बगहा: पश्चिम चंपारण में गंडक बराज से 3 लाख 21 हजार क्यूसेक पानी गंडक नदी (Flood In Gandak River In Bagaha) में छोड़ा गया है. इतनी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि (Rise in water level of Gandak river) हो रही है. जिसके चलते नीचले इलाके में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं. जिले के पिपरासी प्रखंड अंतर्गत सेमरा लबेदाहा पंचायत के कांटी टोला में नदी का पानी घुस गया है और वहां बाढ़ जैसी हालात उत्पन्न हो गई है.
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बगहा में निचले इलाके में घुसा बाढ़ का पानी: जानकारी के मुताबिक कांटी टोला में 80 परिवार बसे हुए हैं, सभी बाढ़ आने के बाद पलायन को मजबूर हैं. हालांकि, प्रशासन ने पहले ही मुनादी करवाकर लोगों को आगाह कर दिया था कि गंडक नदी में तीन लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ा जाएगा. लिहाजा निचले इलाकों में रहने वाले लोग सुरक्षित स्थान पर चले जाएं. ऐसे में इलाके के अधिकांश परिवार अपने मवेशियों को लेकर पलायन कर गये हैं. बता दें कि यहां पिछले वर्ष भी बाढ़ आई थी और दो दर्जन लोगों का आशियाना गंडक नदी की धारा में विलीन हो गया था.
24 घंटे हो रही बांधों की निगरानी: इधर, दूसरी तरफ गंडक नदी के जलस्तर में भारी वृद्धि के बाद बांधों और तटबंधों की निगरानी भी बढ़ा दी गई है. गण्डक नदी किनारे बने अफलेक्स बांध और गाइड बांधों की अभियंताओं की टीम 24 घंटे सतत् निगरानी कर रही है. कार्यपालक अभियंता सुबोध कुमार चौधरी ने बताया कि बांधों की सतत निगरानी की जा रही है और सभी बांध सुरक्षित हैं, चिंता करने वाली कोई बात नहीं है.
"कहीं कोई कसर नहीं है. अफलेक्स बांध और गाइड बांध, जहां पर हमारा कुछ काम भी चल रहा है, वो सब सुरक्षित है और बिल्कुल हमलोग सुरक्षित हैं. अभी खतरे का निशान पार नहीं किया है. अभी चिंता करने की कोई बात नहीं है. स्थिति नियंत्रण में है."- सुबोध कुमार चौधरी, कार्यपालक अभियंता, जल संसाधन विभाग
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