पश्चिमी चम्पारण(बेतिया): चक्रवर्ती तूफान यास(Yass Cyclone) का असर बेतिया(Bettiah) में देखने को मिला है. गौनाहा प्रखंड क्षेत्र में हो रही तीन दिनों से लगातार मुसलाधार बारिश के कारण पंडई पुल का एप्रोच कट गया है. डुमरीया गांव के समीप पुलिया का एप्रोच बह गया है. वहीं, भटनी गांव के पास बन रहें पुल का डायवर्सन कट गया है. जिससे दर्जनों गांव का संपर्क पूरी तरह से कट गया है.
ये भी पढ़ें...Cyclone Yaas Effect: मधुबनी में 10 सेकेंड में मकान हुआ धराशायी, देखें वीडियो
लगातार बारिश से हो सकती है तबाही
डायवर्सन के कटने से लोगों को आठ किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करना पर रही है. वहीं प्रखंड क्षेत्र कि अधिकांश नदियां उफान पर है. इसी तरह अगर लगातार बारिश होती रही तो प्रखंड क्षेत्र के लोग एक बार फिर से बाढ़ के चपेट में आ सकते हैं.
ये भी पढ़ें...दरभंगा: यास तूफान की बारिश में डीएमसीएच जलमग्न, मेडिसिन वार्ड में मरीजों के बेड तक पहुंचा पानी
पुल का एप्रोच कट जाने से परेशानी
सहोदरा गौनाहा मुख्य सड़क में पंडई नदी का एप्रोच कटने और डुमरीया गांव के समीप पुल का एप्रोच कट जाने से डुमरीया, प्रसंडा, धेधवलीया, राजपुर, देवाढ़, रतनी, रतनपुरवा, लालकोठी आदि गांवों का संपर्क प्रखंड मुख्यालय और हाॅस्पिटल से कट गया है.
ये भी पढ़ें...बिहार सरकार के दावों की खुली पोल, बारिश होते ही अस्पताल हुए 'पानी-पानी'
बारिश से जनजीवन प्रभावित
वहीं, दोमाठ, विसुनपुरवा, महायोगीन, धर्मपुर, बलबल आदि गांवों का संपर्क अनुमंडल मुख्यालय से कट गया है. दूसरी तरफ गौनाहा सहोदरा मुख्य पथ में पंडई नदी पर बने पुल का एप्रोच कटने लगा है. पुल का एप्रोच कट जाने से प्रखंड क्षेत्र के आधे से अधिक अबादी प्रभावित हो सकती है.
पुल बह जाने के कारण हो रही परेशानी
ऐसे ही भटनी गांव के समीप बनाये जा रहे पुल का कमजोर डायवर्सन के पानी के साथ बह जाने के कारण धमौरा, बनबैरीया, सुपौली, खैरटीया, परसौनी, इमीलीता टोला आदि गांवों का संपर्क प्रखंड मुख्यालय और हाॅस्पिटल से कट गया है. लोगों को हाॅस्पिटल पहुंचने के लिए आठ किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करना पड़ रही है.
क्या कहते हैं स्थानीय
भटनी निवासी राम कुमार, हरेराम पटवारी, बिरेन्द्र पटवारी, महाबीर महतो, राजेन्द्र महतो, अमीरका महतो, शीव खोजवार, प्रभु पटवारी, संतोष महतो राहुल महतो, बंहु महतो, आदि ने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि संवेदक के द्वारा पहलें सड़क को तोड़ दिया गया. बाद में आनन-फानन में कमजोर और कामचलाऊ डायवर्सन का निर्माण किया गया जो काफी कमजोर था.
डायवर्सन कमजोर होने के कारण ही बारिश के पानी के साथ बह गया है. वहीं, बीच सड़क पोखरा में तब्दील हो गया है. स्थानीय लोगों की मदद से दो पहिया वाहन के लिए फिर से डायवर्सन तैयार कर आवागमन चालू किया गया है. हालांकि, अभी भी बड़े वाहनों को आठ किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पर रही है.