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बेतिया: बाढ़ के बाद कटाव का दंश झेल रहे ग्रामीण, पीड़ितों की सुध लेने नहीं पहुंचा कोई अधिकारी - beetiah news

बेतिया के चनपटिया में बाढ़ पीड़ित कटाव का दंश झेल रहे हैं. जिसके कारण 5 सितंबर से कटाव पीड़ित सिकरहना नदी के किनारे धरना दे रहे हैं और भूख हड़ताल पर बैठे हैं.

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Published : Sep 17, 2020, 1:31 PM IST

बेतियाः चनपटिया में बाढ़ पीड़ित कटाव का दंश झेल रहे हैं. पिछले 5 सितंबर से कटाव पीड़ित सिकरहना नदी के किनारे धरना दे रहे हैं और भूख हड़ताल पर बैठे हैं. 14 सितंबर के दिन यह कटवा पीड़ित चनपटिया ब्लॉक पर भी धरना दे चुके हैं. लेकिन इसके बावजूद आज तक इन लोगों का हाल जानने कोई भी अधिकारी इनके गांव नहीं पहुंचा हैं.

बता दें कि सिकरहना नदी तुलाराम घाट के पास कटाव हो रहा है. इससे 4 गांव प्रभावित है. 30 से 40 एकड़ खेती की जमीन कट गई है, तो वहीं 6 से 7 घर नदी में कटाव का भेंट चढ़ चुका है.

देखें पूरी रिपोर्ट

बाढ़ पीड़ित नदी किनारे दे रहे धरना
कटाव पीड़ित ग्रामीण पक्का ठोकर बनाने की मांग को लेकर पिछले 5 सितंबर से नदी किनारे धरना दे रहे हैं और अनशन कर रहे हैं. अनशनकारी प्रतिदिन इस उम्मीद में बैठते हैं कि कोई अधिकारी नदी किनारे आएगा और उनका अनशन तोड़वायेगा और ठोकर बांध बनवाने को लेकर आश्वासन देगा. लेकिन यह बाढ़ पीड़ित कटवा से परेशान हैं और इनके धरना स्थल पर कोई भी अधिकारी अभी तक नहीं पहुंचे हैं. ग्रामीणों ने प्रशासन को झुकाने के लिए ठोकर बांध बनवाने के लिए गांधीवादी रास्ता निकाला है. महिलाएं भी एक-एक दिन बाद अनशन पर बैठती हैं.

बाढ़ पीड़ित भूख हड़ताल पर बैठे
विडंबना यह है कि चुनाव का समय है और अभी तक सांसद, विधायक भी इन कटाव पीड़ितों का हाल जानना मुनासिब नहीं समझे हैं. अब देखने वाली बात होगी कि यह कटाव पीड़ित कब तक धरने पर बैठे रहते हैं और कब तक अनशन करते हैं. कब इनकी फरियाद प्रशासनिक अधिकारी सुनते हैं.

बेतियाः चनपटिया में बाढ़ पीड़ित कटाव का दंश झेल रहे हैं. पिछले 5 सितंबर से कटाव पीड़ित सिकरहना नदी के किनारे धरना दे रहे हैं और भूख हड़ताल पर बैठे हैं. 14 सितंबर के दिन यह कटवा पीड़ित चनपटिया ब्लॉक पर भी धरना दे चुके हैं. लेकिन इसके बावजूद आज तक इन लोगों का हाल जानने कोई भी अधिकारी इनके गांव नहीं पहुंचा हैं.

बता दें कि सिकरहना नदी तुलाराम घाट के पास कटाव हो रहा है. इससे 4 गांव प्रभावित है. 30 से 40 एकड़ खेती की जमीन कट गई है, तो वहीं 6 से 7 घर नदी में कटाव का भेंट चढ़ चुका है.

देखें पूरी रिपोर्ट

बाढ़ पीड़ित नदी किनारे दे रहे धरना
कटाव पीड़ित ग्रामीण पक्का ठोकर बनाने की मांग को लेकर पिछले 5 सितंबर से नदी किनारे धरना दे रहे हैं और अनशन कर रहे हैं. अनशनकारी प्रतिदिन इस उम्मीद में बैठते हैं कि कोई अधिकारी नदी किनारे आएगा और उनका अनशन तोड़वायेगा और ठोकर बांध बनवाने को लेकर आश्वासन देगा. लेकिन यह बाढ़ पीड़ित कटवा से परेशान हैं और इनके धरना स्थल पर कोई भी अधिकारी अभी तक नहीं पहुंचे हैं. ग्रामीणों ने प्रशासन को झुकाने के लिए ठोकर बांध बनवाने के लिए गांधीवादी रास्ता निकाला है. महिलाएं भी एक-एक दिन बाद अनशन पर बैठती हैं.

बाढ़ पीड़ित भूख हड़ताल पर बैठे
विडंबना यह है कि चुनाव का समय है और अभी तक सांसद, विधायक भी इन कटाव पीड़ितों का हाल जानना मुनासिब नहीं समझे हैं. अब देखने वाली बात होगी कि यह कटाव पीड़ित कब तक धरने पर बैठे रहते हैं और कब तक अनशन करते हैं. कब इनकी फरियाद प्रशासनिक अधिकारी सुनते हैं.

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