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बेतिया: नल जल योजना में बरती जा रही भारी अनियमितता, जांच की मांग

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Published : Oct 1, 2020, 9:19 PM IST

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बेतिया

बेतिया(वाल्मीकिनगर): जिले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी नलजल योजना में बड़ी अनियमितता सामने आई है. बगहा प्रखंड के वाल्मीकिनगर, लक्ष्मीपुर रमपुरवा, संतपुर सहरिया सहित दर्जनों पंचायतों में भारी गड़बड़ी देखने को मिल रही है. इसमें सरकारी निर्देशों को ताक पर रख कर कुछ ठेकेदारों द्वारा काम कराया जा रहा है.

इस मामले को गंभीरता से लेते हुए भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के जिला मंत्री वीरेंद्र सिंह ने जिलाधिकारी को आवेदन भेजकर नल जल योजना में बरती जा रही भारी अनियमितता की जांच करने की मांग की है.

मानक के अनुरूप नहीं हो रहा काम
वीरेंद्र ने अपने आवेदन में लिखा है कि नल जल योजना कार्य में संवेदक और अधिकारियों की मिली भगत से काम को ठीक से नहीं किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि 70 मीटर की जगह 40 से 45 मीटर गहरी बोरिंग की जा रही है. टंकी के फाउंडेशन बनाने में लोकल गिट्टी और बालू का प्रयोग किया जा रहा है. वीरेंद्र का कहना है कि बोरिंग की गहराई कम होने से ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल नहीं मिल पाएगा.

अनियमितता को लेकर जांच की मांग
वहीं, सड़क किनारे घरों में पानी पहुंचाने के लिए कम गड्ढा कर पाइप डाला जा रहा है. वाल्मीकिनगर के पहाड़ कॉलोनी में ठेकेदार द्वारा दूसरी जगह बोरिंग कर दिया गया है जो पुरी तरह से असफल हो गया है. ठेकेदार द्वारा किए जा रहे कार्य में गुणवत्ता की भारी कमी हो रही है. उन्होंने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच करने की मांग की है.

बेतिया(वाल्मीकिनगर): जिले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी नलजल योजना में बड़ी अनियमितता सामने आई है. बगहा प्रखंड के वाल्मीकिनगर, लक्ष्मीपुर रमपुरवा, संतपुर सहरिया सहित दर्जनों पंचायतों में भारी गड़बड़ी देखने को मिल रही है. इसमें सरकारी निर्देशों को ताक पर रख कर कुछ ठेकेदारों द्वारा काम कराया जा रहा है.

इस मामले को गंभीरता से लेते हुए भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के जिला मंत्री वीरेंद्र सिंह ने जिलाधिकारी को आवेदन भेजकर नल जल योजना में बरती जा रही भारी अनियमितता की जांच करने की मांग की है.

मानक के अनुरूप नहीं हो रहा काम
वीरेंद्र ने अपने आवेदन में लिखा है कि नल जल योजना कार्य में संवेदक और अधिकारियों की मिली भगत से काम को ठीक से नहीं किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि 70 मीटर की जगह 40 से 45 मीटर गहरी बोरिंग की जा रही है. टंकी के फाउंडेशन बनाने में लोकल गिट्टी और बालू का प्रयोग किया जा रहा है. वीरेंद्र का कहना है कि बोरिंग की गहराई कम होने से ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल नहीं मिल पाएगा.

अनियमितता को लेकर जांच की मांग
वहीं, सड़क किनारे घरों में पानी पहुंचाने के लिए कम गड्ढा कर पाइप डाला जा रहा है. वाल्मीकिनगर के पहाड़ कॉलोनी में ठेकेदार द्वारा दूसरी जगह बोरिंग कर दिया गया है जो पुरी तरह से असफल हो गया है. ठेकेदार द्वारा किए जा रहे कार्य में गुणवत्ता की भारी कमी हो रही है. उन्होंने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच करने की मांग की है.

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