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बगहा में मानसून की पहली बारिश, खिल उठे किसानों के चेहरे

बिहार के पश्चिमी चंपारण में बारिश की बूंद (Monsoon in Bihar) से किसानों के चेहरे पर खुशी देखी जा रही है. किसानों ने बताया कि इस बारिश से धान की रोपनी करने में मदद मिलेगी. वहीं मौसम विभाग ने तीन दिनों के लिए अलर्ट जारी किया है. पढ़ें पूरी खबर...

मॉनसून की पहली बारिश
मॉनसून की पहली बारिश
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Published : Jun 16, 2022, 1:03 PM IST

पश्चिम चंपारण: बिहार के चंपारण में आज सुबह की झमाझम बारिश (Monsoon In West Champaran) से किसानों के चेहरे खिल उठे हैं. तेज हवा के साथ जोरदार बारिश से नगदी फसल गन्ना और सब्जियों के साथ-साथ आम-लीची को मदद मिल सकती है. बारिश से प्रचंड गर्मी से भी लोगों को राहत मिली है. अब किसानों को धान के बीज गिराने में कठिनाईयों का सामना नहीं करना पड़ेगा. वाल्मिकीनगर में मानसून की धमक के साथ पर्यटन नगरी वाल्मीकिनगर में अचानक मौसम में बदलाव आने से लोगों में खुशी का माहौल है. अहले सुबह जमकर वर्षा हुई. जिसके बाद इलाके में मौसम सुहाना हो गया है. वहीं बगहा समेत रामनगर और गण्डक के क्षेत्रों में भी हल्की बादल छाई हुई है. किसानों ने इस बारिश से धान की रोपनी में बड़ी मदद बताया है.

यह भी पढ़ें: मधुर गीतों के साथ की जा रही धान की रोपनी, भगवान इंद्र को प्रसन्न कर रहीं महिला किसान

बारिश से किसानों के चेहरे खिल उठे: बता दें, राजधानी पटना से मौसम विभाग ने पूर्वानुमान लगाया था कि उत्तर बिहार में मॉनसून शीघ्र दस्तक देगा. वहीं इंडो-नेपाल सीमा के वाल्मीकिनगर में झमाझम बारिश के बाद लोगों को गर्मी से राहत मिली है. ग्रामीण किसान बताते हैं कि यह मॉनसून की पहली बारिश है और बहुत सही समय पर मॉनसून ने दस्तक दिया है. किसानों के द्वारा धान की खेती के लिए लगातार इस बारिश का इंतजार किया जा रहा था. इस बारिश से आज सुबह कुछ इलाकों में किसानों के चेहरे पर मुस्कान आई है. इस बारिश के बाद किसानों का कहना है कि गन्ना के लिए बारिश बहुत ही फायदेमंद है, उसके साथ ही धान की रोपनी (kharif Crop) के लिए बारिश काफी लाभकारी साबित होगी.

यह भी पढ़ें: Yaas Impact: रोहिणी नक्षत्र में हुई बारिश से खिले किसानों के चेहरे, खेतों में बिचड़ा डालने की तैयारी

मौसम विभाग ने किया अलर्ट: बहरहाल, जिले से सटे सीमावर्ती नेपाल में बारिश से नारायणी गण्डक नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है. वाल्मीकिनगर गंडक बराज से 81 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. जल संसाधन विभाग के कर्मी और अधिकारी 16 से 18 जून तक भारी बारिश के अलर्ट को लेकर पूरी तरह तैयार है. वहीं, धान और गन्ना की खेती के लिए इस वर्षा से किसानों में खुशी का माहौल है.

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पश्चिम चंपारण: बिहार के चंपारण में आज सुबह की झमाझम बारिश (Monsoon In West Champaran) से किसानों के चेहरे खिल उठे हैं. तेज हवा के साथ जोरदार बारिश से नगदी फसल गन्ना और सब्जियों के साथ-साथ आम-लीची को मदद मिल सकती है. बारिश से प्रचंड गर्मी से भी लोगों को राहत मिली है. अब किसानों को धान के बीज गिराने में कठिनाईयों का सामना नहीं करना पड़ेगा. वाल्मिकीनगर में मानसून की धमक के साथ पर्यटन नगरी वाल्मीकिनगर में अचानक मौसम में बदलाव आने से लोगों में खुशी का माहौल है. अहले सुबह जमकर वर्षा हुई. जिसके बाद इलाके में मौसम सुहाना हो गया है. वहीं बगहा समेत रामनगर और गण्डक के क्षेत्रों में भी हल्की बादल छाई हुई है. किसानों ने इस बारिश से धान की रोपनी में बड़ी मदद बताया है.

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बारिश से किसानों के चेहरे खिल उठे: बता दें, राजधानी पटना से मौसम विभाग ने पूर्वानुमान लगाया था कि उत्तर बिहार में मॉनसून शीघ्र दस्तक देगा. वहीं इंडो-नेपाल सीमा के वाल्मीकिनगर में झमाझम बारिश के बाद लोगों को गर्मी से राहत मिली है. ग्रामीण किसान बताते हैं कि यह मॉनसून की पहली बारिश है और बहुत सही समय पर मॉनसून ने दस्तक दिया है. किसानों के द्वारा धान की खेती के लिए लगातार इस बारिश का इंतजार किया जा रहा था. इस बारिश से आज सुबह कुछ इलाकों में किसानों के चेहरे पर मुस्कान आई है. इस बारिश के बाद किसानों का कहना है कि गन्ना के लिए बारिश बहुत ही फायदेमंद है, उसके साथ ही धान की रोपनी (kharif Crop) के लिए बारिश काफी लाभकारी साबित होगी.

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मौसम विभाग ने किया अलर्ट: बहरहाल, जिले से सटे सीमावर्ती नेपाल में बारिश से नारायणी गण्डक नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है. वाल्मीकिनगर गंडक बराज से 81 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. जल संसाधन विभाग के कर्मी और अधिकारी 16 से 18 जून तक भारी बारिश के अलर्ट को लेकर पूरी तरह तैयार है. वहीं, धान और गन्ना की खेती के लिए इस वर्षा से किसानों में खुशी का माहौल है.

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