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बेतिया: पिपरासी PHC के पीछे गड्ढ़े से लाखों की दवा बरामद, अस्पताल प्रशासन के खिलाफ जांच की मांग

पिपरासी में गड्ढे में मिली तीन बोरी दवा की जांच भी पूरी नहीं हुई थी कि शनिवार को पीएचसी के पीछे गड्ढे में फिर एंटीबायोटिक दवा मिलने से सनसनी फैल गई. आक्रोशित लोगों ने पीएचसी प्रभारी के खिलाफ प्रदर्शन किया और जांच की मांग की.

Drugs recovered from pits
गड्ढ़े से लाखों की दवा बरामद
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Published : Aug 30, 2020, 1:08 PM IST

बेतिया(वाल्मीकिनगर): जिले के पिपरासी प्रखंड स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के पीछे चार गड्ढे से लाखों की दवा बरामद की गई. वहीं, ग्रामीणों ने जब इसकी शिकायत की तो अस्पताल प्रबंधन ने साक्ष्य छुपाने के लिए अन्य गड्ढों में दबाई गई दवाओं को बाहर निकलने लगे. अस्पताल प्रबंधन दवा को चोरी छिपे निकलवाकर गायब करने के फिराक में था. जब इसकी भनक स्थानीय लोगों को लगी तो मौके पर पहुंचकर लोगों ने हंगामा करना शुरू कर दिया और मौके पर उपलब्ध दवाओं को अपने कब्जे में ले लिया.

गड्ढे से लाखों की दवा बरामद
वहीं, हंगामे को बढ़ता देख दवा निकलवा रहे डॉक्टर अवनीश कुमार और बीएचएम रितेश कुमार स्वरूप पीएचसी से फरार हो गए. इसको लेकर ग्रामीणों ने अस्पताल पर जमकर हंगामा किया और सरकार विरोधी नारे भी लगाए. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि इतनी अनियमितता मिलने के बाद भी आज तक कोई भी अधिकारी इसकी जांच करने नहीं आया है. उन्होंने कहा कि अस्पताल के प्रभारी भी दो दिनों से गायब हैं इससें तो यही लगता है कि सभी लोग आपस मे मिले हुए हैं.

bettiah
बरामद दवा

ग्रामीणों ने किया हंगामा
सरपंच संघ के अध्यक्ष दिनेश्वर तिवारी, पैक्स अध्यक्ष कैलाश गुप्ता, उमेश यादव ने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बरती गई अनियमितता की पोल खुलनी शुरू हो गई है. सबसे पहले दवा दुकानदार से सर्जरी करना, लाखों की दवा मिट्टी में दबा देना, निकासी के बाद सामग्री नहीं खरीदना, कार्य मे लापरवाही, महीने में चार दिन हॉस्पिटल आना और फिर सबूत मिटाने के लिए चोरी से पीएचसी के पीछे दबी दवा को हटाने की साजिश करना इस सभी बातों से स्थानीय लोगों में आक्रोश है. वहीं, लोगों ने कहा कि इन सभी बातों के सार्वजनिक होने के बाद भी जांच नहीं होने पर सरकारी तंत्र पर भी सवाल खड़े होना लाजमी है.

बुधवार को 3 बोरी दवा हुई थी बरामद
बता दें कि बुधवार को प्रमुख यशवन्त नारायण यादव के नेतृत्व में दर्जनों लोगों ने पीएचसी के पीछे खुदाई करवाकर लाखों की दवा बरामद की थी. वहीं, तीन बोरी दवा को लोगों ने थाने को सुपुर्द करके आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की थी. वही, रविवार को सबूत छिपाने के लिए स्वास्थ्य कर्मी दवा को गढ्ढे से निकाल रहे थे. जिन्हे ग्रामीणों ने पकड़ लिया. सिविल सर्जन डॉ. अरुण कुमार सिन्हा ने बताया कि पहले मिले मामले के साथ इसकी भी जांच कराई जाएगी और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

बेतिया(वाल्मीकिनगर): जिले के पिपरासी प्रखंड स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के पीछे चार गड्ढे से लाखों की दवा बरामद की गई. वहीं, ग्रामीणों ने जब इसकी शिकायत की तो अस्पताल प्रबंधन ने साक्ष्य छुपाने के लिए अन्य गड्ढों में दबाई गई दवाओं को बाहर निकलने लगे. अस्पताल प्रबंधन दवा को चोरी छिपे निकलवाकर गायब करने के फिराक में था. जब इसकी भनक स्थानीय लोगों को लगी तो मौके पर पहुंचकर लोगों ने हंगामा करना शुरू कर दिया और मौके पर उपलब्ध दवाओं को अपने कब्जे में ले लिया.

गड्ढे से लाखों की दवा बरामद
वहीं, हंगामे को बढ़ता देख दवा निकलवा रहे डॉक्टर अवनीश कुमार और बीएचएम रितेश कुमार स्वरूप पीएचसी से फरार हो गए. इसको लेकर ग्रामीणों ने अस्पताल पर जमकर हंगामा किया और सरकार विरोधी नारे भी लगाए. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि इतनी अनियमितता मिलने के बाद भी आज तक कोई भी अधिकारी इसकी जांच करने नहीं आया है. उन्होंने कहा कि अस्पताल के प्रभारी भी दो दिनों से गायब हैं इससें तो यही लगता है कि सभी लोग आपस मे मिले हुए हैं.

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बरामद दवा

ग्रामीणों ने किया हंगामा
सरपंच संघ के अध्यक्ष दिनेश्वर तिवारी, पैक्स अध्यक्ष कैलाश गुप्ता, उमेश यादव ने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बरती गई अनियमितता की पोल खुलनी शुरू हो गई है. सबसे पहले दवा दुकानदार से सर्जरी करना, लाखों की दवा मिट्टी में दबा देना, निकासी के बाद सामग्री नहीं खरीदना, कार्य मे लापरवाही, महीने में चार दिन हॉस्पिटल आना और फिर सबूत मिटाने के लिए चोरी से पीएचसी के पीछे दबी दवा को हटाने की साजिश करना इस सभी बातों से स्थानीय लोगों में आक्रोश है. वहीं, लोगों ने कहा कि इन सभी बातों के सार्वजनिक होने के बाद भी जांच नहीं होने पर सरकारी तंत्र पर भी सवाल खड़े होना लाजमी है.

बुधवार को 3 बोरी दवा हुई थी बरामद
बता दें कि बुधवार को प्रमुख यशवन्त नारायण यादव के नेतृत्व में दर्जनों लोगों ने पीएचसी के पीछे खुदाई करवाकर लाखों की दवा बरामद की थी. वहीं, तीन बोरी दवा को लोगों ने थाने को सुपुर्द करके आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की थी. वही, रविवार को सबूत छिपाने के लिए स्वास्थ्य कर्मी दवा को गढ्ढे से निकाल रहे थे. जिन्हे ग्रामीणों ने पकड़ लिया. सिविल सर्जन डॉ. अरुण कुमार सिन्हा ने बताया कि पहले मिले मामले के साथ इसकी भी जांच कराई जाएगी और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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