बेतिया: जिले में कृषि, पशु और मत्स्य संसाधन मंत्री प्रेम कुमार ने आफिसर कालोनी के पास नवनिर्मित संयुक्त कृषि भवन का उद्घाटन किया. नवनिर्मित संयुक्त कृषि भवन का निर्माण 4 करोड़ 15 लाख 71 हजार की लागत से हुआ है. वहीं, इस मौके पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल, पूर्व मंत्री रेणु देवी, नप सभापति गरिमा सिकारिया, डीएम डाॅ. निलेश रामचंद्र देवरे, बेतिया डीईओ सहित कई अधिकारी मौजूद थे.
कृषि कार्यालय की होगी स्थापना
तकनीकी प्रबंधक के 11, सहायक तकनीकी प्रबंधक के 53 और प्रखंड स्तरीय लेखापाल पद के 17 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र कृषि मंत्री, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष, सभी विधायक और सभापति ने दिया. कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि संयुक्त कृषि भवन का शुभारंभ हो गया है. इस भवन में केन्द्रीयकृत रूप से समय कार्यों का निष्पादन करने में सुविधा होगी. उन्होंने कहा कि 2020 तक राज्य के सभी प्रखंडों में ई.किसान भवन कार्यरत होगा. इसके साथ ही किसानों की सुविधा के मद्देनजर सभी पंचायतों में भी कृषि कार्यालय की स्थापना की जायेगी.
किसानों को बनाया जा रहा है डाटाबेस
1465 पंचायत कृषि कार्यालयों ने कार्य करना प्रारंभ भी कर दिया है. दिसंबर 2019 तक 8 हजार पंचायतों में कृषि कार्यालय को फंक्शनल करने का लक्ष्य रखा गया है. उन्होंने कहा कि पूर्व में किसानों का कोई भी आंकड़ा उपलब्ध नहीं था. लेकिन अब सभी किसानों का डाटाबेस बनाया जा रहा है, सभी किसानों का निबंधन कराया जा रहा है. डीबीटी रजिस्ट्रेशन के माध्यम से ही केन्द्र और राज्य सरकार के तरफ से क्रियान्वित विभिन्न योजनाओं का लाभ किसानों को प्रदान होगा. उन्होंने कहा कि जिले में अबतक लगभग 2 लाख 96 हजार किसानों ने डीबीटी निबंधन कराया है. यह आंकड़ा लक्ष्य से दूर है.
अधिक से अधिक किसानों का लाभान्वित करने लक्ष्य
प्रेम कुमार ने कहा कि विशेष अभियान चलाकर जिले के प्रत्येक किसान का निबंधन कराना सुनिश्चित किया जाएगा. प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना और प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना से अधिक से अधिक किसानों का लाभान्वित करना है. उन्होंने कहा कि कोई भी किसान इन योजनाओं से वंचित नहीं रहे, ऐसा प्रयास एक अभियान चलाकर करना होगा.
बॉयोगैस की स्थापना पर 50 प्रतिशत का अनुदान
2 घनमीटर के गोबर गैस और बॉयोगैस की स्थापना के लिए लागत मूल्य का 50 प्रतिशत अधिकतम 21 हजार रूपए अनुदान दिया जा रहा है. जैविक खेती करने वाले किसानों के एडौपसन के लिए 11 हजार 500 रू0 और प्रमाणीकरण के लिए 500 रू प्रति एकड़ की दर से अनुदान दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि किसानों को गेहूं, धान, मक्का आदि फसलों के साथ-साथ मत्स्यय, गाय, बकरी और हनी आदि पालन कर अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करना होगा.