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Bihar Flood Update: नेपाल में भारी बारिश ने बढ़ाई चिंता, खोले गए वाल्मीकिनगर गंडक बराज के सभी 36 फाटक - Gandak River

बिहार और नेपाल के तराई क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण कई नदियों के जलस्तर में वृद्धि हो रही है. गंडक के जलस्तर में भी भारी वृद्धि हुई है. डिस्चार्ज लेवल 4 लाख 4 हजार क्यूसेक पानी का हो रहा है. जिससे गंडक अपने उफान पर है. ऐसे में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए मंगलवार को सीएम नीतीश कुमार ने उच्चस्तरीय बैठक की. पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

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Published : Jun 16, 2021, 10:09 AM IST

Updated : Jun 16, 2021, 10:17 AM IST

पटना/बगहा: नेपाल के तराई क्षेत्रों (Nepal Rainfall In Eastern Tarai) में हुई बारिश के बाद गंडक नदी (Gandak River) के जलस्तर में भारी वृद्धि हुई है. जानकारी के अनुसार, वाल्मीकिनगर गंडक बराज (Valmiki Nagar Gandak Barrage) से 4 लाख 4 हजार क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज गंडक नदी में हो रहा है. जलस्तर में वृद्धि को कारण वाल्मीकिनगर गंडक बराज के सभी 36 फाटक खोल दिए गए हैं. वहीं, वाल्मीकिनगर गंडक बराज के साथ ही तटबंधों और बांधों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन हाई अलर्ट (High Alert) पर है.

यह भी पढ़ें - नेपाल ने छोड़ा 3 लाख 3 हजार 800 क्यूसेक पानी, सीएम ने की बैठक

गंडक के जलस्तर में अब तक की सर्वाधिक वृद्धि
नेपाल के पोखरा सहित तराई क्षेत्रों में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने प्रशासन की टेंशन बढ़ा दी है. दरअसल गंडक बराज नियंत्रण कक्ष द्वारा गंडक नदी में अब तक का सर्वाधिक 4 लाख 4 हजार क्यूसेक पानी मंगलवार की देर रात छोड़ा गया, जिससे गंडक अपने उफान पर है. जल वृद्धि को लेकर प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्कता बरतने की सलाह दी है.

देखें वीडियो

जिलाधिकारी सहित एसडीएम, बीडीओ, सीओ और अभियंता लगातार तटबंधों की निगरानी में जुटे हैं. जिलाधिकारी ने गंडक नदी के निचले इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए निर्देश जारी किया है कि वे गंडक किनारे से सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं. साथ ही दियारा क्षेत्र में खेती-किसानी के लिए निजी नावों से आने-जाने वालों पर पाबंदी लगा दी है.

मुख्यमंत्री ने की बैठक
बाढ़ की स्थिति को देखते हुए मंगलवार सीएम नीतीश कुमार ने उच्चस्तरीय बैठक की. भारी बारिश होने के कारण पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण और गोपालगंज जिले के जिलाधिकारियों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विशेष सतर्कता बरतने का निर्देश दिया है.

Gandak River
गंडक फाटक बांध

मुख्यमंत्री ने दिया निर्देश

  • जल संसाधन विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग तथा प. चंपारण, पूर्वी चंपारण एवं गोपालगंज जिला पूरी तरह अलर्ट रहे.
  • जल संसाधन विभाग अपने सभी अभियंताओं को खतरे वाली जगहों पर पूरी तरह अलर्ट रखें. ताकि तटबंधों की पूर्ण सुरक्षा की जा सके.
  • एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की टीमों को भी पूरी तरह अलर्ट मोड में रखा जाए.

मुख्यमंत्री ने आपदा विभाग जल संसाधन विभाग और संबंधित सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि तटबंधों के निकट रहने वाले लोगों के बीच माइकिंग के जरिये इसका विशेष रूप से प्रचार-प्रसार कराया जाए, ताकि निष्क्रमण की कार्रवाई त्वरित गति से हो सके. गंडक नदी के तटबंधों के इलाके में रहने वाले लोगों को जल्द से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जाए. उन्होंने जल संसाधन विभाग को अपने सभी अभियंताओं को मौके पर मौजूद और सचेत रहने तथा तटबंधों की सुरक्षा की निगरानी करने का निर्देश देने को कहा है.

Gandak River
बाढ़ की स्थिति

यह भी पढ़ें - गंडक नदी पर UP सरकार के चैनल निर्माण कार्य पर CM नीतीश ने लिया संज्ञान, जांच के दिए आदेश

NDRF-SDRF को सचेत रहने का निर्दश
बैठक में जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस ने बताया कि नेपाल और गंडक नदी के जलग्रहण क्षेत्र में हो रही मूसलाधार बारिश के कारण गंडक नदी के डिस्चार्ज और नदी के जलस्तर में काफी वृद्धि होने का अनुमान है और इसे लेकर विभाग पूरी तरह मुस्तैद है. सीएम ने संबंधित जिलों में पहले से प्रतिनियुक्त केन्द्र और राज्य के NDRF-SDRF की टीमों को भी पूरी तरह सचेत रहने का निर्देश दिया कि ताकि किसी भी स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जा सके.

Gandak River
बाढ़ की स्थिति

मुसलाधार बारिश होने का अनुमान
इधर, मौसम विज्ञान विभाग के अनुमान के अनुसार, बुधवार 16 जून गंडक नदी के अधिकांश जलग्रहण क्षेत्रों में मूसलाधार वर्षा होने एवं बागमती-अधवारा समूह के नदियों के अधिकांश जलग्रहण क्षेत्रों में मध्यम से भारी वर्षा होने और अन्य नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में हल्की से सधारण वर्षा होने की सम्भावना है.

बाढ़ जैसे हालात शुरू
बता दें कि बिहार और नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्रों में पिछले 24 घंटों से हो रही बारिश के कारण कई जगहों पर बाढ़ जैसे हालात हैं. कहीं नगर क्षेत्र की सड़कों से होकर पानी गुजर रहा है, तो कहीं पर स्कूलों में पानी भर गया है. वहीं कई अप्रोच पथ भी ध्वस्त होने केकगार पर है. मानसून के शुरुआत में ही बारिश के कहर से लोग भयभीत हैं. बता दें कि यह मानसून का पहला सप्ताह है. दो दिन में ही नेपाल बराज ने पानी छोड़ने का सिलसिला शुरू कर दिया है.

Gandak River
गंडक अपने उफान पर

तेजी से बढ़ रहा मॉनसून
इधर, बंगाल की खाड़ी (Bay of Bengal) में सक्रिय चक्रवाती हवा और निम्न हवा के दबाव के क्षेत्र के साथ नमी की वजह से काफी तेजी से मानसून (Monsoon) आगे बढ़ रहा है. बिहार के साथ नेपाल के तराई क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है. गंडक नदी (Gandak River) के जलस्तर में भारी वृद्धि हुई है. इससे तराई क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है.

सुरक्षित स्थानों पर जाने का दिया आदेश
यदि मौसम का मिजाज ऐसे ही बना रहा तो गण्डक नदी के जलस्तर में और वृद्धि देखने को मिली रही है. ऐसे में निचले इलाकों में एक मर्तबा फिर बाढ़ आने का अंदेशा है. नतीजतन प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने का आदेश भी दिया है.

Gandak River
बाढ़ की स्थिति

हर साल होती है तबाही
मझौलिया प्रखंड में बाढ़ हर साल तबाही लेकर आती है. प्रखंड के कई पंचायत बाढ़ की चपेट में आते हैं. सड़कों पर 5 से फीट 10 फीट तक पानी भरा रहता है. कई ऐसे गांव भी हैं जहां पर बाढ़ के समय नाव ही एकमात्र सहारा होता है. ऐसा ही मझौलिया प्रखंड का रमपुरवा महनवा पंचायत का बढ़ई टोला है. बताया जाता है कि यहां हर साल नदी का कटाव होता है. ग्रामीणों का कहना है कि वे रात-रात भर जाग कर टॉर्च से नदी के तटबंध की निगरानी करते हैं. ताकि अगर अचानक से तेज कटाव होने लगे तो परिवार संग घर छोड़कर भाग सकें.

Gandak River
नदियों का जलस्तर में वृद्धि

हर साल भारी नुकसान
बाढ़ से हर साल किसानों को भारी नुकसान होता है. नदी में कई घर डूब जाते हैं. लोगों को अपना घर छोड़कर ऊंचे स्थानों पर शरण लेना पड़ता है. ऐसे में उनके सामने एक तो बाढ़ की तबाही होती है तो दूसरी तरफ भुखमरी की भी समस्या उत्पन्न हो जाती है.

यह भी पढ़ें - Bettiah Ground Report: बूढ़ी गंडक के कटाव से डरे डुमरी पंचायत के लोग, इस बात से नाराजगी

यह भी पढ़ें - Bihar Flood: नेपाल में हो रही भारी बारिश, बिहार में फिर से आ सकती है बड़ी तबाही, जानिए कैसे

यह भी पढ़ें - बेतिया का हाल तो देखिए, मानसून की पहली बारिश में ही जलजमाव से शहर में बाढ़ जैसे हालात

यह भी पढ़ें - West Champaran News: लगातार हो रही बारिश से टूटा दोन कैनाल नहर का बांध, क्षेत्र हुआ जलमग्न

पटना/बगहा: नेपाल के तराई क्षेत्रों (Nepal Rainfall In Eastern Tarai) में हुई बारिश के बाद गंडक नदी (Gandak River) के जलस्तर में भारी वृद्धि हुई है. जानकारी के अनुसार, वाल्मीकिनगर गंडक बराज (Valmiki Nagar Gandak Barrage) से 4 लाख 4 हजार क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज गंडक नदी में हो रहा है. जलस्तर में वृद्धि को कारण वाल्मीकिनगर गंडक बराज के सभी 36 फाटक खोल दिए गए हैं. वहीं, वाल्मीकिनगर गंडक बराज के साथ ही तटबंधों और बांधों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन हाई अलर्ट (High Alert) पर है.

यह भी पढ़ें - नेपाल ने छोड़ा 3 लाख 3 हजार 800 क्यूसेक पानी, सीएम ने की बैठक

गंडक के जलस्तर में अब तक की सर्वाधिक वृद्धि
नेपाल के पोखरा सहित तराई क्षेत्रों में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने प्रशासन की टेंशन बढ़ा दी है. दरअसल गंडक बराज नियंत्रण कक्ष द्वारा गंडक नदी में अब तक का सर्वाधिक 4 लाख 4 हजार क्यूसेक पानी मंगलवार की देर रात छोड़ा गया, जिससे गंडक अपने उफान पर है. जल वृद्धि को लेकर प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्कता बरतने की सलाह दी है.

देखें वीडियो

जिलाधिकारी सहित एसडीएम, बीडीओ, सीओ और अभियंता लगातार तटबंधों की निगरानी में जुटे हैं. जिलाधिकारी ने गंडक नदी के निचले इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए निर्देश जारी किया है कि वे गंडक किनारे से सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं. साथ ही दियारा क्षेत्र में खेती-किसानी के लिए निजी नावों से आने-जाने वालों पर पाबंदी लगा दी है.

मुख्यमंत्री ने की बैठक
बाढ़ की स्थिति को देखते हुए मंगलवार सीएम नीतीश कुमार ने उच्चस्तरीय बैठक की. भारी बारिश होने के कारण पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण और गोपालगंज जिले के जिलाधिकारियों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विशेष सतर्कता बरतने का निर्देश दिया है.

Gandak River
गंडक फाटक बांध

मुख्यमंत्री ने दिया निर्देश

  • जल संसाधन विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग तथा प. चंपारण, पूर्वी चंपारण एवं गोपालगंज जिला पूरी तरह अलर्ट रहे.
  • जल संसाधन विभाग अपने सभी अभियंताओं को खतरे वाली जगहों पर पूरी तरह अलर्ट रखें. ताकि तटबंधों की पूर्ण सुरक्षा की जा सके.
  • एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की टीमों को भी पूरी तरह अलर्ट मोड में रखा जाए.

मुख्यमंत्री ने आपदा विभाग जल संसाधन विभाग और संबंधित सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि तटबंधों के निकट रहने वाले लोगों के बीच माइकिंग के जरिये इसका विशेष रूप से प्रचार-प्रसार कराया जाए, ताकि निष्क्रमण की कार्रवाई त्वरित गति से हो सके. गंडक नदी के तटबंधों के इलाके में रहने वाले लोगों को जल्द से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जाए. उन्होंने जल संसाधन विभाग को अपने सभी अभियंताओं को मौके पर मौजूद और सचेत रहने तथा तटबंधों की सुरक्षा की निगरानी करने का निर्देश देने को कहा है.

Gandak River
बाढ़ की स्थिति

यह भी पढ़ें - गंडक नदी पर UP सरकार के चैनल निर्माण कार्य पर CM नीतीश ने लिया संज्ञान, जांच के दिए आदेश

NDRF-SDRF को सचेत रहने का निर्दश
बैठक में जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस ने बताया कि नेपाल और गंडक नदी के जलग्रहण क्षेत्र में हो रही मूसलाधार बारिश के कारण गंडक नदी के डिस्चार्ज और नदी के जलस्तर में काफी वृद्धि होने का अनुमान है और इसे लेकर विभाग पूरी तरह मुस्तैद है. सीएम ने संबंधित जिलों में पहले से प्रतिनियुक्त केन्द्र और राज्य के NDRF-SDRF की टीमों को भी पूरी तरह सचेत रहने का निर्देश दिया कि ताकि किसी भी स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जा सके.

Gandak River
बाढ़ की स्थिति

मुसलाधार बारिश होने का अनुमान
इधर, मौसम विज्ञान विभाग के अनुमान के अनुसार, बुधवार 16 जून गंडक नदी के अधिकांश जलग्रहण क्षेत्रों में मूसलाधार वर्षा होने एवं बागमती-अधवारा समूह के नदियों के अधिकांश जलग्रहण क्षेत्रों में मध्यम से भारी वर्षा होने और अन्य नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में हल्की से सधारण वर्षा होने की सम्भावना है.

बाढ़ जैसे हालात शुरू
बता दें कि बिहार और नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्रों में पिछले 24 घंटों से हो रही बारिश के कारण कई जगहों पर बाढ़ जैसे हालात हैं. कहीं नगर क्षेत्र की सड़कों से होकर पानी गुजर रहा है, तो कहीं पर स्कूलों में पानी भर गया है. वहीं कई अप्रोच पथ भी ध्वस्त होने केकगार पर है. मानसून के शुरुआत में ही बारिश के कहर से लोग भयभीत हैं. बता दें कि यह मानसून का पहला सप्ताह है. दो दिन में ही नेपाल बराज ने पानी छोड़ने का सिलसिला शुरू कर दिया है.

Gandak River
गंडक अपने उफान पर

तेजी से बढ़ रहा मॉनसून
इधर, बंगाल की खाड़ी (Bay of Bengal) में सक्रिय चक्रवाती हवा और निम्न हवा के दबाव के क्षेत्र के साथ नमी की वजह से काफी तेजी से मानसून (Monsoon) आगे बढ़ रहा है. बिहार के साथ नेपाल के तराई क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है. गंडक नदी (Gandak River) के जलस्तर में भारी वृद्धि हुई है. इससे तराई क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है.

सुरक्षित स्थानों पर जाने का दिया आदेश
यदि मौसम का मिजाज ऐसे ही बना रहा तो गण्डक नदी के जलस्तर में और वृद्धि देखने को मिली रही है. ऐसे में निचले इलाकों में एक मर्तबा फिर बाढ़ आने का अंदेशा है. नतीजतन प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने का आदेश भी दिया है.

Gandak River
बाढ़ की स्थिति

हर साल होती है तबाही
मझौलिया प्रखंड में बाढ़ हर साल तबाही लेकर आती है. प्रखंड के कई पंचायत बाढ़ की चपेट में आते हैं. सड़कों पर 5 से फीट 10 फीट तक पानी भरा रहता है. कई ऐसे गांव भी हैं जहां पर बाढ़ के समय नाव ही एकमात्र सहारा होता है. ऐसा ही मझौलिया प्रखंड का रमपुरवा महनवा पंचायत का बढ़ई टोला है. बताया जाता है कि यहां हर साल नदी का कटाव होता है. ग्रामीणों का कहना है कि वे रात-रात भर जाग कर टॉर्च से नदी के तटबंध की निगरानी करते हैं. ताकि अगर अचानक से तेज कटाव होने लगे तो परिवार संग घर छोड़कर भाग सकें.

Gandak River
नदियों का जलस्तर में वृद्धि

हर साल भारी नुकसान
बाढ़ से हर साल किसानों को भारी नुकसान होता है. नदी में कई घर डूब जाते हैं. लोगों को अपना घर छोड़कर ऊंचे स्थानों पर शरण लेना पड़ता है. ऐसे में उनके सामने एक तो बाढ़ की तबाही होती है तो दूसरी तरफ भुखमरी की भी समस्या उत्पन्न हो जाती है.

यह भी पढ़ें - Bettiah Ground Report: बूढ़ी गंडक के कटाव से डरे डुमरी पंचायत के लोग, इस बात से नाराजगी

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Last Updated : Jun 16, 2021, 10:17 AM IST
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