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बेतिया: माले ने पुलिस विधेयक की प्रतियां जलाकर जताया विरोध - Copies of Police Bill burnt

पश्चिम चंपारण जिले के नरकटियागंज में माले ने बिहार सरकार द्वारा पुलिस बिल में संशोधन को लेकर विधेयक की प्रतियां जलाकर विरोध जताते हुए विरोध प्रदर्शन किया. साथ ही बिहार सरकार को घेरते हुए विधेयक वापस लेने की मांग की.

पश्चिम चंपारण
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Published : Mar 22, 2021, 9:36 PM IST

पश्चिम चंपारण: जिले के बेतिया में नरकटियागंज में बिहार सरकार द्वारा लाए गए बिहार पुलिस शस्त्र विधेयक के खिलाफ माले कार्यकर्ताओं ने विरोध मार्च निकालते हुए विधेयक की प्रतियां जलाईं. माले नेता यासिर अराफात ने कहा कि चोर दरवाजे से आयी संघ की गोद में बैठी सुशासन की सरकार अपना चुनावी वादा नहीं निभा सकी है. लेकिन, गरीबों, दलितों और अल्पसंख्यकों पर जुल्म करने के लिए और प्रदेश में पुलिसिया राज कायम करने के लिए पुलिस शस्त्र विधेयक लायी है.

ये भी पढ़ें- बगहा नगर परिषद खुले में फेंक रहा कचरा, सड़ांध से स्थानीय लोग परेशान

''पुलिस विधेयक में ये प्रावधान है कि शांति भंग होने और इससे निपटने के लिए विशेष शस्त्र पुलिस अधिकारी की नियुक्ति और पुलिस को बगैर वारंट के ही गिरफ्तार करने की छूट मिल जायेगी. बगैर सर्च वारंट के घर तलाशी का अधिकार मिल जायेगा. साथ ही इस विधेयक के लागू हो जाने पर न्यायालय को संज्ञान लेने के लिए सरकार से अनुमति लेनी होगी''- यासिर अराफात, माले नेता

माले नेताओं का प्रदर्शन
माले नेताओं का प्रदर्शन

'पुलिस बिल वापस लें सरकार'
सरकार जनता पर अंग्रेजी शासन की तरह अपना शासन चलाना चाहती है. आज प्रदेश के छात्र-नौजवानों को रोजगार के नाम नीतीश सरकार लाठी-डंडा दे रही है और जब ये छात्र-नौजवान सोशल मीडिया पर अपना विरोध प्रकट कर रहे हैं, तो मुकदमा दर्ज करने और रोजगार से वंचित करने की धमकी दे रहे हैं. जो की गैर लोकतांत्रिक है. माले नेताओं ने मांग करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार सोशल मीडिया पर लगे प्रतिबंध और प्रदेश में बिहार शस्त्र पुलिस विधेयक को वापस लें.

पश्चिम चंपारण: जिले के बेतिया में नरकटियागंज में बिहार सरकार द्वारा लाए गए बिहार पुलिस शस्त्र विधेयक के खिलाफ माले कार्यकर्ताओं ने विरोध मार्च निकालते हुए विधेयक की प्रतियां जलाईं. माले नेता यासिर अराफात ने कहा कि चोर दरवाजे से आयी संघ की गोद में बैठी सुशासन की सरकार अपना चुनावी वादा नहीं निभा सकी है. लेकिन, गरीबों, दलितों और अल्पसंख्यकों पर जुल्म करने के लिए और प्रदेश में पुलिसिया राज कायम करने के लिए पुलिस शस्त्र विधेयक लायी है.

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''पुलिस विधेयक में ये प्रावधान है कि शांति भंग होने और इससे निपटने के लिए विशेष शस्त्र पुलिस अधिकारी की नियुक्ति और पुलिस को बगैर वारंट के ही गिरफ्तार करने की छूट मिल जायेगी. बगैर सर्च वारंट के घर तलाशी का अधिकार मिल जायेगा. साथ ही इस विधेयक के लागू हो जाने पर न्यायालय को संज्ञान लेने के लिए सरकार से अनुमति लेनी होगी''- यासिर अराफात, माले नेता

माले नेताओं का प्रदर्शन
माले नेताओं का प्रदर्शन

'पुलिस बिल वापस लें सरकार'
सरकार जनता पर अंग्रेजी शासन की तरह अपना शासन चलाना चाहती है. आज प्रदेश के छात्र-नौजवानों को रोजगार के नाम नीतीश सरकार लाठी-डंडा दे रही है और जब ये छात्र-नौजवान सोशल मीडिया पर अपना विरोध प्रकट कर रहे हैं, तो मुकदमा दर्ज करने और रोजगार से वंचित करने की धमकी दे रहे हैं. जो की गैर लोकतांत्रिक है. माले नेताओं ने मांग करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार सोशल मीडिया पर लगे प्रतिबंध और प्रदेश में बिहार शस्त्र पुलिस विधेयक को वापस लें.

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