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PK की जन सुराज पदयात्रा के 100 KM पूरे, कहा- ग्रामीण सड़कें आज भी लालू राज जैसी

प्रशांत किशोर जन सुराज पदयात्रा पर निकले हुए हैं. उन्होंने अबतक 100 किलोमीटर की पदयात्रा कर ली है. इसके बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने लालू यादव पर निशाना साधा. आगे पढ़ें पूरी खबर...

Prashant Kishor Etv Bharat
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Published : Oct 14, 2022, 3:43 PM IST

Updated : Oct 14, 2022, 5:38 PM IST

पश्चिम चंपारण : चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Election Strategist Prashant Kishor) ने 3500 किमी लंबी जन सुराज पदयात्रा के 100 किमी पूरे कर लिए. उन्होंने कहा कि बाहर कितना भी आडंबर क्यों ना हो पर, ग्रामीण सड़कें आज भी बदतर परिस्थिति में है. वह आज भी लालू राज की याद दिलाती है. गांव में लोगों को काफी समस्याओं से रूबरू होना पड़ रह है. इसे बदलने की जरूरत है.

ये भी पढ़ें- राजा का बेटा राजा नहीं बनेगा.. राजा वही बनेगा जो हकदार होगा', PK का बड़ा बयान

''अभी तक की पदयात्रा में जो समस्याएं सामने आई हैं उसमें पलायन, ग्रामीण सड़कों की बदहाली और बिजली बिल से जुड़ी समस्या सबसे अधिक देखने को मिल रही है. रोजगार नहीं मिलने के कारण बिहार के युवाओं की बड़ी आबादी पलायन कर चुकी है, गांवों में सिर्फ महिला, बुजुर्ग और बच्चे रह गए हैं. लोगों के बीच सरकार सिर्फ भ्रम फैला रही है कि बिहार की सड़कें चकाचक हो गई हैं लेकिन सच्चाई यही है कि आज ग्रामीण सड़कों की हालत वैसी हो गई है जो कभी लालू प्रसाद के शासनकाल में हुआ करती थीं.''- प्रशांत किशोर, चुनावी रणनीतिकार

पंचायत आधारित ब्लूप्रिंट बनाने की प्रयास : पदयात्रा का अनुभव साझा करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि वे पदयात्रा में रोज लगभग 15-20 किलोमीटर चलते हैं. जब 15 से 20 पंचायत का भ्रमण हो जाता है तब एक जगह रुकते हैं. ताकि जिन पंचायतों से पदयात्रा गुजरी है, वहां के स्थानीय जन समस्याओं पर लोगों से मिलकर उसे सुन व समझ कर उसे संकलन कर पंचायत आधारित ब्लूप्रिंट बना सकें.

'ग्रामीणों और प्रशासन के बीच विश्वास जरुरी' : चर्चित बलथर प्रकरण पर बात करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि यह मामला संवेदनशील है. इसलिए मेरा सुझाव है कि प्रशासन और ग्रामीणों के बीच में जो डर का माहौल है उसे प्राथमिकता के आधार पर खत्म करने का प्रयास किया जाए. इस मामले से जुड़े 700-800 पीड़ित परिवारों के सदस्यों से मिलने के बाद मेरा सुझाव है कि सभी परिवार मिलकर एक समिति बनाएं और अपने प्रतिनिधि चुने. इसके बाद प्रशासन और ग्रामीणों के बीच मध्यस्थता का रास्ता निकले और दोबारा ग्रामीण और प्रशासन के बीच विश्वास कायम हो सके।

'जन सुराज भविष्य बनेगा सबसे बड़ा क्राउड फंडिंग प्लेटफार्म' : जन सुराज पदयात्रा के लिए पैसा कहां से आ रहा है, इस सवाल का जवाब देते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, "पिछले 10 सालों में मैंने जिन नेताओं और दलों के लिए काम किया, जिनके भी जीत में अपना कंधा लगाया, वे सभी लोग बिहार में हो रहे इस नए प्रयोग में हमारी मदद कर रहे हैं. इसके अलावा हमलोग क्राउड फंडिंग के लिए भी एक बड़ी व्यवस्था खड़ी कर रहे हैं. यह अब तक की सबसे बड़ी क्राउड फंडिंग की व्यवस्था होगी और जो भी लोग इसमें अपना आर्थिक योगदान देना चाहते हैं वो दे सकेंगे. जनता के सहयोग से ही जन सुराज अभियान को आगे ले जाने का प्रयास है.''

पश्चिम चंपारण : चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Election Strategist Prashant Kishor) ने 3500 किमी लंबी जन सुराज पदयात्रा के 100 किमी पूरे कर लिए. उन्होंने कहा कि बाहर कितना भी आडंबर क्यों ना हो पर, ग्रामीण सड़कें आज भी बदतर परिस्थिति में है. वह आज भी लालू राज की याद दिलाती है. गांव में लोगों को काफी समस्याओं से रूबरू होना पड़ रह है. इसे बदलने की जरूरत है.

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''अभी तक की पदयात्रा में जो समस्याएं सामने आई हैं उसमें पलायन, ग्रामीण सड़कों की बदहाली और बिजली बिल से जुड़ी समस्या सबसे अधिक देखने को मिल रही है. रोजगार नहीं मिलने के कारण बिहार के युवाओं की बड़ी आबादी पलायन कर चुकी है, गांवों में सिर्फ महिला, बुजुर्ग और बच्चे रह गए हैं. लोगों के बीच सरकार सिर्फ भ्रम फैला रही है कि बिहार की सड़कें चकाचक हो गई हैं लेकिन सच्चाई यही है कि आज ग्रामीण सड़कों की हालत वैसी हो गई है जो कभी लालू प्रसाद के शासनकाल में हुआ करती थीं.''- प्रशांत किशोर, चुनावी रणनीतिकार

पंचायत आधारित ब्लूप्रिंट बनाने की प्रयास : पदयात्रा का अनुभव साझा करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि वे पदयात्रा में रोज लगभग 15-20 किलोमीटर चलते हैं. जब 15 से 20 पंचायत का भ्रमण हो जाता है तब एक जगह रुकते हैं. ताकि जिन पंचायतों से पदयात्रा गुजरी है, वहां के स्थानीय जन समस्याओं पर लोगों से मिलकर उसे सुन व समझ कर उसे संकलन कर पंचायत आधारित ब्लूप्रिंट बना सकें.

'ग्रामीणों और प्रशासन के बीच विश्वास जरुरी' : चर्चित बलथर प्रकरण पर बात करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि यह मामला संवेदनशील है. इसलिए मेरा सुझाव है कि प्रशासन और ग्रामीणों के बीच में जो डर का माहौल है उसे प्राथमिकता के आधार पर खत्म करने का प्रयास किया जाए. इस मामले से जुड़े 700-800 पीड़ित परिवारों के सदस्यों से मिलने के बाद मेरा सुझाव है कि सभी परिवार मिलकर एक समिति बनाएं और अपने प्रतिनिधि चुने. इसके बाद प्रशासन और ग्रामीणों के बीच मध्यस्थता का रास्ता निकले और दोबारा ग्रामीण और प्रशासन के बीच विश्वास कायम हो सके।

'जन सुराज भविष्य बनेगा सबसे बड़ा क्राउड फंडिंग प्लेटफार्म' : जन सुराज पदयात्रा के लिए पैसा कहां से आ रहा है, इस सवाल का जवाब देते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, "पिछले 10 सालों में मैंने जिन नेताओं और दलों के लिए काम किया, जिनके भी जीत में अपना कंधा लगाया, वे सभी लोग बिहार में हो रहे इस नए प्रयोग में हमारी मदद कर रहे हैं. इसके अलावा हमलोग क्राउड फंडिंग के लिए भी एक बड़ी व्यवस्था खड़ी कर रहे हैं. यह अब तक की सबसे बड़ी क्राउड फंडिंग की व्यवस्था होगी और जो भी लोग इसमें अपना आर्थिक योगदान देना चाहते हैं वो दे सकेंगे. जनता के सहयोग से ही जन सुराज अभियान को आगे ले जाने का प्रयास है.''

Last Updated : Oct 14, 2022, 5:38 PM IST
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