सिवान: "मैं तो अपने पुत्र का श्राद्ध कार्यक्रम भी कर चुकी हूं. तमाम जगह खोजने के बाद मेरी उम्मीद टूट चुकी थी तो मैंने यह समझा कि मेरा पुत्र अब इस दुनिया में नहीं रहा. लेकिन फिर भी मेरा दिल बेचैन रहता था. मैं जिस भी मंदिर जाती मैं अपने पुत्र प्रप्ति की मन्नतें जरूर मांगा करती थी. शायद यही वजह है कि भगवान ने मेरी सुन ली और महाकुंभ में मेरे पुत्र को मुझे मिला दिया." ये कहना है रेखा देवी का.
पांच साल बाद कुंभ में मिला बेटा: दरअसल, यह पूरी कहानी सिवान के हुसैनगंज थाना क्षेत्र रहने वाले परमेश्वर पंडित की है. वह दोनों पैरों से विकलांग और गूंगा है. पांच साल बाद प्रयागराज के महाकुंभ में भीख मांगते हुए मिला. उसका नवंबर 2020 में छठ के दिन सिवान जाने के बाद अपहरण कर लिया गया था. अपहरणकर्ताओं ने उसे मारपीट कर घायल किया और भीख मंगवाया.
गांववाले ने युवक को पहचाना: परमेश्वर पंडित की माता रेखा देवी का कहना है कुछ दिन पहले ही हम लोग महाकुंभ नहाने प्रयागराज गए हुए थे. तमाम भिखारी को भिक्षा देते वक्त मैंने वहीं अपने पुत्र से मिलवाने की मन्नत मांगी और मैं चली आई. 2 दिन पहले गांव के कुछ लोग प्रयागराज में महाकुंभ स्नान कर लौट रहे थे, तभी परमेश्वर ने गांव वाले लोगों को पहचान लिया और व्हीलचेयर से आते हुए पैर पकड़ कर रोने लगा.
अपहरण कर मंगवाया जा रहा था भीख: मां ने बताया कि वह इशारों में ही सब कुछ बता दिया था. उसी दौरान जो उसका किडनैपर भी था. वहां पहुंच कर ये कहने लगे कि यह विकलांग लड़का मेरा छोटा भाई है. इस बात पर वहां कहासुनी होने लगी. पुलिस उनलोगों को थाने में ले जाकर पूछताछ करने लगी. जब उसके घर से परिजनों द्वारा उसका आधार कार्ड भेजा गया और फोन पर सभी जानकारी दी गई तब वहां की पुलिस बॉड भरवाकर गांव वालों के साथ घर ले जाने के लिए भेज दिया.
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