बेतियाः बिहार के बेतिया में विद्यलयों में काम करने वाली रसोईयों ने जिलाधिकारी के कार्यालय के सामने धरना दिया और विरोध (Rasoiya Sangh Protest in Bettiah ) प्रदर्शन किया. रसोईयों ने वेतन वृद्धि के साथ अन्य मांगों को भी डीएम के समक्ष रखा. दरअसल, शनिवार को समाहरणालय के बाहर बिहार राज्य विद्यालय रसोईया संघ पश्चिमी चंपारण चम्पारण की ओर से 11 सूत्री मांगों को लेकर एक दिवसीय धरना का आयोजन किया गया था. संघ ने जिला पदाधिकारी से मिलकर अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा.
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डीएम को सौंपा ज्ञापन: बिहार राज्य विद्यालय रसोईया संघ के 11 सूत्री मांगों में रसोईया को सरकारी कर्मी का दर्जा देने, मानदेय में बढ़ोतरी करने, रिक्त पदों पर रसोईया की बहाली करने, मृत रसोईया के परिवार को अविलंब अनुग्रह राशि का भुगतान करने, मध्याह्न योजना में एनजीओ का प्रवेश बंद करने, जिला मध्याह्न भोजन कार्यालय के कर्मियों की मनमानी पर रोक लगाने, रसोईया के सेवानिवृत्ति की उम्र 65 वर्ष करने की मांग रखी है.
मानदेय वृद्धि नहीं होने पर होगी आरपार की लड़ाई: धरना को संबोधित करते हुए संघ के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश क्रांति ने कहा कि इस महंगाई में मात्र 1650 रुपया रसोईया को भुगतान करना मानव श्रम का खुला शोषण है. अगर इस साल के बजट में रसोईया के मानदेय में वृद्धि नहीं की गई तो रसोईया सरकार से आर पार की लड़ाई लड़ने के मूड में है. यदि पश्चिमी चम्पारण मध्याह्न भोजन कार्यालय के कर्मी अपनी कार्यशैली नहीं बदलते तो मध्याह्न भोजन कार्यालय का भी घेराव किया जायेगा. वहीं शहरी क्षेत्र में एनजीओ का प्रवेश बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. यदि शहरी क्षेत्र में एनजीओ को लाया गया तो संघ इसका जबरदस्त विरोध करेगा.
"बिहार राज्य विद्यालय रसोईया संघ जो एटक से जुड़ा हुआ है. इसके तहत आज हमलोग 11 सूत्री मांग को लेकर डीएम के समक्ष धरना दे रहे हैं. इस महंगाई में मात्र 1650 रुपया रसोईया को भुगतान करना मानव श्रम का खुला शोषण है. अगर इस साल के बजट में रसोईया के मानदेय में वृद्धि नहीं की गई तो रसोईया सरकार से आर पार की लड़ाई लड़ने के मूड में है" - ओमप्रकाश क्रांति, प्रदेश अध्यक्ष, बिहार राज्य विद्यालय रसोईया संघ