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जलमग्न हुआ 'नीतीश नगर', विस्थापन के बाद भी नहीं बदली इनकी किस्मत

सीएम नीतीश कुमार ने बाढ़ विस्थापित लोगों को बसाने का आदेश दिया था. गण्डक नदी की मार से बच निकले, लेकिन यहां हर साल बारिश की पानी से जूझते हैं, सरकारी सुविधाएं नदारद है.

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Published : Jul 13, 2019, 12:20 PM IST

जलमग्न हुआ नीतीश नगर

बेतिया: बगहा प्रखंड में बाढ़ विस्थापित लोगों के लिए नीतीश नगर बसाया गया था. बाढ़ से पिछा छुड़ाने की कोशिश में जुटे लोगों को यहां भी जल जमाव से मुक्ति नहीं मिल पा रही है. बारिश के कारण ग्रामीणों का जीवन बदहाल है. इस बार भी बाढ़ विस्थापितों के घर में बारिश का पानी घुस चुका है.

नीतीश नगर के अंदर फैला बारिश का पानी

2007 में विस्थापित हुआ 416 परिवार
2009 में 416 परिवारों बाढ़ विस्थापितों को नीतीश नगर में बसाया गया. दस साल बीत जाने के बाद भी यहां सुविधाएं नदारद हैं. 2007 में गंडक नदी ने बगहा में भारी तबाही मचाई थी. एनएच 727 के किनारे शास्त्रीनगर चंडाल चौक के सैकड़ों लोगों का घर बाढ़ की धारा में विलीन हो गया था.

सीएम 'नीतीश कुमार' के नाम पर गांव का नाम
सीएम नीतीश कुमार ने दौरा कर लोगों को नए जगह पर बसाने का आदेश दिया था. 18 माह बाद लोगों को यहां बसाया गया. नीतीश कुमार, यहां के लोगों का दर्द बांटने आए. इस कारण यहां के लोगों ने इस गांव का नाम नीतीश नगर रखा. नाम तो सीएम का रख लिया, लेकिन बारिश की पानी से निजात नहीं पा सके. प्रत्येक वर्ष यह गांव जलमग्न रहता है.

betiaah
जलमग्न नीतीश नगर का नजारा

जहरीले सांपों और बिमारी से डर
लोगों ने बताया कि गंडक नदी की मार से तो बच निकले लेकिन आज भी उसी हालत में जीने के लिए विवश हैं. कुछ भी नहीं बदला. पहले नाव की सुविधा थी. अब गांव में पानी जमा होने के बाद सड़कों पर आना पड़ता है. वही जलजमाव के कारण लोग डरे-सहमें हुए हैं. जल-जमाव में जहरीले सांपों से लेकर बीमारियां फैलने का डर सता रहा है.

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नीतीश नगर गांव के अंदर बहता पानी

कुछ इस तरह हालात से जूझ रहे विस्थापित लोग

  • सीएम ने बाढ़ विस्थापितों को नए जगह बसाने का दिया था आदेश
  • बाढ़ विस्थापितों को दी गई 3 डिसमिल जमीन.
  • 416 परिवारों को 2009 में नीतीश नगर में बसाया गया.
  • हर साल जलमग्न होता है नीतीश नगर
  • एक दशक बाद भी सरकारी सुविधाओं से हैं वंचित
  • आधे लोगों को नहीं मिल रहा सरकारी योजनाओं का लाभ
  • गिने चुने परिवार के पास है, हैंडपम्प और शौचालय

बेतिया: बगहा प्रखंड में बाढ़ विस्थापित लोगों के लिए नीतीश नगर बसाया गया था. बाढ़ से पिछा छुड़ाने की कोशिश में जुटे लोगों को यहां भी जल जमाव से मुक्ति नहीं मिल पा रही है. बारिश के कारण ग्रामीणों का जीवन बदहाल है. इस बार भी बाढ़ विस्थापितों के घर में बारिश का पानी घुस चुका है.

नीतीश नगर के अंदर फैला बारिश का पानी

2007 में विस्थापित हुआ 416 परिवार
2009 में 416 परिवारों बाढ़ विस्थापितों को नीतीश नगर में बसाया गया. दस साल बीत जाने के बाद भी यहां सुविधाएं नदारद हैं. 2007 में गंडक नदी ने बगहा में भारी तबाही मचाई थी. एनएच 727 के किनारे शास्त्रीनगर चंडाल चौक के सैकड़ों लोगों का घर बाढ़ की धारा में विलीन हो गया था.

सीएम 'नीतीश कुमार' के नाम पर गांव का नाम
सीएम नीतीश कुमार ने दौरा कर लोगों को नए जगह पर बसाने का आदेश दिया था. 18 माह बाद लोगों को यहां बसाया गया. नीतीश कुमार, यहां के लोगों का दर्द बांटने आए. इस कारण यहां के लोगों ने इस गांव का नाम नीतीश नगर रखा. नाम तो सीएम का रख लिया, लेकिन बारिश की पानी से निजात नहीं पा सके. प्रत्येक वर्ष यह गांव जलमग्न रहता है.

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जलमग्न नीतीश नगर का नजारा

जहरीले सांपों और बिमारी से डर
लोगों ने बताया कि गंडक नदी की मार से तो बच निकले लेकिन आज भी उसी हालत में जीने के लिए विवश हैं. कुछ भी नहीं बदला. पहले नाव की सुविधा थी. अब गांव में पानी जमा होने के बाद सड़कों पर आना पड़ता है. वही जलजमाव के कारण लोग डरे-सहमें हुए हैं. जल-जमाव में जहरीले सांपों से लेकर बीमारियां फैलने का डर सता रहा है.

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नीतीश नगर गांव के अंदर बहता पानी

कुछ इस तरह हालात से जूझ रहे विस्थापित लोग

  • सीएम ने बाढ़ विस्थापितों को नए जगह बसाने का दिया था आदेश
  • बाढ़ विस्थापितों को दी गई 3 डिसमिल जमीन.
  • 416 परिवारों को 2009 में नीतीश नगर में बसाया गया.
  • हर साल जलमग्न होता है नीतीश नगर
  • एक दशक बाद भी सरकारी सुविधाओं से हैं वंचित
  • आधे लोगों को नहीं मिल रहा सरकारी योजनाओं का लाभ
  • गिने चुने परिवार के पास है, हैंडपम्प और शौचालय
Intro:बगहा 2 प्रखंड स्थित नीतीश नगर में जलजमाव के कारण लोगों का जीवन बदहाल हो गया है। 2009 में बसाए गए बढ़ विस्थापितों के लिए यहाँ सुविधाएं नदारद हैं। 416 परिवारों को यहाँ जमीन दी गई थी, लेकिन दशकों बीत जाने के बावजूद भी प्रशासन यहाँ जलनिकासी की व्यवस्था नही करा पाई जिस वजह से प्रत्येक साल बरसात में नीतीश नगर जलमग्न हो जाता है और यहां के लोगों का जीना दूभर हो जाता है।


Body:बगहा में वर्ष 2007 में गण्डक नदी ने भारी तबाही मचाई थी। एन एच 28 बी जो कि अब एन एच 727 के नाम से जाना जाता है, उसके किनारे शास्त्रीनगर के चंडाल चौक पर बसे सैकड़ों लोगों का घर बाढ़ की धारा में विलीन हो गया था। उस समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यहां का दौरा किया और गम्भीर हालात को देखते हुए बाढ़ कटाव से बुरी तरह प्रभावित लोगों को नए जगह बसाने का आदेश जारी किया। आदेश के तकरीबन 18 माह बाद वर्ष 2009 में 416 परिवारों को 3 - 3 डिसमिल जमीन दी गई जिसके बाद बाढ़ विस्थापित यहां आकर बस गए। चुकी नीतीश कुमार ने इनके दुख दर्द को समझ इस जगह बसाया इसलिए लोगों ने इस गांव का नाम नीतीश नगर रख लिया। बहरहाल नितिश नगर को बसे एक दशक बित चुके हैं लेकिन आज तक इस गांव के लोगों को बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल पाई। प्रत्येक वर्ष यह गांव जलमग्न हो जाता है जिससे लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। सरकारी योजनाओं की हालत यह है कि आधे लोगों को इन्दिरवास का लाभ मिला है और आधे महरूम हैं। हैंडपम्प और शौचालय भी गिने चुने परिवार को मुहैया हो पाया है।
लोगों का कहना है कि भले ही वो गण्डक नदी के मार से बच कर आ गए लेकिन हालात आज भी जस के तस हैं और पुरानी समस्या दूर नही हुई। अंतर इतना हीं है कि वहाँ नाव की सुविधा थी और यहां दिन भर पानी पार कर पीसीसी और कच्ची सड़क पर आना पड़ता है।


Conclusion:जलजमाव के कारण लोगों की स्थिति काफी खराब है। लोगों को जहरीले सांपों के भय तो है ही उनको ये भी डर सता रहा कि यदि ज्यादा दिन जलजमाव रहा तो बीमारियां न फैलने लगे। अब देखने वाली बात यह होगी कि नीतीश नगर के बाशिंदों पर नीतीश कुमार के हुक्मरानों की जंर कब पड़ती है और बुनियादी सुविधाओं से महरूम यहां के लोगों का जीवन बदहाली से कब निकलता है।
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