बगहाः बिहार के पश्चिमी चंपारण जिला के पिपरा गांव में एक अनोखी प्रथा है. यहां के लोग दशकों से पेड़ पौधों के साथ दीपावली मनाते आ रहे हैं. ग्रामीण छोटी और बड़ी दिवाली के दिन गांव से सटे आईपीएस विकास वैभव चौराहे पर लगाए गए हजारों पेड़ों के साथ दीपोत्सव पर्व मनाते हैं. 15 साल पहले पर्यावरण प्रेमी गजेंद्र यादव द्वारा शुरू की गई यह अनूठी पहल आज अपना रंग दिखा रही है.
बगहा में पेड़ पौधों के साथ दीपावलीः बगहा के ग्रामीण लोग पर्यावरण सुरक्षा के प्रति काफी गंभीर हुए हैं यही वजह है की दिवाली, होली या रक्षाबंधन पर्व पेड़ पौधों के साथ मनाकर उनके सुरक्षा का संकल्प लेते हैं. बता दें कि पर्यावरण प्रेमी गजेंद्र यादव तकरीबन 20 वर्षों से पर्यावरण संरक्षण की मुहिम चला रहे हैं और इसके तहत अब तक उन्होंने 10 लाख से ज्यादा पौधारोपण किया है. गजेंद्र दिल के मरीज हैं और उन्होंने शादी नहीं की है. पेड़ पौधों को ही वे अपना परिवार और संतान मानते हैं.
गांव के लोगों ने कायम रखी परंपराः गजेंद्र यादव के इस समर्पण को देख ग्रामीणों में भी जागरूकता आई और फिर पूरा गांव इनके इस मुहिम में साथ देने लगा. ग्रामीण तो ग्रामीण शहर के लोगों समेत अधिकारियों द्वारा भी उनके पर्यावरण संरक्षण के मुहिम में लगातार सहयोग मिलता रहा है. इस दीपावली पर्व पर भी पुलिस प्रशासन के लोगों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर दीपोत्सव मनाया और पेड़ पौधों के पास दीप दान किया.
'पर्यावरण के प्रति लोगों में जागरूकता आ रही है': एसएसबी 21 वीं वाहिनी के कमांडेंट श्री प्रकाश ने गजेंद्र की सराहना करते हुए कहा कि इससे पर्यावरण के प्रति लोगों में जागरूकता आ रही है. वहीं पेड़ों के साथ दीपोत्सव मनाने पहुंचे बगहा एसडीपीओ कुमार देवेंद्र ने कहा की पेड़ पौधों के साथ दीपावली पर्व मनाना उनके जीवन का पहला और शानदार अनुभव रहा है.
"पर्यावरण प्रेमी गजेंद्र यादव से एक बेशकीमती सीख मिली है कि आप अपने पर्व त्योहारों को इन जीवनदायिनी पेड़ पौधों के साथ मनाकर उनके सुरक्षा का संकल्प लेते हैं. बहुत अच्छा लगता है और भी लोग यहां मिलकर दीपोत्सव मनाते हैं, जो काफी शानदार अनुभव है"- एसडीपीओ कुमार देवेंद्र, एसडीपीओ, बगहा
गांव के लोग पेड़ पौधों के साथ ही मनाते हैं दिवालीः वहीं, पर्यावरण प्रेमी गजेंद्र यादव ने बताया कि विगत 15 वर्षों से उनके गांव के लोग पेड़ पौधों के साथ ही अपना सभी पर्व मनाते आ रहे हैं. इसमें शहर के गणमान्य लोगों और अधिकारियों का भी उनको सहयोग मिलता रहा है. उन्होंने बताया कि पेड़ पौधे हमें प्राणदायिनी ऑक्सीजन देते हैं, जिससे हम जीवित हैं. उनके साथ पर्व त्योहार मनाकर उनकी सुरक्षा का संकल्प लिया जाता है और त्योहारों की खुशियां प्रकृति के साथ साझा की जाती है.
" 15 साल से हमारे गांव के लोग पेड़ पौधों के साथ ही दिवाली मना रहे हैं. शहर के गणमान्य लोग और अधिकारी भी पेड़ के साथ दीपावली मनाते हैं. ये देखकर बहुत ही अच्छा लगता है. पेड़ पौधे हमारे लिए बहुत जरूरी हैं, इसलिए इनकी रक्षा करना सबका कर्तव्य है" - गजेंद्र यादव, पर्यावरण प्रेम
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