पश्चिम चंपारण (बेतिया) : बिहार के पश्चिम चंपारण में शराब पीने के आरोप में एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है. चंपारण रेंज के डीआईजी पीके प्रवीण के रीडर को शराब के नशे में पुलिस ने गिरफ्तार (dig reader arrested in bettiah) किया है. रीडर की गिरफ्तारी डीआईजी आवास से हुई है. डीआईजी के रीडर की गिरफ्तारी मुफस्सिल थाना पुलिस ने की है. इस गिरफ्तारी से बेतिया पुलिस में हड़कंप मच गया है. सूत्रों की मानें तो डीआईजी ने खुद रीडर की गिरफ्तारी करवाई है.
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डीआईजी ने खुद करवायी गिरफ्तारी : सूत्रों की मानें तो चंपारण रेंज के डीआईजी पीके प्रवीण ने रीडर को किसी काम के लिए फोन किया था. फोन पर बातचीत के दौरान डीआईजी को लगा कि रीडर शराब के नशे में हैं. जिसके बाद डीआईजी ने तुरंत बेतिया एसपी को फोन किया और एसपी ने तुरंत मुफस्सिल थाना पुलिस को भेजकर रीडर की गिरफ्तारी करवाई. रीडर की गिरफ्तारी डीआईजी आवास से की गई. रीडर की गिरफ्तारी जब हुई तो वह शराब के नशे में था.
शराब पीने की हुई पुष्टि : गिरफ्तार कर डीआईजी के रीडर को मुफस्सिल पुलिस थाने पर ले आई. मेडिकल जांच में शराब की पुष्टि भी हुई है. जिसके बाद पुलिस हिरासत में ले चुकी है और उन्हें जेल भेजने की तैयारी की जा रही है. बता दें रविवार देर रात को रीडर की गिरफ्तारी के बाद चंपारण रेंज के पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है. वहीं कोई भी पुलिस अधिकारी कुछ भी बताने से परहेज कर रहें हैं.
नीतीश बोले थे-छोड़ेंगे नहीं :बता दें कि 2 मार्च को विधानसभा में अपनी बात रखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि बिहार में नशा मुक्ति और समाज सुधार के लिए लगातार काम हो रहा है. उन्होंने कहा कि शराबबंदी को सख्ती से लागू करने के लिए सरकार हर स्तर पर प्रयास कर रही है लेकिन कुछ लोग बस सवाल उठाते रहते हैं. अब ड्रोन से भी छापेमारी करवा रहे हैं. हम अगर हैं तो हम किसी को नहीं छोड़ेंगे. इसके लिए प्लेन का भी उपाय करवा रहे हैं.
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2016 से शराबबंदी : गौरतलब है कि बिहार सरकार ने 2016 में शराबबंदी कानून लागू किया था. कानून के तहत शराब की बिक्री, पीने और इसे बनाने पर प्रतिबंध है. शुरुआत में इस कानून के तहत संपत्ति कुर्क करने और उम्र कैद की सजा तक का प्रावधान था, लेकिन 2018 में संशोधन के बाद सजा में थोड़ी छूट दी गई थी. बता दें कि बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से बिहार पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों के मुताबिक अब तक मद्य निषेध कानून उल्लंघन से जुड़े करीब 3 लाख से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं.
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