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आखिरकार पकड़ी गई आदमखोर बाघिन, छह दिन से 150 लोग कर रहे थे तलाश - मानपुर जंगल

पश्चिम चंपारण जिले के मानपुर जंगल के पास से तीन इंसानों की जान लेने वाली आदमखोर बाघिन को पकड़ लिया गया. बाघिन के हमले में अब तक तीन लोगों की जान ले चुकी है. एक दम्पति को एक ही दिन बाघिन ने हमले में मार दिया था. बाघिन के पांव के निशान के आधार पर रेस्क्यू टीम मंगुराहा वन क्षेत्र के मानसरोबर नाले के पास पहुंची तो वहां बाघिन बेसुध पड़ी हुई थी.

Man eating tigress caught
आदमखोर बाघिन
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Published : Feb 18, 2021, 7:32 PM IST

बेतिया: पश्चिम चंपारण जिले के मानपुर जंगल के पास से तीन इंसानों की जान लेने वाली आदमखोर बाघिन को पकड़ लिया गया. पिछले छह दिन से वन विभाग के 150 लोगों की टीम बाघिन की तलाश कर रही थी. गुरुवार को मानपुर के सरेह से बाघिन को वन विभाग की टीम ने सफल रेस्क्यू कर लिया. ट्रेंकुलाइजर गन से बेहोश कर बाघिन को पकड़ा गया.

यह भी पढ़ें- बेतिया: बाघ के हमले से पति-पत्नी की मौत, एक की हालत गंभीर

6 दिन से पीछा कर रहे थे वन विभाग के कर्मी
वन विभाग के कर्मी आदमखोर बाघिन का पीछा छह दिन से कर रहे थे. पांव के निशान के आधार पर वन विभाग के कर्मियों ने कई जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए थे. गुरुवार को वह बेसुध पड़ी मिली, जिसके बाद उसे पहले बेहोश किया गया फिर पिंजड़े में कैद कर लिया गया.

तीन लोगों की जान ले चुकी है बाघिन
गौरतलब है कि पकड़ी गई बाघिन के हमले में अब तक तीन लोगों की जान ले चुकी है. एक दम्पति को एक ही दिन बाघिन ने हमले में मार दिया था. 12 फरवरी की रात दम्पति की बाघ के हमले में मौत हो गई थी. 13 फरवरी से बाघिन को पकड़ने के लिए रेस्क्यू टीम लगी थी. वन विभाग के रेस्क्यू टीम को चकमा देकर इधर- उधर भाग रही खूंखार बाघिन गुरुवार दोपहर को पकड़ी गई.

बाघिन के पांव के निशान के आधार पर रेस्क्यू टीम मंगुराहा वन क्षेत्र के मानसरोबर नाले के पास पहुंची तो वहां बाघिन बेसुध पड़ी हुई थी. बाघिन को देख रेस्क्यू टीम के सदस्यों ने अधिकारियों को सूचित किया. तुरंत जाल लगाकर बाघिन को कब्जे में लिया गया. प्राप्त जानकारी के अनुसार बाघिन पूरी तरह से लाचार हो गई है. उसके शरीर में जख्म भी हैं. ऐसा प्रतीत होता है कि वह कई दिनों से खाना नहीं खाई है. वीटीआर (वाल्मीकि टाइगर रिजर्व) के निदेशक हेमकांत राय ने बाघिन के पकड़ने जाने की पुष्टि की. उन्होंने बताया कि बाघिन को पिंजरे में कैद कर लाया गया. उसके स्वास्थ्य की जांच की जाएगी. ऐसा प्रतीत होता है कि बाघिन बूढ़ी हो गई है.

"बाघिन की स्थिति काफी नाजुक बनी हुई है. वह काफी कमजोर हो गई है. वह लगभग पांच दिन से शिकार नहीं कर पाई. बाघिन की पूंछ पर पुराना घाव है. बाघिन के सिर के पास भी घाव हो गए हैं. बेहतर इलाज के लिए बाघिन को पटना भेजा जा रहा है."- हेमकांत राय, निदेशक, वीटीआर

ग्रामीणों ने ली राहत की सांस
मन्गुराहा वन क्षेत्र के आस पास के ग्रामीणों ने बाघिन के पकड़े जाने पर राहत की सांस ली है. बाघिन ने तीन लोगों की जान लेने के साथ आधा दर्जन मवेशियों का शिकार किया था. बाघिन के खौफ से वन क्षेत्र के आस-पास के ग्रामीण दहशत में जी रहे थे. बाघिन के रेस्क्यू पर सभी ने राहत की सांस ली.

बेतिया: पश्चिम चंपारण जिले के मानपुर जंगल के पास से तीन इंसानों की जान लेने वाली आदमखोर बाघिन को पकड़ लिया गया. पिछले छह दिन से वन विभाग के 150 लोगों की टीम बाघिन की तलाश कर रही थी. गुरुवार को मानपुर के सरेह से बाघिन को वन विभाग की टीम ने सफल रेस्क्यू कर लिया. ट्रेंकुलाइजर गन से बेहोश कर बाघिन को पकड़ा गया.

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6 दिन से पीछा कर रहे थे वन विभाग के कर्मी
वन विभाग के कर्मी आदमखोर बाघिन का पीछा छह दिन से कर रहे थे. पांव के निशान के आधार पर वन विभाग के कर्मियों ने कई जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए थे. गुरुवार को वह बेसुध पड़ी मिली, जिसके बाद उसे पहले बेहोश किया गया फिर पिंजड़े में कैद कर लिया गया.

तीन लोगों की जान ले चुकी है बाघिन
गौरतलब है कि पकड़ी गई बाघिन के हमले में अब तक तीन लोगों की जान ले चुकी है. एक दम्पति को एक ही दिन बाघिन ने हमले में मार दिया था. 12 फरवरी की रात दम्पति की बाघ के हमले में मौत हो गई थी. 13 फरवरी से बाघिन को पकड़ने के लिए रेस्क्यू टीम लगी थी. वन विभाग के रेस्क्यू टीम को चकमा देकर इधर- उधर भाग रही खूंखार बाघिन गुरुवार दोपहर को पकड़ी गई.

बाघिन के पांव के निशान के आधार पर रेस्क्यू टीम मंगुराहा वन क्षेत्र के मानसरोबर नाले के पास पहुंची तो वहां बाघिन बेसुध पड़ी हुई थी. बाघिन को देख रेस्क्यू टीम के सदस्यों ने अधिकारियों को सूचित किया. तुरंत जाल लगाकर बाघिन को कब्जे में लिया गया. प्राप्त जानकारी के अनुसार बाघिन पूरी तरह से लाचार हो गई है. उसके शरीर में जख्म भी हैं. ऐसा प्रतीत होता है कि वह कई दिनों से खाना नहीं खाई है. वीटीआर (वाल्मीकि टाइगर रिजर्व) के निदेशक हेमकांत राय ने बाघिन के पकड़ने जाने की पुष्टि की. उन्होंने बताया कि बाघिन को पिंजरे में कैद कर लाया गया. उसके स्वास्थ्य की जांच की जाएगी. ऐसा प्रतीत होता है कि बाघिन बूढ़ी हो गई है.

"बाघिन की स्थिति काफी नाजुक बनी हुई है. वह काफी कमजोर हो गई है. वह लगभग पांच दिन से शिकार नहीं कर पाई. बाघिन की पूंछ पर पुराना घाव है. बाघिन के सिर के पास भी घाव हो गए हैं. बेहतर इलाज के लिए बाघिन को पटना भेजा जा रहा है."- हेमकांत राय, निदेशक, वीटीआर

ग्रामीणों ने ली राहत की सांस
मन्गुराहा वन क्षेत्र के आस पास के ग्रामीणों ने बाघिन के पकड़े जाने पर राहत की सांस ली है. बाघिन ने तीन लोगों की जान लेने के साथ आधा दर्जन मवेशियों का शिकार किया था. बाघिन के खौफ से वन क्षेत्र के आस-पास के ग्रामीण दहशत में जी रहे थे. बाघिन के रेस्क्यू पर सभी ने राहत की सांस ली.

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