बेतिया: सूबे में बदहाल शिक्षा व्यवस्था की कहानी कोई नई नहीं है. सरकार जहां एक तरफ शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाने की बात करती है तो दूसरी तरफ भवन के अभाव में नौनिहालों का भविष्य अंधेरे में जा रहा है. ऐसा ही एक नजारा चनपटिया प्रखंड के नगदहिया गांव में देखने को मिला, जहां स्कूल भवन नहीं होने के कारण बच्चे जमीन पर बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं. इनके सिर के ऊपर जो शेड है वो भी गांव के लोगों की दरियादिली से है.
चनपटिया प्रखंड स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय नगदहिया की प्रधानाचार्य मीरा सिंह ने बताया कि जब स्कूल भवन की मांग की गई तो आश्वासन दिया गया कि बहुत जल्द स्कूल को भवन मिलने वाला है. पैसा आ चुका है. इससे पहले भी स्कूल भवन बनाने के लिए सरकार की तरफ से फंड मिला था लेकिन स्कूल प्रांगण के चारों तरफ अतिक्रमण के कारण भवन नहीं बन सका. हालांकि प्रधानाचार्या ने इस बार भवन निर्माण की बात कही.
लोगों ने भवन निर्माण में डाली रुकावट
वहीं, जब ईटीवी भारत के संवादाता ने स्थानीय लोगों से स्कूल भवन नहीं होने का कारण पूछा तो गांव के शिवनाथ यादव ने बताया कि स्कूल बनाने के लिए जमीन पर्याप्त है. लेकिन यहां कुछ लोग स्कूल भवन के निर्माण में रुकावट डाल रहे हैं. जिस कारण से स्कूल को अभी तक भवन नहीं मिल पाया है.
12 साल से अटका है भवन निर्माण का काम
ऐसे में अब सवाल उठता है कि इस स्कूल के लिये 12 साल से की जा रही भवन की मांग कब पूरी होगी? इस उम्र में जहां बच्चों को आसानी से शिक्षा मिलनी चाहिये थी वहीं इन्हें बरसात, धूप और ठंड के कारण इधर से उधर दौड़ लगानी पड़ती है. अब देखने वाली बात ये है कि 12 साल से जमीन पर बैठकर पढ़ाई कर रहे इन बच्चों को उचित शिक्षा का अधिकार कब मिलता है.