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Bettiah: पिपरासी के हजारों घरों में घुसा बाढ़ का पानी, बांध पर शरण लेने पहुंचे लोग

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Published : Jun 18, 2021, 1:43 PM IST

बेतिया (Bettiah) में पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश और गंडक बराज से छोड़े गए पानी से पिपरासी प्रखंड के कई पंचायतों के घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है. लोग पहले से बनाये गए सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं. अधिकारियों को बाढ़ की सूचना दे दी गई है.

पिपरासी के कई पंचायतों के हजारों घरों में घुसा बाढ़ का पानी
पिपरासी के कई पंचायतों के हजारों घरों में घुसा बाढ़ का पानी

बेतिया (वाल्मीकिनगर): पिछले पांच दिनों से हुई मूसलाधार बारिश और गंडक बराज से छोड़े गए पानी से पिपरासी प्रखंड के सेमरा लबेदहा, बलुआ पंचायत पूर्ण रूप से प्रभावित हुए हैं. वहीं मंझरिया पंचायत का 50 प्रतिशत हिस्सा प्रभावित हुआ है.

ये भी पढ़ें- राहत की खबर: गंडक को छोड़कर सभी नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे

सड़कें हुईं क्षतिग्रस्त
इन पंचायतों की मुख्य सड़कों के साथ सहायक सड़कें बाढ़ के पानी से काफी क्षतिग्रस्त हुई हैं. रेन कट से सड़कें टूटने लगी हैं. वहीं मुख्य सड़कों पर बाढ़ का पानी तीन से चार फीट बहने से लोगों के आवागमन में काफी दिक्कत हो रही है. लोग जान जोखिम में डाल कर जीवन रक्षक सामग्रियों की व्यवस्था कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- Nawada Flood : DM ने जलाशयों और संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का किया निरीक्षण

सरकारी राशन लोगों का बना सहारा
मंझरिया पंचायत के कतकी, बहरिस्थान, पांडेय छपरा, मंझरिया खास, गोबरहिया, रामनगर, धुसवा टोला आदि गांव के अधिकांश लोग किसान व मजदूर वर्ग के हैं. लॉकडाउन के बाद बाढ़ ने लोगों के सामने बड़ी समस्या खड़ी कर दी है. पिछले साल भी धान नहीं होने से लोगों की समस्या और ही बढ़ गई है.

परिस्थिति यह है कि जैसे ही डीलरों ने राशन वितरण शुरू किया, इन गांवों के लोग बाढ़ के बावजूद तीन से चार पानी को पार करते हुए राशन दुकान पहुंच गये.

ग्रामीणों ने बताया कि इस राशन से ही भरपेट भोजन उपलब्ध हो रहा है. सरकार के इस कदम की लोगों ने सराहते हुए कहा कि जिस प्रकार सरकार लोगों को राशन उपलब्ध करा रही है, उसी प्रकार से यदि रोजगार व बाढ़ का स्थाई उपाय कर देती तो बहुत अच्छा होता. इस पंचायत में कुल 7 हजार आबादी बाढ़ से प्रभावित है.

ये भी पढ़ें- नेपाल में हो रही बारिश से उफनाई भुतही बलान नदी, बह रही खतरे के निशान से 2 फीट ऊपर

गांवों में पानी घुसा
सेमरा लबेदहा पंचायत के श्रीपतनगर, नया टोला भैसहिया, कांटी टोला, साठी टोला गांव में कुल 800 परिवार बाढ़ की चपेट में आये हैं. इस गांव में बुधवार को दोपहर 12 बजे से गांव में पानी घुसना शुरू हुआ था.

गांव के लोग बताते है कि शाम को जिस तेजी से जलस्तर में वृद्धि हो रही थी, उससे यही लग रहा था कि रात में पानी घुस जाएगा. इसको देखते हुए घर के बुजुर्ग लोग रात भर जगे हुए थे, रात दो बजे घरों में पानी आते ही लोग निर्माणाधीन रेल बांध पर शरण लेने के लिए पहुंचने लगे.

ये भी पढ़ें- बेतिया: DM ने किया वाल्मीकिनगर गंडक बराज का निरीक्षण, कहा- 'किसी भी तरह की नहीं बरती जाए लापरवाही'

बाढ़ की सूचना सीओ को दी गई
बलुआ पंचायत स्थित मदरहवा, टाड़ी टोला, मुजा टोला, बलुआ आदि गांव में कुल 900 परिवारों की आबादी है. इस गांव में रात 11 बजे पानी घुस गया. सुबह होते ही सभी घरों में दो से तीन फीट गहरा पानी लग गया था. यहां हर वर्ष बाढ़ आने की समस्या को देखते हुए ग्रामीण पहले से बनाये गए मचान आदि पर शरण लिए हुए थे. सरपंच अम्बिका प्रसाद कुशवाहा ने बताया कि पंचायत पूर्ण रूप से बाढ़ से प्रभावित हो गया है. उन्होंने बताया कि इसकी सूचना सीओ को दे दी गई है.

जलस्तर बढ़ने से बढ़ी कटाव की समस्या
गंडक के जलस्तर में में धीरे-धीरे गिरावट दर्ज की जा रही है. दोपहर 3 बजे तक 2.5 लाख क्यूसेक से भी कम पानी का डिस्चार्ज, वाल्मीकिनगर बराज से किया गया है. इससे गंडक के जलस्तर में गिरावट तो हो रही है. लेकिन इससे कटाव का खतरा बढ़ गया है.

बीडीओ बिड्डू कुमार राम ने बताया कि बाढ़ के दौरान लोगों को किसी प्रकार की समस्या न हो, यह देखते हुए एमओ को राशन वितरण करने का निर्देश दिया है. सीओ फहीमुद्दीन अंसारी ने बताया कि बाढ़ की समस्या पर नजर रखी जा रही है. पूरी जानकारी उच्चाधिकारियों को भेजी गयी है.

ये भी पढ़ें- सारण: जलस्तर बढ़ने से गंडक किनारे कटाव जारी, पानापुर के दर्जनों गांवों में बाढ़ का खतरा

ये भी पढ़ें- गंडक में उफानः कहीं फिर टूट ना जाए 70 घाट पुल की सड़क, बचाने के लिए यह है तैयारी

बेतिया (वाल्मीकिनगर): पिछले पांच दिनों से हुई मूसलाधार बारिश और गंडक बराज से छोड़े गए पानी से पिपरासी प्रखंड के सेमरा लबेदहा, बलुआ पंचायत पूर्ण रूप से प्रभावित हुए हैं. वहीं मंझरिया पंचायत का 50 प्रतिशत हिस्सा प्रभावित हुआ है.

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सड़कें हुईं क्षतिग्रस्त
इन पंचायतों की मुख्य सड़कों के साथ सहायक सड़कें बाढ़ के पानी से काफी क्षतिग्रस्त हुई हैं. रेन कट से सड़कें टूटने लगी हैं. वहीं मुख्य सड़कों पर बाढ़ का पानी तीन से चार फीट बहने से लोगों के आवागमन में काफी दिक्कत हो रही है. लोग जान जोखिम में डाल कर जीवन रक्षक सामग्रियों की व्यवस्था कर रहे हैं.

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सरकारी राशन लोगों का बना सहारा
मंझरिया पंचायत के कतकी, बहरिस्थान, पांडेय छपरा, मंझरिया खास, गोबरहिया, रामनगर, धुसवा टोला आदि गांव के अधिकांश लोग किसान व मजदूर वर्ग के हैं. लॉकडाउन के बाद बाढ़ ने लोगों के सामने बड़ी समस्या खड़ी कर दी है. पिछले साल भी धान नहीं होने से लोगों की समस्या और ही बढ़ गई है.

परिस्थिति यह है कि जैसे ही डीलरों ने राशन वितरण शुरू किया, इन गांवों के लोग बाढ़ के बावजूद तीन से चार पानी को पार करते हुए राशन दुकान पहुंच गये.

ग्रामीणों ने बताया कि इस राशन से ही भरपेट भोजन उपलब्ध हो रहा है. सरकार के इस कदम की लोगों ने सराहते हुए कहा कि जिस प्रकार सरकार लोगों को राशन उपलब्ध करा रही है, उसी प्रकार से यदि रोजगार व बाढ़ का स्थाई उपाय कर देती तो बहुत अच्छा होता. इस पंचायत में कुल 7 हजार आबादी बाढ़ से प्रभावित है.

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गांवों में पानी घुसा
सेमरा लबेदहा पंचायत के श्रीपतनगर, नया टोला भैसहिया, कांटी टोला, साठी टोला गांव में कुल 800 परिवार बाढ़ की चपेट में आये हैं. इस गांव में बुधवार को दोपहर 12 बजे से गांव में पानी घुसना शुरू हुआ था.

गांव के लोग बताते है कि शाम को जिस तेजी से जलस्तर में वृद्धि हो रही थी, उससे यही लग रहा था कि रात में पानी घुस जाएगा. इसको देखते हुए घर के बुजुर्ग लोग रात भर जगे हुए थे, रात दो बजे घरों में पानी आते ही लोग निर्माणाधीन रेल बांध पर शरण लेने के लिए पहुंचने लगे.

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बाढ़ की सूचना सीओ को दी गई
बलुआ पंचायत स्थित मदरहवा, टाड़ी टोला, मुजा टोला, बलुआ आदि गांव में कुल 900 परिवारों की आबादी है. इस गांव में रात 11 बजे पानी घुस गया. सुबह होते ही सभी घरों में दो से तीन फीट गहरा पानी लग गया था. यहां हर वर्ष बाढ़ आने की समस्या को देखते हुए ग्रामीण पहले से बनाये गए मचान आदि पर शरण लिए हुए थे. सरपंच अम्बिका प्रसाद कुशवाहा ने बताया कि पंचायत पूर्ण रूप से बाढ़ से प्रभावित हो गया है. उन्होंने बताया कि इसकी सूचना सीओ को दे दी गई है.

जलस्तर बढ़ने से बढ़ी कटाव की समस्या
गंडक के जलस्तर में में धीरे-धीरे गिरावट दर्ज की जा रही है. दोपहर 3 बजे तक 2.5 लाख क्यूसेक से भी कम पानी का डिस्चार्ज, वाल्मीकिनगर बराज से किया गया है. इससे गंडक के जलस्तर में गिरावट तो हो रही है. लेकिन इससे कटाव का खतरा बढ़ गया है.

बीडीओ बिड्डू कुमार राम ने बताया कि बाढ़ के दौरान लोगों को किसी प्रकार की समस्या न हो, यह देखते हुए एमओ को राशन वितरण करने का निर्देश दिया है. सीओ फहीमुद्दीन अंसारी ने बताया कि बाढ़ की समस्या पर नजर रखी जा रही है. पूरी जानकारी उच्चाधिकारियों को भेजी गयी है.

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