बगहा: बिहार के बगहा में कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर बांसी और गंडक नदी में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई और दान पुण्य किया. इस अवसर पर स्नान कर रहे लोगों ने शिव मंदिर में दर्शन कर कुशलता की कामना की. स्नान करने के लिए रविवार से हीं श्रद्घालुओं की भीड़ बांसी पहुंचने लगी थी और सोमवार की आधी रात के बाद से ही बांसी नदी के घाट, शिव घाट और रामघाट पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाना शुरू कर दिया.
भगवान राम ने किया रात्रि विश्राम: आस्था की डुबकी लगाने के बाद श्रद्घालुओं ने गौ दान किया. बांसी मेला के बारे में एक मान्यता है कि सौ काशी न एक बांसी, अर्थात सौ बार काशी जाकर गंगा नदी में स्नान करने से जो पुण्य मिलता है, वह बांसी नदी में एक बार स्नान करने पर मिल जाता है. जनकपुर से लौटते समय भगवान राम ने इस नदी के किनारे रात्रि विश्राम किया था. इसलिए हर साल कार्तिक पूर्णिमा को यहां उत्तर प्रदेश, बिहार और नेपाल से हजारों की संख्या में श्रद्घालु स्नान-दान के लिए आते हैं.
श्रद्धालु करते हैं माता गंगा का आह्वान: यहां श्रद्धालुओं ने दर्जनों जगह कोशी भराई की. यहां मांगी गई मन्नतें पूरी हो जाने पर कार्तिक पूर्णिमा को श्रद्धालु माता गंगा का आह्वान कर बच्चों का मुंडन कराने के साथ साथ कोशी भरते हैं. बता दें कि आज के पर्व को देव दीपावली के नाम से भी जाना जाता है. लिहाजा बांसी नदी के घाट पर श्रद्घालुओं ने चौमुखी दीपक जलाकर पूजा-अर्चना की. स्थानीय लोगों ने बताया कि बांसी नदी में स्नान का जितना महत्व है उस लिहाज से नदी की साफ सफाई पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है.
"यहां नदी की सफाई पर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया जा रहा है. जिससे स्नान करने वाले श्रद्धालुओं को काफी परेशानी होती है और उन्हें कीचड़मय गंदे पानी में स्नान करना पड़ता है"-संदीप कुमार, श्रद्धालु
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