बगहा : इंडो नेपाल सीमा पर स्थित वाल्मीकि टाइगर रिजर्व को पर्यटन के क्षेत्र में सरकार काफी बढ़ावा दे रही है, ताकि जल, जंगल और पहाड़ों के बीच बसे पर्यटन नगरी वाल्मीकीनगर को पर्यटन के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय ख्याति मिल सके. इसी को लेकर गंडक नदी से निकली मृत त्रिवेणी कैनाल में नौका विहार का शुभारंभ किया गया था, ताकि मिनी कश्मीर कहे जाने वाले वाल्मीकि नगर में पर्यटक डल झील की तरह यहां भी नौकायन का आनंद उठा सकें.
अमेजन नदी की तरह दिखता है त्रिवेणी कैनाल : दरअसल, सरकार की यह योजना काफी अच्छी थी. क्योंकि पुराने मृत कैनाल का लुक बिल्कुल अमेजन नदी की तरह है और यह पर्यटकों को अपने तरफ काफी आकर्षित करता. इस योजना के तहत रोजगार सृजन करना भी एक मुख्य लक्ष्य था. लेकिन सरकारी उदासीनता के कारण नौकायन योजना सिर्फ सीएम के उद्घाटन तक ही सीमित होकर रह गई. लाखों खर्च के बावजूद नौकायन के लिए बनी चार नावें पानी में सड़ गई और मृत कैनाल पुनः मृत अवस्था में चला गया.
उदासीनता का शिकार बन गई नौकाविहार : वाल्मीकीनगर के गोल चौक के पास स्थित मृत कैनाल में अब गंदगी का अंबार है और नौकायन योजना फिसड्डी साबित हो गई है. स्थानीय वीरेंद्र सिंह का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा एक अच्छे प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया गया था, लेकिन यह मृत कैनाल फिर मृत हो गया है और नौकायन योजना उद्घाटन तक ही सीमित रह गई. वहीं स्थानीय महिला शंभू का कहना है कि हमलोगों को उम्मीद थी कि नाविकों को रोजगार तो मिलेगा, लेकिन यह नौकायन सिर्फ एक दिन का नौका विहार साबित हुआ.
"पर्यटन के क्षेत्र में विकास को लेकर नौका विहार योजना की शुरुआत हुई थी, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता की वजह से सिर्फ सीएम ही इस नौका विहार का लुत्फ उठा पाए. आज तक कोई पर्यटक इसका लुत्फ नहीं उठा सका."- श्रीकांत, स्थानीय पत्रकार
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