बेतिया: वाल्मीकि नगर गंडक बराज के नेपाल अधिग्रहित क्षेत्र में लगातार रुक-रुक कर बारिश हो रही हैं. ऐसे में नेपाल से भारतीय सीमा में प्रवेश करने वाली नारायणी गंडक नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने लगा है. महज 2 दिनों के अंदर 1 लाख 63 हजार क्यूसेक पानी गंडक बराज नियंत्रण कक्ष द्वारा छोड़ा गया है. इससे नदी में उफान आ गया है.
टूट सकता है बांध
मानसून के समय जिस तरह लगातार रुक रुक के बारिश हो रही है. जिसके कारण नेपाल से भारतीय सीमा में प्रवेश करने वाली नारायणी गंडक नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. ऐसे में अगर बांध पर पानी का दबाव बढ़ा तो बांध टूट सकता है. बता दें कि बांध की मरम्मती होने से पहले ही लॉकडाउन शुरू हो गया था. जिसके कारण बांध मरम्मती का काम नहीं हो पाया था.
बिहार को हो सकता है भारी नुकसान
बता दें कि इंडो-नेपाल सीमा पर स्थित वाल्मीकि नगर गंडक बराज के कुल 36 फाटक हैं. इसमें 18 फाटक नेपाल के हिस्से में पड़ता है. वहीं 18 फाटक भारत के हिस्से में पड़ता है. भारत के हिस्से में पड़ने वाले बांध की मरम्मती हो चुकी है, लेकिन नेपाल सीमा में पड़ने वाले बांध की मरम्मती का काम अभी बाकी है. वहीं मानसून ने भी दस्तक दे दी है और अनुमान से ज्यादा वर्षा हो रही है. भारी वर्षा के कारण बांध पर पानी का दबाव लगातार बढ़ रहा है. ऐसे में अगर नेपाल एरिया का बांध टूटा तो इसका भारी नुकसान बिहार को भी उठाना पड़ सकता है.
मंडरा रहा है बाढ़ का खतरा
प्राप्त जानकारी के अनुसार, जल संसाधन विभाग के अधिकारी लगातार इस पर नजर बनाए हुए हैं. साथ ही गंडक बराज नियंत्रण कक्ष से मैकेनिकल, सिविल और इलेक्ट्रिकल की तीन संयुक्त टीम पल-पल वाटर लेवल की निगरानी में जुटी है और सीसीटीवी कैमरे से भी मॉनिटरिंग की जा रही है. इस बीच भारत-नेपाल सीमा के बीच चल रहे सीमा विवाद का असर बिहार पर पड़ने लगा है. इस कारण बिहार के एक बड़े हिस्से पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है.