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बेतिया: बाढ़ की समस्याओं को लेकर भाकपा-माले ने दिया धरना, मुआवजा देने की मांग

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Published : Aug 1, 2020, 7:58 PM IST

बेतिया में बाढ़ की समस्याओं को लेकर भाकपा-माले ने जिला स्तरीय धरना दिया. इस दौरान उन्होंने सरकार से बाढ़ पीड़ितों को सूचीबद्ध कर मुआवजा देने की मांग की.

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बाढ़ की समस्याओं को लेकर भाकपा-माले ने दिया धरना

बेतिया: जिले के नरकटियागंज प्रखंड के दिउलिया पिपरा स्थित पार्टी कार्यालय और बनवरिया पंचायत के मढीया गांव में बाढ़ के विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए भाकपा-माले ने जिला स्तरीय कार्यक्रम के तहत समाजिक दूरी का पालन करते हुए धरना दिया.

हजारों एकड़ के फसल बर्बाद
धरना के माध्यम से भाकपा नेताओं ने कहा कि पश्चिम चम्पारण में एक तो कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण पहले से ही लोग आर्थिक रूप से तबाह हैं. वहीं बाढ़ ने यहां के मजदूरों, किसानों और आम जनता को तबाही की और बढ़ा दिया है. हजारों घर घिर गये हैं. हजारों एकड़ के फसल बर्बाद हो गए हैं.

जलजमाव से बढ़ी परेशानी
जलजमाव से लोगों के आवागमन से लेकर रोजी-रोजगार में काफी दिक्कतें बढ़ गई हैं. हजारों घरों में बाढ़ के पानी ने गरीबों के घर के अनाज, कपड़े, मवेशियों का चारा और रहने के घर को नष्ट कर दिया है. उनकी जिन्दगी कठिन हो गयी है.

कई मोहल्ले में जलजमाव
खेग्रामस राज्य परिषद सदस्य मुख्तार मियां, जिला नेता भिखारी यादव और केदार राम ने संयुक्त रूप से कहा कि शहरी इलाकों में भी बरसात से पहले जल निकासी के लिए कुछ कार्य नहीं हुआ है. जिसके कारण बगहा, बेतिया, नरकटियागंज आदी शहरों के मोहल्ले में जलजमाव की समस्या है.

मरम्मत के नाम पर घोटाला
मंझौलिया में जमींदारी बांध टूट गया है. चंपारण तटबंध में दर्जनों गांव में पानी का रिसाव हो रहा है. मरम्मत के नाम पर घोटाला हो रहा है. इसलिए हमारी पार्टी 30 जुलाई से जिला स्तर पर आवाज को बुलंद कर रही है. ताकि सरकार जनता की समस्या का समाधान करें. बाढ़ से बर्बाद फसल का दस हजार रुपये प्रति एकड़ और ध्वस्त घरों को तीस हजार रुपये प्रति परिवार और बाढ़ पीड़ितों को सूचीबद्ध कर दस-दस हजार रुपये सहायता राशि देकर जल्द से जल्द बांध का निर्माण करवायें.

बेतिया: जिले के नरकटियागंज प्रखंड के दिउलिया पिपरा स्थित पार्टी कार्यालय और बनवरिया पंचायत के मढीया गांव में बाढ़ के विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए भाकपा-माले ने जिला स्तरीय कार्यक्रम के तहत समाजिक दूरी का पालन करते हुए धरना दिया.

हजारों एकड़ के फसल बर्बाद
धरना के माध्यम से भाकपा नेताओं ने कहा कि पश्चिम चम्पारण में एक तो कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण पहले से ही लोग आर्थिक रूप से तबाह हैं. वहीं बाढ़ ने यहां के मजदूरों, किसानों और आम जनता को तबाही की और बढ़ा दिया है. हजारों घर घिर गये हैं. हजारों एकड़ के फसल बर्बाद हो गए हैं.

जलजमाव से बढ़ी परेशानी
जलजमाव से लोगों के आवागमन से लेकर रोजी-रोजगार में काफी दिक्कतें बढ़ गई हैं. हजारों घरों में बाढ़ के पानी ने गरीबों के घर के अनाज, कपड़े, मवेशियों का चारा और रहने के घर को नष्ट कर दिया है. उनकी जिन्दगी कठिन हो गयी है.

कई मोहल्ले में जलजमाव
खेग्रामस राज्य परिषद सदस्य मुख्तार मियां, जिला नेता भिखारी यादव और केदार राम ने संयुक्त रूप से कहा कि शहरी इलाकों में भी बरसात से पहले जल निकासी के लिए कुछ कार्य नहीं हुआ है. जिसके कारण बगहा, बेतिया, नरकटियागंज आदी शहरों के मोहल्ले में जलजमाव की समस्या है.

मरम्मत के नाम पर घोटाला
मंझौलिया में जमींदारी बांध टूट गया है. चंपारण तटबंध में दर्जनों गांव में पानी का रिसाव हो रहा है. मरम्मत के नाम पर घोटाला हो रहा है. इसलिए हमारी पार्टी 30 जुलाई से जिला स्तर पर आवाज को बुलंद कर रही है. ताकि सरकार जनता की समस्या का समाधान करें. बाढ़ से बर्बाद फसल का दस हजार रुपये प्रति एकड़ और ध्वस्त घरों को तीस हजार रुपये प्रति परिवार और बाढ़ पीड़ितों को सूचीबद्ध कर दस-दस हजार रुपये सहायता राशि देकर जल्द से जल्द बांध का निर्माण करवायें.

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