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बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का माले ने किया निरीक्षण, कहा- 'सरकार को नहीं गरीबों की चिंता' - Reviews of flood affected areas

पिपरासी प्रखंड के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का सिकटा विधायक सह माले के वरिष्ठ नेता वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता ने मौके पर पहुंच कर निरीक्षण किया. इस दौरैन बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा. वहीं बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में प्रभावित लोगों से उनकी समस्याओं की जानकारी ली.

बेतिया
वरिष्ठ नेता वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता
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Published : Jun 1, 2021, 5:54 PM IST

बेतिया(वाल्मीकिनगर): पिपरासी प्रखंड स्थित बाढ़ प्रभावित सेमरा लबेदहा पंचायत के लोगों की शिकायत पर सिकटा विधायक सह माले के वरिष्ठ नेता वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता ने मौके पर पहुंच कर निरीक्षण किया. इस दौरान लोगों की समस्या सुन जल्द निपटारे का आश्वासन भी दिया.

विधायक ने पिछले बरसात के समय में टूटे छितौनी तमकुही रेल परियोजना के क्षतिग्रस्त स्थल का निरीक्षण करते हुए सरकार और उनके नुमाइंदों के उदासीनता पर आक्रोश व्यक्त करते हुए कड़े शब्दों में आलोचना किया.

BETTIAH
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का माले नेता ने किया निरीक्षण

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'समस्या को दूर करने के लिए स्थानीय विधायक धीरेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ रिंकू सिंह ने बीडीओ, सीओ, प्रमुख और अन्य अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ 21 अक्टूबर 2019 को बैठक कर लोगों के विस्थापन की चर्चा की. इस दौरान विधायक ने दो माह के अंदर लोगों को विस्थापित कर बसाने का निर्देश अधिकारियों को दिया है. इतने दिन बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है और आज तक विधायक ने कोई खबर भी नहीं ली. वहीं चुनाव के बाद आज तक विधायक बाढ़ पीड़ितों का हाल भी जानने नहीं आये'. -ग्रामीण

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का माले नेता ने किया निरीक्षण


'लोगों की शिकायत पर मैं यहां आया हूं. आने पर लोगों की शिकायत और स्थानीय स्तर पर जानकारी के अनुसार एक जून हो गया लेकिन आज तक यहां पर कोई भी बाढ़ बचाव कार्य नहीं हुआ है. वहीं पिछले बरसात में जिस स्थानों से सेमरा लबेदहा और मंझरिया पंचायत में बांध टूटने के कारण बाढ़ का पानी घुसा था उस स्थान पर आज तक मरम्मत नहीं हुई. डबल इंजन की सरकार को गरीबों से कोई मतलब नहीं है. यह सरकार बरसात शुरू होने से एक दो माह पहले बचाव कार्य शुरू करती है जो अधूरा ही रह जाता है और बाढ़ आ जाती है. सरकार को जानमाल से कोई मतलब नहीं है. वे इसके लिए आंदोलन करेंगे और लोगों को जल्द विस्थापित करने के साथ पक्का मकान बनाने की मांग करेंगे'.- वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता, माले के वरिष्ठ नेता

ये भी पढ़ें...नीतीश कैबिनेट का बड़ा फैसला, पंचायत प्रतिनिधियों को नहीं मिलेगा एक्सटेंशन

64 परिवारों का नहीं हुआ है विस्थापन
छितौनी तमकुही रेल परियोजना के लिए अधिग्रहित जमीन में स्थानीय अंचल द्वारा के लापरवाही के कारण बाढ़ पीड़ितों को अधिग्रहित जमीन पर ही बसा दिया गया था. रेल परियोजना का कार्य 2016 में शुरू हुआ तभी से इन लोगों को विस्थापित करने की प्रक्रिया शुरू हुआ था जो आज तक अटका हुआ है.

बेतिया(वाल्मीकिनगर): पिपरासी प्रखंड स्थित बाढ़ प्रभावित सेमरा लबेदहा पंचायत के लोगों की शिकायत पर सिकटा विधायक सह माले के वरिष्ठ नेता वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता ने मौके पर पहुंच कर निरीक्षण किया. इस दौरान लोगों की समस्या सुन जल्द निपटारे का आश्वासन भी दिया.

विधायक ने पिछले बरसात के समय में टूटे छितौनी तमकुही रेल परियोजना के क्षतिग्रस्त स्थल का निरीक्षण करते हुए सरकार और उनके नुमाइंदों के उदासीनता पर आक्रोश व्यक्त करते हुए कड़े शब्दों में आलोचना किया.

BETTIAH
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का माले नेता ने किया निरीक्षण

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'समस्या को दूर करने के लिए स्थानीय विधायक धीरेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ रिंकू सिंह ने बीडीओ, सीओ, प्रमुख और अन्य अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ 21 अक्टूबर 2019 को बैठक कर लोगों के विस्थापन की चर्चा की. इस दौरान विधायक ने दो माह के अंदर लोगों को विस्थापित कर बसाने का निर्देश अधिकारियों को दिया है. इतने दिन बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है और आज तक विधायक ने कोई खबर भी नहीं ली. वहीं चुनाव के बाद आज तक विधायक बाढ़ पीड़ितों का हाल भी जानने नहीं आये'. -ग्रामीण

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का माले नेता ने किया निरीक्षण


'लोगों की शिकायत पर मैं यहां आया हूं. आने पर लोगों की शिकायत और स्थानीय स्तर पर जानकारी के अनुसार एक जून हो गया लेकिन आज तक यहां पर कोई भी बाढ़ बचाव कार्य नहीं हुआ है. वहीं पिछले बरसात में जिस स्थानों से सेमरा लबेदहा और मंझरिया पंचायत में बांध टूटने के कारण बाढ़ का पानी घुसा था उस स्थान पर आज तक मरम्मत नहीं हुई. डबल इंजन की सरकार को गरीबों से कोई मतलब नहीं है. यह सरकार बरसात शुरू होने से एक दो माह पहले बचाव कार्य शुरू करती है जो अधूरा ही रह जाता है और बाढ़ आ जाती है. सरकार को जानमाल से कोई मतलब नहीं है. वे इसके लिए आंदोलन करेंगे और लोगों को जल्द विस्थापित करने के साथ पक्का मकान बनाने की मांग करेंगे'.- वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता, माले के वरिष्ठ नेता

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64 परिवारों का नहीं हुआ है विस्थापन
छितौनी तमकुही रेल परियोजना के लिए अधिग्रहित जमीन में स्थानीय अंचल द्वारा के लापरवाही के कारण बाढ़ पीड़ितों को अधिग्रहित जमीन पर ही बसा दिया गया था. रेल परियोजना का कार्य 2016 में शुरू हुआ तभी से इन लोगों को विस्थापित करने की प्रक्रिया शुरू हुआ था जो आज तक अटका हुआ है.

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