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बेतियाः सोमवारी के मौके पर सागर पोखरा शिव मंदिर में उमड़ा भक्तों सैलाब

बेतिया के सागर पोखरा स्थित सबसे प्रसिद्ध और पुराने शिव मंदिर में आज सावन की दूसरी सोमवारी में शिव भक्तों की भीड़ उमड़ी. यह मंदिर महाराजा हरेंद्र सिंह ने बनवाई थी.

बेतिया में सागर पोखरा स्थित प्रसिद्ध शिव मंदिर
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Published : Jul 29, 2019, 1:19 PM IST

पश्चिम चंपारण: आज सावन की दूसरी सोमवारी है. बेतिया शहर के सागर पोखरा स्थित शिव मंदिर में भगवान भोलेशंकर का जलाभिषेक करने के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. कहा जाता है कि इस प्रसिद्ध मंदिर का निर्माण बेतिया के राजा महाराजा हरेंद्र सिंह ने किया था.

बाबा की भक्ति में लीन भक्त
भक्त भगवान शिव की आरती कर रहे हैं. उनका जलाभिषेक कर रहें है. उनका उत्साह देखते ही बन रहा हैं. वहीं शिव भक्तों की ओर से आज विशेष पूजा का आयोजन भी किया गया है. महिलाएं, पुरुष, बच्चे और बूढ़े हर कोई भगवान भोले पर जल चढ़ाने के लिए मंदिर के बाहर अपनी बारी का इंतजार कर रह हैं.

सावन की सोमवारी का बहुत महत्व
माना जाता है कि सावन की सोमवारी के दिन जल और दूध चढ़ाने से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं. सारी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. मंदिर के ज्योतिषाचार्य का कहना है कि सावन के सोमवारी का एक विशेष महत्व होता है. सावन महीने में की जाने वाली शिव की उपासना और दूसरी सोमवारी को की गई भक्ति, हर भक्त के जीवन में सुख लाती है.
बेतिया राज के महाराजा हरेंद्र सिंह की ओर से इस सागर पोखरा मंदिर का निर्माण हुआ था. यह मंदिर बेतिया का सबसे प्रसिद्ध और पुराना शिव मंदिर है.

पश्चिम चंपारण: आज सावन की दूसरी सोमवारी है. बेतिया शहर के सागर पोखरा स्थित शिव मंदिर में भगवान भोलेशंकर का जलाभिषेक करने के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. कहा जाता है कि इस प्रसिद्ध मंदिर का निर्माण बेतिया के राजा महाराजा हरेंद्र सिंह ने किया था.

बाबा की भक्ति में लीन भक्त
भक्त भगवान शिव की आरती कर रहे हैं. उनका जलाभिषेक कर रहें है. उनका उत्साह देखते ही बन रहा हैं. वहीं शिव भक्तों की ओर से आज विशेष पूजा का आयोजन भी किया गया है. महिलाएं, पुरुष, बच्चे और बूढ़े हर कोई भगवान भोले पर जल चढ़ाने के लिए मंदिर के बाहर अपनी बारी का इंतजार कर रह हैं.

सावन की सोमवारी का बहुत महत्व
माना जाता है कि सावन की सोमवारी के दिन जल और दूध चढ़ाने से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं. सारी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. मंदिर के ज्योतिषाचार्य का कहना है कि सावन के सोमवारी का एक विशेष महत्व होता है. सावन महीने में की जाने वाली शिव की उपासना और दूसरी सोमवारी को की गई भक्ति, हर भक्त के जीवन में सुख लाती है.
बेतिया राज के महाराजा हरेंद्र सिंह की ओर से इस सागर पोखरा मंदिर का निर्माण हुआ था. यह मंदिर बेतिया का सबसे प्रसिद्ध और पुराना शिव मंदिर है.

Intro:बेतिया: सावन की दूसरी सोमवारी को शिव मंदिरों में भक्तों की उमड़ी भीड़। बेतिया का सबसे प्रसिद्ध और पुराना शिव मंदिर। बेतिया महाराजा हरेंद्र सिंह द्वारा बनवाया गया था सागर पोखरा शिव मंदिर।


Body:आज सावन की दूसरी सोमवारी है। बेतिया के सागर पोखरा स्थित शिव मंदिर में भगवान भोलेशंकर का जलाभिषेक करने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है। भगवान शिव की आरती हो रही है । भक्तों का उत्साह देखते ही बन रहा है । वही शिव भक्तों द्वारा आज विशेष पूजा का आयोजन भी किया गया है। महिलाएं, पुरुष, बच्चे ,बूढ़े हर कोई भगवान भोले पर जल चढ़ाने के लिए मंदिर के बाहर अपनी पारी का इंतजार कर रहे हैं। माना जाता है कि सावन की दूसरी सोमवारी के दिन जल और दूध चढ़ाने से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं और उनकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं ।

बाइट- श्रद्धालु


Conclusion:मंदिर के ज्योतिषाचार्य का कहना है कि सावन के सोमवारी का एक विशेष महत्व होता है। सावन माह में की जाने वाली शिव की उपासना और शिव की दूसरी सोमवारी को की जाने वाली शिव भक्ति हर भक्त के जीवन में सुख लाती है। बता दें कि बेतिया राज के महाराजा हरेंद्र सिंह के द्वारा इस सागर पोखरा मंदिर का निर्माण करवाया गया था। यह मंदिर बेतिया का सबसे प्रसिद्ध और पुराना शिव मंदिर है।

बाइट ज्योतिषाचार्य
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