बेतिया(बगहा): जिले में सरकारी डॉक्टरों के नेम प्लेट के नाम पर दर्जनों अवैध क्लीनिक संचालित हो रहे हैं. इतना ही नहीं निजी नर्सिंग होम में फर्जी डॉक्टरों द्वारा सर्जरी करने की सूचनाएं मिलती रही है. जबिक, इस मामले में स्वास्थ्य महकमा मूकदर्शक बनी हुई है.
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नाम सरकारी डॉक्टर का और काम झोला छाप का
बता दें कि पिछले दिनों झोला छाप डॉक्टरों ने गर्भवती महिला का ऑपरेशन के दौरान प्रसव कराने के मामले में दो अलग-अलग क्षेत्रों से जच्चा और बच्चा दोनों की मौत की खबर आई थी. क्योंकि जिला में दर्जनों ऐसे निजी नर्सिंग क्लीनिक संचालित हो रहे हैं. जिनके बोर्ड पर सरकारी डॉक्टरों के नाम पर सर्जरी और मरीजों का इलाज किये जा रहै है. एसडीएम ने बगहा के भैरोगंज बाजार में संचालित हो रहे कई निजी क्लीनिकों की पड़ताल की. जहां सरकारी डॉक्टरों का नेम प्लेट अस्पताल की शोभा बढ़ाते दिखे.
लगातार घट रही हैं घटनाएं, स्वास्थ्य महकमा है चुप्प
सितंबर महीने में ही रामनगर और लौरिया में इसका दुष्परिणाम मरीजों को भुगतना पड़ा है. बता दें कि इसी तरह के नर्सिंग होम में गर्भवती महिलाओं का प्रसव के दौरान जच्चा और बच्चा दोनों की मौत हो गई. जिसकी खबर हमने प्रमुखता से दिखाई थी. अवैध नर्सिंग होम के संचालकों का कहना है कि सरकारी डॉक्टर आते हैं और सर्जरी करते हैं. अब सवाल यह उठता है कि निजी क्लीनिकों का निबंधन नहीं है. वहां सरकारी डॉक्टरों कैसे सर्जरी करने आते होंगे. सूत्रों की मानें तो इन सरकारी चिकित्सकों के नाम पर मोटी रकम वसूली जा रही है.
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एसडीएम ने कहा जांच कर होगी कार्रवाई
जच्चा-बच्चा के मौत की खबर नवागत एसडीएम शेखर आनंद ने संज्ञान में लिया है. उन्होंने कहा कि इस मामले में जांच कर कार्रवाई करने की बात कही है. इससे पहले भी फर्जीवाड़ा क्लीनिक और झोला-छाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. इस आरोप में कई लोग जेल भी जा चुके है.