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Watch Video: घर के दरवाजे पर दरबान बनकर बैठा मगरमच्छ, रेस्क्यू करने में वन कर्मियों के छूटे पसीने - गंडक में मगरमच्छ

बिहार के बगहा में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब एक घर में मगरमच्छ घुस आया. विशालकाय मगरमच्छ घर के दरवाजे पर दरबान बन कर बैठा था. ना कोई अंदर जा सकता था और ना ही कोई घर से बाहर निकल सकता था. उसके बाद क्या हुआ जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर..

बगहा में घर में घुसा मगरमच्छ
बगहा में घर में घुसा मगरमच्छ
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 26, 2023, 1:53 PM IST

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बगहा: वाल्मीकि टाइगर रिजर्व से सटे रिहायशी इलाकों में वन्य जीवों और और जलीय जीवों का निकलना बदस्तूर बदस्तूर जारी है. इसी क्रम में वाल्मीकिनगर के जी टाइप कॉलोनी स्थित राजकिशोर के घर में एक विशालकाय मगरमच्छ घुस कर आराम फरमा रहा था, जिसको देखने के बाद अफरा तफरी मच गई.

पढ़ें- West Champaran News: बरसात में घर के आसपास नहीं होने दें जलजमाव, नहीं तो आ जाएगा मगरमच्छ

बगहा में घर में घुसा मगरमच्छ: दरअसल वाल्मीकिनगर में दो दिनों से लगातार बारिश हो रही है. बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ा हुआ है. ऐसे में जंगली जीव रिहायशी इलाकों का रुख कर रहे हैं. 18 अगस्त को भी एक विशालकाय मगरमच्छ ने लोगों के बीच दहशत फैलाई थी. अब एक बार फिर पानी से निकलकर मगरमच्छ एक घर के अंदर पहुंच गया. इसकी लंबाई तकरीबन 7 फीट बतायी जाती है. घर के दरवाजे पर यह मगरमच्छ ऐसे बैठा था जैसे दरबान हो.

वन विभाग की टीम ने किया रेस्क्यू: जब लोगों की नजर इस पर पड़ी तो हड़कंप मच गया. आनन-फानन में लोगों ने इसकी सूचना वनकर्मियों को दी. सूचना के बाद मौके पर वन कर्मी पहुंचे और मगरमच्छ का रेस्क्यू करने में जुट गए. इस दौरान वनकर्मियों को खासी मशक्कत करनी पड़ी. मगरमच्छ इधर-उधर भागने लगा. घंटों की मशक्कत के बाद आखिरकार मगरमच्छ का रेस्क्यू किया गया. फिर इसे गंडक नदी में सुरक्षित छोड़ दिया गया.

गंडक नदी में छोड़ा: बता दें कि गंडक नदी मगरमच्छ और घड़ियाल के लिए एक बेहतर अधिवास केंद्र है और इस नदी में चंबल नदी के बाद सबसे ज्यादा मगरमच्छ और घड़ियाल पाए जाते हैं. यहीं वजह है कि ये नदी से निकलकर विचरण करते हुए लोगों के घरों तक पहुंच जाते हैं और लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन जाते हैं. फिलहाल वाल्मीकि टाइगर रिजर्व से सटे रिहायशी इलाकों में आए दिन भालू , विभिन्न प्रजातियों के सांप और अन्य वन्य जीव चहलकदमी करते हुए रिहायशी इलाकों में पहुंच जा रहे हैं. इससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है और वे दहशत में रह रहे हैं. वन्य जीवों के लगातार विचरण करने का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि अमूमन प्रतिदिन वाल्मीकिनगर के विभिन्न कॉलोनियों से सांपों का रेस्क्यू किया जा रहा है.

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बगहा: वाल्मीकि टाइगर रिजर्व से सटे रिहायशी इलाकों में वन्य जीवों और और जलीय जीवों का निकलना बदस्तूर बदस्तूर जारी है. इसी क्रम में वाल्मीकिनगर के जी टाइप कॉलोनी स्थित राजकिशोर के घर में एक विशालकाय मगरमच्छ घुस कर आराम फरमा रहा था, जिसको देखने के बाद अफरा तफरी मच गई.

पढ़ें- West Champaran News: बरसात में घर के आसपास नहीं होने दें जलजमाव, नहीं तो आ जाएगा मगरमच्छ

बगहा में घर में घुसा मगरमच्छ: दरअसल वाल्मीकिनगर में दो दिनों से लगातार बारिश हो रही है. बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ा हुआ है. ऐसे में जंगली जीव रिहायशी इलाकों का रुख कर रहे हैं. 18 अगस्त को भी एक विशालकाय मगरमच्छ ने लोगों के बीच दहशत फैलाई थी. अब एक बार फिर पानी से निकलकर मगरमच्छ एक घर के अंदर पहुंच गया. इसकी लंबाई तकरीबन 7 फीट बतायी जाती है. घर के दरवाजे पर यह मगरमच्छ ऐसे बैठा था जैसे दरबान हो.

वन विभाग की टीम ने किया रेस्क्यू: जब लोगों की नजर इस पर पड़ी तो हड़कंप मच गया. आनन-फानन में लोगों ने इसकी सूचना वनकर्मियों को दी. सूचना के बाद मौके पर वन कर्मी पहुंचे और मगरमच्छ का रेस्क्यू करने में जुट गए. इस दौरान वनकर्मियों को खासी मशक्कत करनी पड़ी. मगरमच्छ इधर-उधर भागने लगा. घंटों की मशक्कत के बाद आखिरकार मगरमच्छ का रेस्क्यू किया गया. फिर इसे गंडक नदी में सुरक्षित छोड़ दिया गया.

गंडक नदी में छोड़ा: बता दें कि गंडक नदी मगरमच्छ और घड़ियाल के लिए एक बेहतर अधिवास केंद्र है और इस नदी में चंबल नदी के बाद सबसे ज्यादा मगरमच्छ और घड़ियाल पाए जाते हैं. यहीं वजह है कि ये नदी से निकलकर विचरण करते हुए लोगों के घरों तक पहुंच जाते हैं और लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन जाते हैं. फिलहाल वाल्मीकि टाइगर रिजर्व से सटे रिहायशी इलाकों में आए दिन भालू , विभिन्न प्रजातियों के सांप और अन्य वन्य जीव चहलकदमी करते हुए रिहायशी इलाकों में पहुंच जा रहे हैं. इससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है और वे दहशत में रह रहे हैं. वन्य जीवों के लगातार विचरण करने का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि अमूमन प्रतिदिन वाल्मीकिनगर के विभिन्न कॉलोनियों से सांपों का रेस्क्यू किया जा रहा है.

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