पश्चिम चंपारण: जिले के बगहा नगर परिषद के अंतर्गत हरहा नदी पर बनी सोझी घाट पुल तकरीबन 6 वर्षों से जर्जर हो चुका था. पिछले महीने ईटीवी भारत ने 'मौत को दावत दे रहा वर्षों से जर्जर हुआ पुल, जान जोखिम में डाल लोग करते हैं आवाजाही' खबर प्रमुखता से चलाई थी. जिसका असर प्रशासन पर देखने को मिल रहा है. प्रशासन ने जायजा लेते हुए इसकी मरम्मत का कार्य पिछले एक हफ्ते से शुरू कर दिया है.
मार्च तक हरहा नदी पर नया पुल
ग्रामीणों को प्रशासन ने दिलासा दिया है कि उनको नए पुल का सौगात भी मिलेगा. जिसके टेंडर की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.ग्रामीण प्रत्येक दो-तीन महीनें के अंतराल पर इस पुल के निर्माण को लेकर आंदोलन कर रहे थे. लेकिन प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा था. यहां तक कि क्षेत्र के विधायक और सांसद भी ग्रामीणों को सिर्फ दिलासा ही देते रहे कि जल्द ही पुल निर्माण का काम होगा. इस बार के लोकसभा चुनाव के दौरान प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की अनदेखी से आक्रोशित ग्रामीणों ने वोट के बहिष्कार का फैसला किया था. हालांकि, प्रशासन के मान-मनौवल के बाद ग्रामीणों ने वोट दिया. इसी बीच ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रमुखता से चलाया जिसके बाद इस पुल की मरम्मत हो रही है.
पुराने प्लेट से ही रिपेयरिंग का काम
जहां पुल के मरम्मत को लेकर एक तरफ लोगों में खुशी है. वहीं, ग्रामीणों को दुख इस बात का है कि पुराने प्लेट को ही लगा कर फिर से रिपेयरिंग का काम किया जा रहा है. जो ज्यादा टिकाऊ नहीं है. ग्रामीण पुल निर्माण आंदोलन में शामिल रमेश कुमार फौजी ने ईटीवी को धन्यवाद देते हुए कहा कि इसके मरम्मत में ईटीवी की अहम भूमिका रही है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर मार्च में नया पुल नहीं बनेगा तो एक फिर आंदोलन होगा.
अधिकारी कुछ भी बोलने से करते रहे परहेज
प्रदुमन तिवारी का कहना है कि गन्ना या धान के सीजन में सैकड़ों गांवों के किसानों का यही मुख्य मार्ग है. अगर पुराने प्लेट से ही काम होगा तो आवाजाही में फिर से समस्या आएगी. पुल मरम्मत के काम से असंतुष्ट ग्रामीणों के बाबत जब प्रशासन की राय लेने की कोशिश की गई तो अधिकारी कुछ भी बोलने और मीडिया से मुखातिब होने से परहेज करते रहें.