ETV Bharat / state

यहां के किसान उगाते हैं 250 से 500 रुपये प्रति किलो बिकने वाला चावल, जानिए खासियत

बगहा के किसानों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाने में ब्लैक राइस की खेती मील का पत्थर साबित हो रहा है. एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर यह चावल डायबिटीज रोगियों के लिए रामबाण औषधि बताई जा रही है.

बगहा के किसानों को भा गई है ब्लैक राइस की खेती.
बगहा के किसानों को भा गई है ब्लैक राइस की खेती.
author img

By

Published : Jun 22, 2020, 8:40 PM IST

बगहा: जिले में किसानों को ब्लैक राइस की खेती खूब भा रही है. एक नियोजित शिक्षक की पहल से जिला के बाहर भी कई किसानों को निशुल्क बीज उपलब्ध हुआ है, जिसके बाद एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर ब्लैक राइस के तरफ किसानों का रुझान बढ़ा है. कृषि विभाग भी इस खेती को किसानों के लिए आर्थिक और स्वास्थ्य के लिहाज से बेहतर मान रहा है.

ब्लैक राइस की तरफ बढ़ा किसानों का आकर्षण
औषधीय गुणों से भरपूर ब्लैक राइस की खेती कर जिले के किसान कृषि क्षेत्र में क्रांति लाने की कोशिश में जुटे हैं. दरअसल पिछले वर्ष एक नियोजित शिक्षक अजय कुमार ने ब्लैक राइस और ब्लैक व्हीट (काला गेंहू) की खेती कर अच्छी आमदनी की थी, जिसके बाद इलाके में इस खेती की खूब चर्चा हुई. इस मर्तबा जिले और जिले के बाहर के कई किसानों ने ब्लैक राइस का डिमांड किया, जिसको नियोजित शिक्षक ने निशुल्क उपलब्ध कराया. इसके लिए यह कई संस्थाओं द्वारा सम्मानित भी हो चुके हैं. शिक्षक अजय कुमार की मानें तो यह चावल डायबिटीज रोगियों के लिए काफी फायदेमंद है.

एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर है यह चावल.


विटामिन्स और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर है यह चावल
बता दें कि ब्लैक राइस की खेती असम और मणिपुर सहित देश के कई राज्यों में की जा रही है. वर्ष 2015 में असम सरकार ने ब्लैक राइस की खेती को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा अभियान भी चलाया था. जिसके बाद इसकी खेती चर्चा में आई और किसानों का रुझान इस तरफ तेजी से बढ़ा. यह चावल विटामिन्स और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर है इसमें विटामिन बी और ई के अलावा कैल्शियम, मैग्नेशियम, आयरन तथा जिंक इत्यादि प्रचुर मात्रा में मिलता है, जो रक्त शुद्धिकरण सहित कैंसर, डायबिटीज एवं अन्य कई रोगों में रामबाण औषधी के रूप में प्रयोग में लाया जाता है.

कृषि विभाग भी दे रहा बढ़ावा
इलाके के किसानों की मानें तो उन्होंने कई एकड़ में इसकी खेती इस बार भी की है, क्योंकि इस ब्लैक राइस की बाजार में कीमत 250 रुपये से 500 रुपये किलो तक आती है. साथ ही इस चावल के सेवन से चर्बी कम करने तथा पाचन शक्ति बढ़ाने में भी मदद मिलती है. इसके अलावा डायबटीज रोगियों के लिए भी इसका सेवन वरदान साबित हो रहा है. यहीं वजह है कि कृषि विभाग भी इन किसानों की मदद में आगे आया है और इसकी खेती को किसानों के लिए मील का पत्थर साबित होने की बात कह रहा है.

बगहा: जिले में किसानों को ब्लैक राइस की खेती खूब भा रही है. एक नियोजित शिक्षक की पहल से जिला के बाहर भी कई किसानों को निशुल्क बीज उपलब्ध हुआ है, जिसके बाद एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर ब्लैक राइस के तरफ किसानों का रुझान बढ़ा है. कृषि विभाग भी इस खेती को किसानों के लिए आर्थिक और स्वास्थ्य के लिहाज से बेहतर मान रहा है.

ब्लैक राइस की तरफ बढ़ा किसानों का आकर्षण
औषधीय गुणों से भरपूर ब्लैक राइस की खेती कर जिले के किसान कृषि क्षेत्र में क्रांति लाने की कोशिश में जुटे हैं. दरअसल पिछले वर्ष एक नियोजित शिक्षक अजय कुमार ने ब्लैक राइस और ब्लैक व्हीट (काला गेंहू) की खेती कर अच्छी आमदनी की थी, जिसके बाद इलाके में इस खेती की खूब चर्चा हुई. इस मर्तबा जिले और जिले के बाहर के कई किसानों ने ब्लैक राइस का डिमांड किया, जिसको नियोजित शिक्षक ने निशुल्क उपलब्ध कराया. इसके लिए यह कई संस्थाओं द्वारा सम्मानित भी हो चुके हैं. शिक्षक अजय कुमार की मानें तो यह चावल डायबिटीज रोगियों के लिए काफी फायदेमंद है.

एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर है यह चावल.


विटामिन्स और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर है यह चावल
बता दें कि ब्लैक राइस की खेती असम और मणिपुर सहित देश के कई राज्यों में की जा रही है. वर्ष 2015 में असम सरकार ने ब्लैक राइस की खेती को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा अभियान भी चलाया था. जिसके बाद इसकी खेती चर्चा में आई और किसानों का रुझान इस तरफ तेजी से बढ़ा. यह चावल विटामिन्स और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर है इसमें विटामिन बी और ई के अलावा कैल्शियम, मैग्नेशियम, आयरन तथा जिंक इत्यादि प्रचुर मात्रा में मिलता है, जो रक्त शुद्धिकरण सहित कैंसर, डायबिटीज एवं अन्य कई रोगों में रामबाण औषधी के रूप में प्रयोग में लाया जाता है.

कृषि विभाग भी दे रहा बढ़ावा
इलाके के किसानों की मानें तो उन्होंने कई एकड़ में इसकी खेती इस बार भी की है, क्योंकि इस ब्लैक राइस की बाजार में कीमत 250 रुपये से 500 रुपये किलो तक आती है. साथ ही इस चावल के सेवन से चर्बी कम करने तथा पाचन शक्ति बढ़ाने में भी मदद मिलती है. इसके अलावा डायबटीज रोगियों के लिए भी इसका सेवन वरदान साबित हो रहा है. यहीं वजह है कि कृषि विभाग भी इन किसानों की मदद में आगे आया है और इसकी खेती को किसानों के लिए मील का पत्थर साबित होने की बात कह रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.