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बेतिया: सिकरहना नदी का बांध टूटने से कई इलाकों में जनजीवन ठप, प्रशासनिक मदद की आस में ग्रामीण

स्थानीय लोगों का कहना है कि बीते रात को बांध टूटा है. लेकिन, प्रशासन अभी तक बेसुध है. ग्रामीणों की सूचना के बावजूद भी अभी तक राहत बचाव कार्य गांवो में नहीं पहुंचा है.

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Published : Jul 14, 2019, 10:00 PM IST

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बेतिया: जिले के चनपटिया प्रखंड स्थित सिकरहना नदी का बांध टूटने से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. नदी का पानी घोघा पंचायत के नवका टोला, प्रतियां टोला, गहवा टोला, बड़का गांव, सरसावा गांव में पहुंच चुका है. जिस कारण जनजीवन पूरी तरह ठप हो गया है.

betiah
बांध टूटा

लोग काफी डरे हुए हैं. ग्रामीणों का कहना है कि उनके लिए हर दिन मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. बूढ़ी गंडक सिकरहना नदी हर साल गांव में कहर बरपाती है. ऐसे में बांध टूटने से समस्या दोगुनी हो गई है.

betiah
लोगों की मुश्किलें बढ़ी

प्रशासन के खिलाफ लोगों में नाराजगी
चनपटिया प्रखंड की सिकरहना नदी का टूटा बांध जिला प्रशासन की तैयारियों की पोल खोल रही है. पानी गांव की तरफ तेजी से फैल रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि हर साल यही स्थिति होती है. लेकिन, सरकार कोई स्थाई निदान नहीं कर रही है. गांव के सरपंच, पंच, वार्ड सदस्य और महिलाओं में सरकार के खिलाफ काफी रोष देखने को मिल रहा है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

स्थानीय लोगों का कहना है कि बीती रात को बांध टूटा है. लेकिन, प्रशासन अभी तक बेसुध है. ग्रामीणों की सूचना के बावजूद भी अभी तक राहत बचाव कार्य गांवो में नहीं पहुंचा है.

बेतिया: जिले के चनपटिया प्रखंड स्थित सिकरहना नदी का बांध टूटने से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. नदी का पानी घोघा पंचायत के नवका टोला, प्रतियां टोला, गहवा टोला, बड़का गांव, सरसावा गांव में पहुंच चुका है. जिस कारण जनजीवन पूरी तरह ठप हो गया है.

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बांध टूटा

लोग काफी डरे हुए हैं. ग्रामीणों का कहना है कि उनके लिए हर दिन मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. बूढ़ी गंडक सिकरहना नदी हर साल गांव में कहर बरपाती है. ऐसे में बांध टूटने से समस्या दोगुनी हो गई है.

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लोगों की मुश्किलें बढ़ी

प्रशासन के खिलाफ लोगों में नाराजगी
चनपटिया प्रखंड की सिकरहना नदी का टूटा बांध जिला प्रशासन की तैयारियों की पोल खोल रही है. पानी गांव की तरफ तेजी से फैल रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि हर साल यही स्थिति होती है. लेकिन, सरकार कोई स्थाई निदान नहीं कर रही है. गांव के सरपंच, पंच, वार्ड सदस्य और महिलाओं में सरकार के खिलाफ काफी रोष देखने को मिल रहा है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

स्थानीय लोगों का कहना है कि बीती रात को बांध टूटा है. लेकिन, प्रशासन अभी तक बेसुध है. ग्रामीणों की सूचना के बावजूद भी अभी तक राहत बचाव कार्य गांवो में नहीं पहुंचा है.

Intro:बेतिया: चनपटिया के सिकरहना नदी के बांध टूटने से उतरी घोघा पंचायत के नवका टोला, प्रतियां टोला, गहवा टोला, बड़का गांव, सरसावा गांव के ग्रामीणों के लिए आज की रात काली है। बूढ़ी गंडक सिकरहना नदी हर साल गांव में बरपाती है करह।


Body:चनपटिया का यह सिकरहना नदी का टूटा हुआ बांध जिला प्रशासन की तैयारियों का पोल खोलती नजर आ रही हैं। ग्रामीणों की सूचना के बावजूद भी अभी तक राहत बचाव कार्य गांवो में नहीं पहुंचा है। पानी गांव की तरफ तेजी से फैल रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि आज की रात नदी का बांध टूटा है। हर साल गांव में नदी कहर बरपाती रही है। लेकिन सरकार कोई स्थाई निदान नहीं कर रही है। गांव के सरपंच, पंच, वार्ड सदस्य, महिलाएं सरकार से काफी नाराज दिख रहे हैं और सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं।

बाइट- महिलाएं 2
बाइट-सरपंच
बाइट- वार्ड पार्षद



Conclusion:अब देखने वाली बात है कि होगी कि टूटे नदी के बांध से पानी ग्रामीणों के गांव में कहर बरपा आती है या की जिला प्रशासन मुस्तैदी बरतते हुए ,राहत बचाव कार्यों से बचा लेती है।

जितेंद्र कुमार गुप्ता
ईटीवी भारत, बेतिया
पीटीसी
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