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शिक्षक अभ्यर्थी अपनी मांगों को लेकर ट्विटर पर चला रहे कैंपेन, 10 लाख ट्वीट का लक्ष्य, जाने क्या है हैश टैग

शिक्षक अभ्यर्थी अपनी मांगों को लेकर ट्विटर पर कैंपेन चला रहे है. हैश टैग #बदहाल_माध्यमिक_शिक्षा_बिहार और #BSTET19_RESULT_AND_JOINING ट्रेंड कराने के फैसला लिया है. इसके लिए 10 लाख ट्वीट का लक्ष्य रखा गया है.

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Published : Jun 2, 2021, 5:51 PM IST

बेतिया: बीएसडब्ल्यूसी के तत्वावधान में शिक्षक अभ्यर्थियों ने सरकार के घेरने के लिए गुगल जूम पर मीटिंग की. इस दौरान ट्विटर पर कैंपेन चलाने के निर्णय लिया है. बीएसडब्ल्यूसी ने हैश टैग #बदहाल_माध्यमिक_शिक्षा_बिहार और #BSTET19_RESULT_AND_JOINING ट्रेंड कराने के फैसला लिया है. इसके लिए 10 लाख ट्वीट का लक्ष्य रखा गया है.

ये भी पढ़ेंः शिक्षक नियोजन: सरकार से टूट रहा भरोसा, बार-बार आश्वासन से ऊब चुके हैं अभ्यर्थी

अभ्यर्थियों ने कहा कि सरकार केवल बड़ी-बड़ी घोषणाएं करती है. धरातल पर कुछ भी नहीं कर रही है. जिसका उदाहरण वर्तमान में चल रही शिक्षक बहाली की प्रक्रिया है. सरकार के घोषणा के अनुसार हर पंचायत में एक हाईस्कूल की स्थापना की गई है, लेकिन क्या बच्चे विद्यालय भवन को देखकर पढ़ेंगे. बिहार के लगभग सभी स्कूलों में शिक्षकों की कमी है.

संपूर्ण शिक्षक बहाली के संयोजक मो. गौहर अहमद और बहाली मोर्चा के संयोजक सोनू कुमार सोनी ने कहा कि माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षक बहाली प्रक्रिया का हाल बहुत बुरा है.

2011 के बाद 2020 में 37,000 पदों के लिए माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा STET 2019 आयोजित किया गया. पहली बार परीक्षा का आयोजन जनवरी 2020 में किया गया. बाद में कोर्ट में मामला गया और परीक्षा रद्द कर दी गई. फिर कोरोना काल में सितम्बर 2021 में ऑनलाइन परीक्षा ली गई.

ये मामला भी कोर्ट में गया. बाद में पटना हाई कोर्ट के आदेश पर ही रिजल्ट घोषित किया गया. कुछ विषयों के रिजल्ट घोषित होने अब भी बाकी हैं, लेकिन अब इस बहाली को पूर्ण करने के बजाए सरकार सातवें चरण की बात कह कर टाल रही है.

बेतिया: बीएसडब्ल्यूसी के तत्वावधान में शिक्षक अभ्यर्थियों ने सरकार के घेरने के लिए गुगल जूम पर मीटिंग की. इस दौरान ट्विटर पर कैंपेन चलाने के निर्णय लिया है. बीएसडब्ल्यूसी ने हैश टैग #बदहाल_माध्यमिक_शिक्षा_बिहार और #BSTET19_RESULT_AND_JOINING ट्रेंड कराने के फैसला लिया है. इसके लिए 10 लाख ट्वीट का लक्ष्य रखा गया है.

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अभ्यर्थियों ने कहा कि सरकार केवल बड़ी-बड़ी घोषणाएं करती है. धरातल पर कुछ भी नहीं कर रही है. जिसका उदाहरण वर्तमान में चल रही शिक्षक बहाली की प्रक्रिया है. सरकार के घोषणा के अनुसार हर पंचायत में एक हाईस्कूल की स्थापना की गई है, लेकिन क्या बच्चे विद्यालय भवन को देखकर पढ़ेंगे. बिहार के लगभग सभी स्कूलों में शिक्षकों की कमी है.

संपूर्ण शिक्षक बहाली के संयोजक मो. गौहर अहमद और बहाली मोर्चा के संयोजक सोनू कुमार सोनी ने कहा कि माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षक बहाली प्रक्रिया का हाल बहुत बुरा है.

2011 के बाद 2020 में 37,000 पदों के लिए माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा STET 2019 आयोजित किया गया. पहली बार परीक्षा का आयोजन जनवरी 2020 में किया गया. बाद में कोर्ट में मामला गया और परीक्षा रद्द कर दी गई. फिर कोरोना काल में सितम्बर 2021 में ऑनलाइन परीक्षा ली गई.

ये मामला भी कोर्ट में गया. बाद में पटना हाई कोर्ट के आदेश पर ही रिजल्ट घोषित किया गया. कुछ विषयों के रिजल्ट घोषित होने अब भी बाकी हैं, लेकिन अब इस बहाली को पूर्ण करने के बजाए सरकार सातवें चरण की बात कह कर टाल रही है.

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