बेतिया: कैब और एनआरसी को लेकर बिहार की सियासत गरमाई हुई है. इसी बीच भाकपा माले ने 19 दिसंबर को बिहार बंद का ऐलान किया है. भाकपा-माले के 11वें जिला सम्मेलन को संबोधित करते हुए माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि 19 दिसंबर को आयोजित देशव्यापी जनप्रतिवाद के तहत बिहार बंद किया जाएगा. 19 दिसंबर के दिन स्वतंत्रता आंदोलन के महानायक रामप्रसाद बिस्मिल्लाह, अशफाकउल्ला खान और रोशन सिंह की शहादत दिवस भी है. इस ऐतिहासिक दिन के देशव्यापी प्रतिवाद को देखते हुए वामदलों ने राष्ट्रीय जनता दल से 21 दिसंबर के बदले 19 दिसंबर को ही बिहार बंद करने की संयुक्त अपील की है.
मिलिट्री दमन पर रोक लगाने की मांग
कुणाल ने कहा कि मोदी-अमित शाह सरकार का नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी पूरी तरह संविधान की मौलिक संरचना और आजादी के आंदोलन के मूल्यबोध के खिलाफ है. आज पूरे देश में इसका तीखा प्रतिवाद हो रहा है. विगत कई दिनों से पूर्वोत्तर के राज्यों में आंदोलन जारी है. दुर्भाग्य है कि आंदोलनकारियों को बर्बरता मिलिट्री दमन का सामना करना पड़ रहा है. वामदल ने मिलिट्री दमन पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है.
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गरीबों को निशाना बना रही सरकार
कुणाल ने कहा कि आज जल जीवन हरियाली योजना के नाम पर पूरे बिहार में लाखों गरीब दलितों को उजाड़ने का नोटिस मिल गया है. यह अन्याय है. जिन लोगों ने वास्तव में पोखर और अन्य स्थानों पर कब्जा कर रखा है, सरकार उनपर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. लेकिन गरीबों को निशाना बना रही है. उन्होंने बिहार सहित पूरे देश में महिलाओं पर बढ़ती यौन हिंसा पर गहरी चिंता व्यक्त की और कहा कि बंद में इसे भी प्रमुखता से उठाया जाएगा. इस दौरान सम्मेलन में भाकपा माले केंद्रीय कमेटी के सदस्य वीरेंद्र गुप्ता, राज्य कमेटी के सदस्य बैजनाथ यादव, जिला कमेटी सदस्य सुनील कुमार राव, राज्य कमेटी सदस्य सुनील कुमार यादव समेत कई नेता मौजूद रहे.