बगहाः हरिनगर शुगर मिल्स लिमिटेड की ओर से छोड़े गए मोलासिस से लोगों का जीना मुहाल हो गया है. दरअसल इस मोलसिस से जहां किसानों की कई एकड़ फसल का नुकसान हुआ है. वहीं इसके दुर्गंध से लोगों को विभिन्न तरह की स्वास्थ्य सम्बंधित परेशानियां भी आ रही हैं, जबकि मिल प्रबंधन इसको लेकर गम्भीर नहीं हो रहा है.
मोलासिस बना लोगों के लिए परेशानी का सबब
बगहा अंतर्गत हरिनगर शुगर मिल्स लिमिटेड की ओर से छोड़ा गया मोलासिस किसानों और ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. ग्रामीणों का कहना है कि मिल प्रबंधन इस समस्या का कोई स्थायी निदान नहीं निकालता. जिस वजह से तकरीबन 6 वर्षों से उनके फसल सड़-गल कर बर्बाद हो जाते हैं.
मोलासिस के दुर्गंध से स्वास्थ्य सम्बंधित हो रही परेशानियां
मोलासिस से फसल बर्बाद होने की वजह से किसानों के मेहनत पर पानी तो फिरता ही है. आस पास के ग्रामीण इलाकों के लोगों का इसके दुर्गंध से जीना हराम हो गया है. जिसको लेकर अब ग्रामीण आंदोलन के मूड में आ गए हैं.ग्रामीणों का आरोप है कि मोलासिस के दुर्गंध से आस पास के लोगों को विभिन्न तरीके के सवास्थ्य संबंधित परेशानियों से भी दो चार होना पड़ रहा है और लोग तरह-तरह के गंभीर बीमारियों का शिकार हो रहे हैं.
मिल प्रबंधन के पास नही है इसका कोई जवाब
इस पूरे मामले पर मिल प्रबंधन ऑन द रिकॉर्ड कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे है. हालांकि हरिनगर शुगर मिल्स लिमिटेड के जीएम ने ऑफ दी रिकॉर्ड बताया कि नुकसान फसलों का मुआवजा प्रत्येक वर्ष दिया जाता है. इस मर्तबा भी दिया जाएगा. लेकिन सबसे बड़ी समस्या मोलासिस के दुर्गंध से लोगों के स्वास्थ्य को लेकर है. जिसका जवाब मिल प्रबंधन के पास भी नहीं है. ऐसे में एक बड़ा तबका बीमारियों के संकट से जूझने की चिंता से भयभीत है.