बेतिया: जिले के जीएमसीएच की आपातकालीन सेवा ठप हो गई है. मेडिकल कॉलेज के सभी नर्सिंग स्टाफ ने कार्य का बहिष्कार कर दिया है. इसको लेकर जीएमसीएच में चिकित्सीय व्यवस्था प्रभावित हो गई है. कर्मचारियों ने अस्पताल के मुख्य गेट पर विरोध प्रदर्शन करते हुए धरने पर बैठ गए हैं. धरने पर बैठे कर्मचारी बेतिया डीएम को बुलाने की मांग कर रहे हैं.
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धरने पर बैठे अस्पताल कर्मचारियों का कहना है कि मेडिकल कॉलेज में कोई भी कर्मचारी सुरक्षित नहीं है. आने वाले मरीज के परिजन और आस-पास के लोकल लोग चाकू दिखाते हैं और मारने की धमकी देते हैं. यही नहीं इतना होने के बावजूद सभी कर्मचारियों को पिछले 7 महीने से सैलरी नहीं मिली है. आक्रोशित अस्पताल के कर्मचारियों ने अस्पताल के मुख्य गेट पर विरोध प्रदर्शन करते हुए धरने पर बैठ गए हैं. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि उनकी सुरक्षा की जिला प्रशासन गारंटी दे और पुराना 7 महीने का भुगतान एक साथ कराएं. उसके बाद ही कर्मचारी काम पर लौटेंगे. सभी नर्सिंग स्टाफ के हड़ताल से चिकित्सीय व्यवस्था पूरी तरह से प्रभावित हो गई है. धरने पर बैठे कर्मचारी बेतिया डीएम को बुलाने की मांग कर रहे हैं.
7 महीने से नहीं मिली है सैलरी
धरने पर बैठे धरने पर बैठे कर्मियों ने कहा कि हमें 7 महीने से सैलरी नहीं मिली है. इसके लिए हमने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे को भी लिखित आवेदन दिया हैं. बिहार के डिप्टी सीएम रेनू देवी से मिलकर उन्हें आवेदन दिया हैं. बेतिया डीएम को भी हमने आवेदन दिया हैं. इसके बावजूद भी हमारी सैलरी अब तक नहीं आई. उनका कहना है कि एक तो हमारी सैलरी 6500 रुपये हैं वह सैलरी भी हमें 7 महीनों से नहीं मिल रही. ऐसे में हम काम कैसे कर पाएंगे. हमारा घर चलाना भी मुश्किल हो गया है.
सुरक्षा और सैलरी मिलने तक कार्य बाधित
कर्मियों ने कहा कि यहां पर आए दिन मरीज के परिजन हमें धमकी देते हैं. हमें छुरी दिखाया जाता है. ऐसे में डर के माहौल में काम करना मुश्किल हो गया है. इस पर डीएम को, अस्पताल प्रबंधन को विचार करना चाहिए. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक हमें सुरक्षा और सैलरी दोनों नहीं मिल जाती है. तब तक कार्य बाधित रहेगा.