बेतियाः बिहार के बेतिया में जदयू के एमएलसी प्रत्याशी राजेश राम ने पर्चा भरा (JDU MLC Candidate Rajesh Ram) हैं. बेतिया डीएम सह निर्वाची पदाधिकारी कुंदन कुमार के समक्ष उन्होंने पर्चा भरा है. लेकिन जेडीयू प्रत्याशी राजेश राम के नामांकन में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के गृह जिले में एनडीए एकजुट नहीं दिखे. नामांकन के दौरान न तो बीजेपी के कोई विधायक थे और न ही पार्टी के कार्यकर्ता.
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बीजेपी के नहीं थे कोई विधायकः बेतिया कलेक्ट्रेट स्थित कार्यालय में निर्वाचन अधिकारी सह डीएम कुंदन कुमार के समक्ष जदयू के प्रत्याशी राजेश राम ने अपना नामांकन दाखिल किया. मौके पर वाल्मीकिनगर सांसद सुनील कुमार, एमएलसी भीष्म सहनी, वाल्मीकिनगर विधायक धीरेंद्र प्रताप सिंह उर्फ रिंकू सिंह, जेडीयू जिला अध्यक्ष शत्रुहन कुशवाहा मौजूद थे. लेकिन बीजेपी के कोई विधायक और न ही पार्टी के कोई कार्यकर्ता थे.
नामांकन के दौरान थे जदयू कार्यकर्ता और नेताः वहीं नामांकन दाखिल करने के बाद जदयू एमएलसी प्रत्याशी राजेश राम ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं हम सब एक हैं. बीजेपी के कार्यकर्ता व नेता आए हुए हैं. वह बाहर समर्थकों के साथ हैं. तो ऐसे में सवाल उठता है कि जब बीजेपी कार्यकर्ता मौजूद हैं, तो नामांकन में सिर्फ जदयू के बड़े-बड़े नेता ही क्यों गये. इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि एनडीए गठबंधन में सब कुछ ठीक ढंग से नहीं चल रहा है.
4 अप्रैल को होगा मतदान: राज्य निर्वाचन आयोग ने 4 अप्रैल को मतदान की तारीख तय की है. 9 मार्च को विधान परिषद चुनाव के लिए अधिसूचना जारी होगी. इसके साथ ही नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी. उम्मीदवार अपना नामांकन 16 मार्च तक कर पाएंगे, जबकि नामांकन पत्रों की जांच 17 मार्च को होगी. 21 मार्च तक नाम वापस लिए जा सकेंगे. 4 अप्रैल को मतदान का दिन रखा गया है. सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक वोटिंग होगी. विधान परिषद चुनाव के लिए मतगणना 7 अप्रैल को होगी.
बिहार में आचार संहिता लागू: मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि एमएलसी चुनाव को लेकर प्रदेश में आचार संहिता आज से लागू हो गई है. इस बार चुनाव के दौरान लोकसभा सांसद और विधायकों को उनके क्षेत्र के किसी एक प्रखंड में मतदान देने का अधिकार होगा. जिन विधानसभा क्षेत्र में दो से तीन ब्लॉक आते हैं, ऐसे में विधायक और लोकसभा सांसद के लिए अपने क्षेत्र के किसी एक ब्लॉक के मतदान केंद्र को चुनने का अधिकार होगा, जहां वह मतदान के दिन मतदान कर सकेंगे.
वोटर लिस्ट 7 मार्च को होगी जारी: इससे पहले विधायकों और लोकसभा सांसदों से रिटर्निंग ऑफिसर उनका मनपसंद मतदान केंद्र पूछेंगे और उनके लिए वह मतदान केंद्र वोटिंग के लिए सुनिश्चित करेंगे. राज्यसभा सांसदों और विधान पार्षदों को सिर्फ वोटर लिस्ट वाले मतदान केंद्र में वोट करने का अधिकार होगा. वोटर लिस्ट 7 मार्च को जारी की जाएगी. अगर किसी का नाम कुछ गलत है या नाम में कुछ जुड़वाना है तो 11 मार्च तक वह अपने नाम में सुधार करा सकते हैं.
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