बेतिया: सूबे के गन्ना उद्योग सह विधि मंत्री प्रमोद कुमार (Minister Pramod Kumar) ने कहा है कि बिहार की बंद पड़ी चीनी मिलों की जमीन पर उद्योग स्थापित (industries on closed sugar mills land in Bihar) होंगे. बेतिया पहुंचे मंत्री ने कहा कि जमीन को बियाडा को हस्तगत कराया गया है. जहां विभिन्न तरह के उद्योग लगाने के लिए नियमानुसार जमीन आवंटन होगा. इस मद में बियाडा को करीब 2500 एकड़ जमीन उपलब्ध कराई गई है. जिन बंद पड़ी चीनी मिलों पर किसानों का बकाया है, उसकी निलामी कर किसानों के बकाये का भुगतान किया जाएगा. जहां तक चालू चीनी मिलों की बात है तो किसानों के अधिकांश गन्ना मूल्य का भुगतान किया जा चुका है.
गन्ना उद्योग मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा कि किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान वर्धित दर के अनुसार किया गया है. वह भी जिस हिसाब से उत्तर प्रदेश के किसानों को किया जा रहा है. उसी दर पर यहां के किसानों को भी भुगतान मिला है. मंत्री ने कहा कि आगे भी किसानों के गन्ना मूल्य का भुगतान समय पर ही होता रहेगा. उन्होंने ज्यादा से ज्यादा किसानों से गन्ने की खेती करने का आह्वान किया. मंत्री ने कहा कि पूर्व में पूरे राज्य में 3 लाख हेक्टेयर में गन्ने की खेती होती थी, जो घटकर 2.50 लाख हेक्टेयर हो गई है.
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चीनी मिलों द्वारा समय पर गन्ना मूल्यों का भुगतान किए जाने से इसके रकबा में अवश्य बढ़ोत्तरी होगी. विभाग उन्नत प्रभेद की खेती पर 240 रुपये प्रति क्विंटल बीज उपलब्ध करा रहा है. इससे किसानों को जहां अधिक उपज मिलेगी, तो दूसरी ओर चीनी मिलों में रिकॉवरी दर भी बढ़ेगा. मौके पर जिला भाजपा अध्यक्ष दीपेन्द्र शर्राफ, पूर्वी चंपारण के भाजपा जिलाध्यक्ष प्रकाश अस्थाना, जिला भाजपा उपाध्यक्ष रवि सिंह, राजन सोनी, जिला गन्ना पदाधिकारी राम सिंह आदि मौजूद रहे.
गन्ना उद्योग एवं विधि मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा कि राज्य धार्मिक न्यास पर्षद के अधीन मठ मंदिरों का पंजीयन किया गया है. अब तक सर्वेक्षित आंकड़ों के अनुसार राज्य के विभिन्न जिलों में मठ-मंदिरों की धार्मिक न्यास बोर्ड में उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार 29 हजार 460.258 एकड़ भूमि का आंकड़ा प्राप्त हुआ है. सर्वेक्षण में यह पाया गया है कि इसमें कतिपय लोगों द्वारा स्वयं को मालिकाना हक बताकर मठ मंदिरों के नाम पर पंजीकृत खेती एवं आवासीय योग्य भूमि को दूसरे के नाम से निबंधित कर दिया गया है. ऐसे लोगों की सूची तैयार की जा रही है।
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शीघ्र ही बेची गयी जमीन का केवालानामा रद्द करते हुए संबंधित मठ मंदिरों की जमीन में समाहित की जाएगी. इसकी अवैध रूप से बिक्री करने वाले या खरीदने वाले पर भी कार्रवाई की जाएगी. मंत्री कुमार ने मठ मंदिरों की भूमि को किसी अन्य के नाम पर जमाबंदी कायम करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर भी कार्रवाई के संकेत दिए हैं. उन्होंने कहा कि राज्य के 36 जिलों से आंकड़ा प्राप्त हो चुका है लेकिन अभी पश्चिमी चंपारण एवं किशनगंज से आंकड़ा उपलब्ध नहीं हो पाया है. दोनों जिलो के जिलाधिकारी एवं सक्षम पदाधिकारियों को यथाशीघ्र डाटा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है.
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