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इंडो- नेपाल सीमा पर धूमधाम से मनाई गयी छठ, नारायणी नदी के तट पर दिया गया सूर्य को अर्घ्य - महापर्व छठ

छठ घाट पर मौजूद लोगों ने बताया कि छठ पर्व सभी त्योहारों में राजा पर्व है. यह महान पर्व 4 दिनों की कठिन तपस्या के साथ पूर्ण होता है. इसमें छठ व्रती महिलाएं 36 घंटे का निर्जला उपवास रखती है. इस पर्व में साफ-सफाई और स्वच्छता का बहुत ध्यान रखा जाता है.

नेपाल में भी धूमधाम से मनाया गया छठ
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Published : Nov 3, 2019, 9:57 AM IST

पश्चिमी चंपारण: पूरे उत्तर भारत में महापर्व छठ को धूमधाम से संपन्न किया गया. वहीं जिले में छठ पर्व का समापन सूर्य को अर्घ्य देकर किया गया. इस दौरान पड़ोसी देश नेपाल में भी छठ की धूम रही. वहां भी लोगों ने छठ पर्व को सूर्य भगवान को अर्घ्य देकर संपन्न किया.

chhath was also celebrated in nepal
नारायणी नदी तट पर दिया गया सूर्य को अर्घ्य

पड़ोसी देशों में भी छठ पूजा की मची धूम
भारत नेपाल के छठव्रतियों ने एक साथ वाल्मीकि नगर के गंडक बराज पुल के नीचे छठ घाट पर अस्तचलगामी और उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर छठ पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया. छठ व्रती पारम्परिक तरीक़े से रविवार को छठ प्रसाद और गाजा-बाजा के साथ घाटों पर पहुंचे.

इंडो- नेपाल सीमा पर भी धूमधाम से मनाया गया छठ

इंडो- नेपाल सीमा के पास छठ व्रतियों ने दिया अर्घ्य
छठ घाट पर मौजूद लोगों ने बताया कि छठ पर्व सभी त्योहारों में राजा पर्व है. यह महान पर्व 4 दिनों की कठिन तपस्या के साथ पूर्ण होता है. इसमें छठ व्रती महिलाएं 36 घंटे का निर्जला उपवास रखती है. इस पर्व में साफ-सफाई और स्वच्छता का बहुत ध्यान रखा जाता है. वहीं भारत और नेपाल के तराई क्षेत्र के लोगों ने भी इंडो- नेपाल सीमा के नारायणी गंडक नदी किनारे छठ पूजा संपन्न किया.

पश्चिमी चंपारण: पूरे उत्तर भारत में महापर्व छठ को धूमधाम से संपन्न किया गया. वहीं जिले में छठ पर्व का समापन सूर्य को अर्घ्य देकर किया गया. इस दौरान पड़ोसी देश नेपाल में भी छठ की धूम रही. वहां भी लोगों ने छठ पर्व को सूर्य भगवान को अर्घ्य देकर संपन्न किया.

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नारायणी नदी तट पर दिया गया सूर्य को अर्घ्य

पड़ोसी देशों में भी छठ पूजा की मची धूम
भारत नेपाल के छठव्रतियों ने एक साथ वाल्मीकि नगर के गंडक बराज पुल के नीचे छठ घाट पर अस्तचलगामी और उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर छठ पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया. छठ व्रती पारम्परिक तरीक़े से रविवार को छठ प्रसाद और गाजा-बाजा के साथ घाटों पर पहुंचे.

इंडो- नेपाल सीमा पर भी धूमधाम से मनाया गया छठ

इंडो- नेपाल सीमा के पास छठ व्रतियों ने दिया अर्घ्य
छठ घाट पर मौजूद लोगों ने बताया कि छठ पर्व सभी त्योहारों में राजा पर्व है. यह महान पर्व 4 दिनों की कठिन तपस्या के साथ पूर्ण होता है. इसमें छठ व्रती महिलाएं 36 घंटे का निर्जला उपवास रखती है. इस पर्व में साफ-सफाई और स्वच्छता का बहुत ध्यान रखा जाता है. वहीं भारत और नेपाल के तराई क्षेत्र के लोगों ने भी इंडो- नेपाल सीमा के नारायणी गंडक नदी किनारे छठ पूजा संपन्न किया.

Intro:बगहा,
छठ की छटा में सिर्फ भारत ही नही बल्कि पूरा दुनिया इसके रंग में रँगा हुआ है। पड़ोसी देश नेपाल में भी छठ की धूम रही। भारत और नेपाल के तराई क्षेत्र के लोगों ने इंडो नेपाल सीमा पर स्थित नारायणी गंडक नदी किनारे छठ व्रत किया।Body:भारत नेपाल के छठव्रतियों ने एक साथ वाल्मीकि नगर स्थित गंडक बराज पुल के नीचे छठ घाट पर अस्तचलगामी और उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर छठ पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया। छठ व्रती पारम्परिक तरीक़े से छठ प्रसाद और गाजा बाजा के साथ घाटों पर पहुंचे। लोगों ने बताया कि छठ पर्व सभी त्योहारों में राजा पर्व है। यह महान पर्व चार दिनों की कठिन तपस्या के पूर्ण होता है। छठ व्रती महिलाएं 36 घंटे का निर्जला उपवास रखकर इस पर्व को करती हैं ।इस पर्व में साफ-सफाई और स्वच्छता का बहुत ध्यान रखा जाता है।
बाइट- कामता प्रसाद, श्रद्धालु।Conclusion:आज अहले सुबह छठ व्रतियों ने उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर सूर्य भगवान की पूजा की जिसके साथ ही इस पर्व का समापन हो गया।
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