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बगहा: 12 साल पहले बने नलकूप को लगा जंग, ग्रामीण कर रहे हैं चालू होने का इंतजार

किसानों को बेहतर सिंचाई सुविधा मुहैया कराने के लिए नलकूप योजना के तहत वर्ष 2008 में 58 लाख की लागत से नयागांव में नलकूप का निर्माण हुआ. नलकूप में सभी उपकरण लगा दिए गए. इसके बावजूद अब तक इससे पानी की सप्लाई नहीं दी गई है.

नलकूप
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Published : Jan 5, 2020, 11:01 PM IST

पश्चिम चंपारण: जिले के नयागांव रामपुर पंचायत में 2008 में बना नलकूप खंडहर में तब्दील हो गया है. सरकारी उदासीनता का आलम यह है कि दशकों बीत जाने के बाद भी यह नलकूप अब तक चालू नहीं हुआ है. यह किसानों के लिए महज दिखावा भर बन कर रह गया है.

'नलकूप योजना के तहत नाबार्ड की राशि से बना नलकूप'
किसानों को बेहतर सिंचाई सुविधा मुहैया कराने के लिए नलकूप योजना के तहत वर्ष 2008 में 58 लाख की लागत से नयागांव में नलकूप का निर्माण हुआ. नलकूप में सभी उपकरण लगा दिए गए. इसके बावजूद अब तक इससे पानी की सप्लाई नहीं दी गई है. किसानों का कहना है कि पम्प सेट और भगवान भरोसे किसान पटवन करते आ रहे हैं. अगर यह नलकूप चालू होता तो इस नलकूप से कई गांवों के किसान लाभान्वित होते.

bagaha
जंग लगा नलकूप

'नलकूप बनने से किसानों को हुई थी खुशी'
नयागांव में किसानों को दान दी गई जमीन पर सरकार ने नलकूप का निर्माण करवाया. उस वक्त इसको लेकर किसानों के खुशी का ठिकाना नहीं था. लेकिन उनकी खुशी को झटका तब लग गया. जब दशकों बीत जाने के बावजूद भी यह नलकूप महज हांथी का दांत दिखाने वाला साबित होकर रह गया है. हालात यह है कि जो भी उपकरण लगे थे. अब उनमें भी जंग लग चुकी है.

bagaha
खराब पड़ा है नलकूप और ट्रांसफॉर्मर
'प्रशासन भी है उदासीन'वर्ष 2008 में नलकूप का निर्माण तो हुआ लेकिन यह योजना अधर में लटकी है. 10 वर्ष बाद 2018 में नलकूप के बगल में एक ट्रांसफॉर्मर लगा तो लोगों में यह आस जगी की अब नलकूप चालू हो जाएगा. इससे इलाके के किसान लाभान्वित होंगे. लेकिन अब 12 वर्ष होने को आए हैं और नलकूप की तरफ किसी भी प्रशासनिक महकमे के ध्यान नहीं गया है. किसानों का कहना है कि बीडीओ और एसडीओ को कई बार आवेदन दिया गया है. इसके बावजूज प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है.
देखें ये रिपोर्ट

पश्चिम चंपारण: जिले के नयागांव रामपुर पंचायत में 2008 में बना नलकूप खंडहर में तब्दील हो गया है. सरकारी उदासीनता का आलम यह है कि दशकों बीत जाने के बाद भी यह नलकूप अब तक चालू नहीं हुआ है. यह किसानों के लिए महज दिखावा भर बन कर रह गया है.

'नलकूप योजना के तहत नाबार्ड की राशि से बना नलकूप'
किसानों को बेहतर सिंचाई सुविधा मुहैया कराने के लिए नलकूप योजना के तहत वर्ष 2008 में 58 लाख की लागत से नयागांव में नलकूप का निर्माण हुआ. नलकूप में सभी उपकरण लगा दिए गए. इसके बावजूद अब तक इससे पानी की सप्लाई नहीं दी गई है. किसानों का कहना है कि पम्प सेट और भगवान भरोसे किसान पटवन करते आ रहे हैं. अगर यह नलकूप चालू होता तो इस नलकूप से कई गांवों के किसान लाभान्वित होते.

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जंग लगा नलकूप

'नलकूप बनने से किसानों को हुई थी खुशी'
नयागांव में किसानों को दान दी गई जमीन पर सरकार ने नलकूप का निर्माण करवाया. उस वक्त इसको लेकर किसानों के खुशी का ठिकाना नहीं था. लेकिन उनकी खुशी को झटका तब लग गया. जब दशकों बीत जाने के बावजूद भी यह नलकूप महज हांथी का दांत दिखाने वाला साबित होकर रह गया है. हालात यह है कि जो भी उपकरण लगे थे. अब उनमें भी जंग लग चुकी है.

bagaha
खराब पड़ा है नलकूप और ट्रांसफॉर्मर
'प्रशासन भी है उदासीन'वर्ष 2008 में नलकूप का निर्माण तो हुआ लेकिन यह योजना अधर में लटकी है. 10 वर्ष बाद 2018 में नलकूप के बगल में एक ट्रांसफॉर्मर लगा तो लोगों में यह आस जगी की अब नलकूप चालू हो जाएगा. इससे इलाके के किसान लाभान्वित होंगे. लेकिन अब 12 वर्ष होने को आए हैं और नलकूप की तरफ किसी भी प्रशासनिक महकमे के ध्यान नहीं गया है. किसानों का कहना है कि बीडीओ और एसडीओ को कई बार आवेदन दिया गया है. इसके बावजूज प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है.
देखें ये रिपोर्ट
Intro:जिला के नयागांव रामपुर पंचायत में 2008 में बना नलकूप खंडहर में तब्दील हो गया है। सरकारी उदासीनता का आलम यह है कि दशकों बित जाने के बाद भी यह नलकूप अब तक चालू नही हुआ और किसानों के लिए महज दिखावा भर बन कर रह गया है।


Body:नलकूप योजना के तहत नाबार्ड की राशि से बना नलकूप।
किसानों को बेहतर सिंचाई सुविधा मुहैया कराने के लिहाज से नलकूप योजना के तहत वर्ष 2008 में 58 लाख की लागत से नयागांव में एक नलकूप का निर्माण हुआ। नलकूप में सभी उपकरण लगा दिए गए बावजूद इसके अब तक इससे पानी की सप्लाई नही दी गई है। किसानों का कहना है कि पम्पसेट और भगवान भरोसे इलाके के किसान पटवन करते आ रहे हैं। अगर यह नलकूप चालू हुआ होता तो इस नलकूप से कई गांवों के किसान लाभान्वित होते।
नलकूप बनने से किसानों को हुई थी खुशी।
नयागांव में किसानों द्वारा दान दी गई जमीन पर सरकार ने नलकूप का निर्माण करवाया। इसको लेकर किसानों के खुशी का ठिकाना नही था। लेकिन उनकी खुशी को झटका तब लग गया जब दशकों बीत जाने के बावजूद भी यह नलकूप महज हांथी का दांत दिखाने वाला साबित होकर रह गया है। हालात यह है कि जो भी उपकरण लगे थे अब उनको भी जंग लग चुका है।
बाइट- 1 धीरज कुमार, पूर्व मुखिया पुत्र।
बाइट- 2 खलील अंसारी, ग्रामीण
बाइट- जयप्रकाश यादव, ग्रामीण।


Conclusion:प्रशासन भी है उदासीन
वर्ष 2008 में नलकूप का निर्माण तो हुआ लेकिन यह योजना खटाई में पड़ गई। 10 वर्ष बाद 2018 में नलकूप के बगल में एक ट्रांसफॉर्मर लगा तो लोगों में यह आस जगी की अब नलकूप चालू हो जाएगा और इससे इलाके के किसान लाभान्वित होंगे। लेकिन अब 12 वर्ष होने को आए हैं और नलकूप के तरफ किसी भी प्रशासनिक महकमे के ध्यान नही गया है। किसानों का कहना है कि बीडीओ व एसडीओ को इसके बाबत कई बार आवेदन दिया गया लेकिन प्रशासन के कान पर जूं तक नही रेंगा।

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