पश्चिमी चंपारण: बिहार के पश्चिमी चंपारण में बगहा (Bagaha) के नक्सल प्रभावित दोन इलाके में मंगलवार को गश्ती के दौरान लापता हुए एसएसबी (SSB) 65वीं वाहिनी के जवान का शव 48 घंटे बाद हरहा पहाड़ी नदी से एनडीआरएफ (NDRF) की टीम ने बरामद किया है. एसएसबी ने शव का बगहा अनुमंडलीय अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया.
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गोबरहिया दोन थाना क्षेत्र के हाथी नाला और हरहा नदी के बीच से रहस्यमय ढंग से गायब हुए एसएसबी जवान मो.असलम का शव बरामद हो गया है. गुरुवार को एनडीआरएफ की टीम ने हरहा नदी से काफी मशक्कत के बाद लापता जवान के शव को खोज निकाला.
दरअसल, गश्ती के दौरान अचानक उक्त जवान लापता हो गया था. जिसके बाद एसएसबी मुख्यालय में हड़कंप मच गया था. गश्ती के समय उक्त जवान के साथ उसके 6 साथी भी थे, लेकिन गायब हुआ जवान सबसे पीछे था. लिहाजा अन्य जवानों ने पहाड़ी नदी में फिसलने की आशंका जताई थी. इसके बाद से ही एसएसबी 65वीं वाहिनी के कमांडेंट पंकज डंगवाल और रामनगर एसडीपीओ अर्जुन लाल के नेतृत्व में खोजबीन चल रही थी.
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दो दिनों के प्रयास के बाद लापता जवान मो.असलम का शव हरहा नदी से एनडीआरएफ की टीम ने गुरुवार को बाहर निकाला. पहाड़ी नदी में डूबने से उनकी मौत हो गई. वहीं, जवान की राइफल, मोबाइल, टोपी समेत सभी सामानों को भी बरामद कर लिया गया है. मृतक के शव को एसएसबी के बीओपी लाया गया. जहां से शव को पोस्टमार्टम के लिए अनुमंडलीय अस्पताल बगहा भेज दिया गया.
बता दें कि जम्मू के राजौरी निवासी मो.असलम एसएसबी 65वीं वाहिनी में हेड कांस्टेबल थे. वर्तमान समय में कमरछिनवा कैंप में कार्यरत थे. दरअसल, दोन इलाके में एक ही पहाड़ी नदी को 22 बार पार करना पड़ता है. यदि थोड़े समय के लिए भी बारिश आ जाए तो नदी में पानी उफान पर आ जाता है. इसकी तेज धार को पार कर निकलना मौत को दावत देने के समान है. ऐसे में पहाड़ी नदी में जवान के पैर फिसलने की आशंका को लेकर लगातार रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा था.