर देती है, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही से लोगों को इनका लाभ नहीं मिल पाता है. जिले के चनपटिया नगर पंचायत में स्वच्छता अभियान को लेकर भले लाख दावे किए जा रहे हों, लेकिन हकीकत कुछ और ही है.

शौचालय की जर्जर स्थिति
शहर में स्वच्छता अभियान के सभी दावे फेल साबित हो रहे हैं. स्वच्छता के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च कर खरीदे गए चलंत शौचालय को नगर के ही मेला ग्राउंड परिसर में यत्र-तत्र खड़ा कर दिया गया. जिससे बिना इस्तेमाल किए ही देख रेख के अभाव में इनकी स्थिति जर्जर हो गई है.

देखें रिपोर्ट

लावारिस हालत में पड़े हैं शौचालय
सभी शौचालय को नगर से दूर हटाकर बिना आबादी वाले जगहों, सड़क के किनारे और खेतों में खड़ा कर दिया गया है. जहां लावारिस हालत में ये खराब हो रहे हैं. इतना ही नहीं अधिकतर शौचालय के ऊपर का शेड, पहिया व बेसिन सहित नल भी टूटकर इधर-उधर बिखरे पड़े हैं. नगर परिषद के अधिकारी या जनप्रतिनिधि कोई भी इसकी सुध लेना उचित नहीं समझ रहे हैं.

नगर पंचायत की लापरवाही
चलंत शौचालय के पीछे सरकार का उद्देश्य था की घनी आबादी के क्षेत्र जैसे बाजार, बस पड़ाव, सब्जी मंडी, दलित बस्ती आदि जगह इसकी सुविधा मुहैया कराई जाए. जिससे शहरवासियों व यात्रियों को खुले में शौच न जाना पड़े. लेकिन नगर पंचायत की लापरवाही ने इन उद्देश्यों पर पानी फेर दिया है.

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खेतों में रखे चलंत शौचालय

2 साल पहले की गई थी खरीदारी
स्वच्छता अभियान के तहत करीब 2 साल पहले चनपटिया नगर पंचायत में करोड़ों रुपये की लागत से चलंत शौचालय की खरीदारी की गई थी. जानकारी के अनुसार एक शौचालय की खरीद लगभग छह लाख में हुई थी यानी 30 से ज्यादा शौचालयों की खरीद में 1 करोड़ 97 लाख रुपये खर्च किए गए. लेकिन इतनी राशि खर्च करने के बाद इन्हें जहां-तहां लावारिस स्थिति में छोड़ दिया गया.

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चलंत शौचालय

कहां है शेष शौचालय?
स्थानीय लोग अब यह सवाल उठाने लगे हैं कि 30 से ज्यादा की संख्या में शौचालय खरीदे गए थे, जिसमें से मात्र 15 से 20 चलंत शौचालय टूटे-फूटे स्थिति में दिख रहे हैं. यह जांच का विषय है कि शेष शौचालय कहां है. नप के कार्यपालक पदाधिकारी शुभांशु सुवेश ने कहा कि मामले कि जांच की जाएगी.

पश्चिम चंपारण(बेतिया): सरकार योजनाओं की घोषणा तो कर देती है, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही से लोगों को इनका लाभ नहीं मिल पाता है. जिले के चनपटिया नगर पंचायत में स्वच्छता अभियान को लेकर भले लाख दावे किए जा रहे हों, लेकिन हकीकत कुछ और ही है.

शौचालय की जर्जर स्थिति
शहर में स्वच्छता अभियान के सभी दावे फेल साबित हो रहे हैं. स्वच्छता के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च कर खरीदे गए चलंत शौचालय को नगर के ही मेला ग्राउंड परिसर में यत्र-तत्र खड़ा कर दिया गया. जिससे बिना इस्तेमाल किए ही देख रेख के अभाव में इनकी स्थिति जर्जर हो गई है.

देखें रिपोर्ट

लावारिस हालत में पड़े हैं शौचालय
सभी शौचालय को नगर से दूर हटाकर बिना आबादी वाले जगहों, सड़क के किनारे और खेतों में खड़ा कर दिया गया है. जहां लावारिस हालत में ये खराब हो रहे हैं. इतना ही नहीं अधिकतर शौचालय के ऊपर का शेड, पहिया व बेसिन सहित नल भी टूटकर इधर-उधर बिखरे पड़े हैं. नगर परिषद के अधिकारी या जनप्रतिनिधि कोई भी इसकी सुध लेना उचित नहीं समझ रहे हैं.

नगर पंचायत की लापरवाही
चलंत शौचालय के पीछे सरकार का उद्देश्य था की घनी आबादी के क्षेत्र जैसे बाजार, बस पड़ाव, सब्जी मंडी, दलित बस्ती आदि जगह इसकी सुविधा मुहैया कराई जाए. जिससे शहरवासियों व यात्रियों को खुले में शौच न जाना पड़े. लेकिन नगर पंचायत की लापरवाही ने इन उद्देश्यों पर पानी फेर दिया है.

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खेतों में रखे चलंत शौचालय

2 साल पहले की गई थी खरीदारी
स्वच्छता अभियान के तहत करीब 2 साल पहले चनपटिया नगर पंचायत में करोड़ों रुपये की लागत से चलंत शौचालय की खरीदारी की गई थी. जानकारी के अनुसार एक शौचालय की खरीद लगभग छह लाख में हुई थी यानी 30 से ज्यादा शौचालयों की खरीद में 1 करोड़ 97 लाख रुपये खर्च किए गए. लेकिन इतनी राशि खर्च करने के बाद इन्हें जहां-तहां लावारिस स्थिति में छोड़ दिया गया.

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चलंत शौचालय

कहां है शेष शौचालय?
स्थानीय लोग अब यह सवाल उठाने लगे हैं कि 30 से ज्यादा की संख्या में शौचालय खरीदे गए थे, जिसमें से मात्र 15 से 20 चलंत शौचालय टूटे-फूटे स्थिति में दिख रहे हैं. यह जांच का विषय है कि शेष शौचालय कहां है. नप के कार्यपालक पदाधिकारी शुभांशु सुवेश ने कहा कि मामले कि जांच की जाएगी.

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