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बगहा: रिहायशी इलाके में मगरमच्छ, वन कर्मियों ने रेस्क्यू कर गंडक नदी में छोड़ा - मगरमच्छ

बगहा के रामनगर के भावल गांव में एक मगरमच्छ पहुंच गया. जिसके बाद ग्रामीणों ने वन विभाग को सूचना दी. सूचना पर पहुंची वनकर्मियों ने मगरमच्छ का रेस्क्यू कर गंडक नदी में छोड़ दिया.

मगरमच्छ
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Published : Jun 20, 2021, 6:56 AM IST

पश्चिम चंपारण (बगहा): बिहार के बगहा क्षेत्र में आई बाढ़ की वजह से जलीय और वन्य जीव रिहायशी इलाकों में पहुंचने लगे हैं. इसी क्रम में रामनगर प्रखंड के भावल गांव में एक मगरमच्छ ( Crocodile ) पहुंच गया. जिसके बाद ग्रामीणों ने वन विभाग को सूचना दी. सूचना पर पहुंची वन कर्मियों ने पोखरा से मगरमच्छ का रेस्क्यू कर गंडक नदी (Gandak river) में छोड़ दिया.

यह भी पढ़ें: दिल थाम के देखिए VIDEO, ट्रैक पर बाइक, बस 18 सेकेंड की दूरी पर दौड़ रही थी मौत

गांव के पोखर में घुसा मगरमच्छ
रामनगर प्रखंड के भावल गांव स्थित निजी पोखरा के किनारे मगरमच्छ देख ग्रामीणों में हड़कंप मच गया. दरअसल, गंडक नदी में जलस्तर वृद्धि के बाद कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात है. लिहाजा जलीय जीव भी पानी के साथ बहकर रिहायशी इलाकों में पहुंच रहे हैं. इसी क्रम में भावल गांव के एक पोखरा किनारे मगरमच्छ धूप का आनंद ले रहा था. जिसको ग्रामीणों ने देख लिया.

देखें विडियो

गंडक नदी को बनाया गया है घड़ियालों का आश्रयणी क्षेत्र
वाइल्ड लाइफ ऑफ इंडिया ( Wild Life of India ) और वन विभाग ( Forest Department ) ने गंडक नदी में मगरमच्छ और घड़ियालों का आश्रयणी क्षेत्र बनाया है और बड़े पैमाने पर इनके संरक्षण का कार्य चल रहा है. अधिकारियों के मुताबिक चंबल नदी के बाद देश का दूसरा नदी गंडक है, जहां घड़ियालों की संख्या 400 के करीब पहुंच गई है. ऐसे में गंडक नदी से मगरमच्छ या घड़ियाल रिहायशी इलाकों में पहुंच जाते हैं.

यह भी पढ़ें: Arwal Flood News: उफनती सोन नदी में बहे 5 ट्रैक्टर, 4 दर्जन गाड़ियों के साथ कई चालक फंसे

मगरमच्छ का रेस्क्यू कर गंडक नदी में छोड़ा
मगरमच्छ मिलने की सूचना गांव में आग की तरह फैल गई और उसे देखने के लिए लोगों का जमावड़ा लग गया. लोग डरे सहमे भी थे कि मगरमच्छ को पकड़ा नहीं गया तो यह गांव में घुसकर नुकसान पहुंचा सकता है. नतीजतन ग्रामीणों ने वन विभाग को इसकी सूचना दी. सूचना के बाद मौके पर पहुंचे वनकर्मियों ने मगरमच्छ का रेस्क्यू कर गंडक नदी में छोड़ दिया.

पश्चिम चंपारण (बगहा): बिहार के बगहा क्षेत्र में आई बाढ़ की वजह से जलीय और वन्य जीव रिहायशी इलाकों में पहुंचने लगे हैं. इसी क्रम में रामनगर प्रखंड के भावल गांव में एक मगरमच्छ ( Crocodile ) पहुंच गया. जिसके बाद ग्रामीणों ने वन विभाग को सूचना दी. सूचना पर पहुंची वन कर्मियों ने पोखरा से मगरमच्छ का रेस्क्यू कर गंडक नदी (Gandak river) में छोड़ दिया.

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गांव के पोखर में घुसा मगरमच्छ
रामनगर प्रखंड के भावल गांव स्थित निजी पोखरा के किनारे मगरमच्छ देख ग्रामीणों में हड़कंप मच गया. दरअसल, गंडक नदी में जलस्तर वृद्धि के बाद कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात है. लिहाजा जलीय जीव भी पानी के साथ बहकर रिहायशी इलाकों में पहुंच रहे हैं. इसी क्रम में भावल गांव के एक पोखरा किनारे मगरमच्छ धूप का आनंद ले रहा था. जिसको ग्रामीणों ने देख लिया.

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गंडक नदी को बनाया गया है घड़ियालों का आश्रयणी क्षेत्र
वाइल्ड लाइफ ऑफ इंडिया ( Wild Life of India ) और वन विभाग ( Forest Department ) ने गंडक नदी में मगरमच्छ और घड़ियालों का आश्रयणी क्षेत्र बनाया है और बड़े पैमाने पर इनके संरक्षण का कार्य चल रहा है. अधिकारियों के मुताबिक चंबल नदी के बाद देश का दूसरा नदी गंडक है, जहां घड़ियालों की संख्या 400 के करीब पहुंच गई है. ऐसे में गंडक नदी से मगरमच्छ या घड़ियाल रिहायशी इलाकों में पहुंच जाते हैं.

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मगरमच्छ का रेस्क्यू कर गंडक नदी में छोड़ा
मगरमच्छ मिलने की सूचना गांव में आग की तरह फैल गई और उसे देखने के लिए लोगों का जमावड़ा लग गया. लोग डरे सहमे भी थे कि मगरमच्छ को पकड़ा नहीं गया तो यह गांव में घुसकर नुकसान पहुंचा सकता है. नतीजतन ग्रामीणों ने वन विभाग को इसकी सूचना दी. सूचना के बाद मौके पर पहुंचे वनकर्मियों ने मगरमच्छ का रेस्क्यू कर गंडक नदी में छोड़ दिया.

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