बेतिया: बगहा प्रखंड में बाढ़ विस्थापित लोगों के लिए नीतीश नगर बसाया गया था. बाढ़ से पिछा छुड़ाने की कोशिश में जुटे लोगों को यहां भी जल जमाव से मुक्ति नहीं मिल पा रही है. बारिश के कारण ग्रामीणों का जीवन बदहाल है. इस बार भी बाढ़ विस्थापितों के घर में बारिश का पानी घुस चुका है.
2007 में विस्थापित हुआ 416 परिवार
2009 में 416 परिवारों बाढ़ विस्थापितों को नीतीश नगर में बसाया गया. दस साल बीत जाने के बाद भी यहां सुविधाएं नदारद हैं. 2007 में गंडक नदी ने बगहा में भारी तबाही मचाई थी. एनएच 727 के किनारे शास्त्रीनगर चंडाल चौक के सैकड़ों लोगों का घर बाढ़ की धारा में विलीन हो गया था.
सीएम 'नीतीश कुमार' के नाम पर गांव का नाम
सीएम नीतीश कुमार ने दौरा कर लोगों को नए जगह पर बसाने का आदेश दिया था. 18 माह बाद लोगों को यहां बसाया गया. नीतीश कुमार, यहां के लोगों का दर्द बांटने आए. इस कारण यहां के लोगों ने इस गांव का नाम नीतीश नगर रखा. नाम तो सीएम का रख लिया, लेकिन बारिश की पानी से निजात नहीं पा सके. प्रत्येक वर्ष यह गांव जलमग्न रहता है.
जहरीले सांपों और बिमारी से डर
लोगों ने बताया कि गंडक नदी की मार से तो बच निकले लेकिन आज भी उसी हालत में जीने के लिए विवश हैं. कुछ भी नहीं बदला. पहले नाव की सुविधा थी. अब गांव में पानी जमा होने के बाद सड़कों पर आना पड़ता है. वही जलजमाव के कारण लोग डरे-सहमें हुए हैं. जल-जमाव में जहरीले सांपों से लेकर बीमारियां फैलने का डर सता रहा है.
कुछ इस तरह हालात से जूझ रहे विस्थापित लोग
- सीएम ने बाढ़ विस्थापितों को नए जगह बसाने का दिया था आदेश
- बाढ़ विस्थापितों को दी गई 3 डिसमिल जमीन.
- 416 परिवारों को 2009 में नीतीश नगर में बसाया गया.
- हर साल जलमग्न होता है नीतीश नगर
- एक दशक बाद भी सरकारी सुविधाओं से हैं वंचित
- आधे लोगों को नहीं मिल रहा सरकारी योजनाओं का लाभ
- गिने चुने परिवार के पास है, हैंडपम्प और शौचालय