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रोज नेपाल पढ़ने जाते हैं बिहार के ये नौनिहाल, कोरोना को लेकर अलर्ट नहीं सरकार

बिहार में जहां 31 मार्च तक सभी स्कूल और कॉलेजों को बंद रखने का आदेश दिया गया है. वहीं, दूसरी ओर नेपाल बार्डर से सटे बगहा के कई बच्चे नेपाल के स्कूलों में पढ़ाई करने जा रहे हैं. इसे सरकार और प्रशासन की बड़ी लापरवाही माना जा सकता है.

बगहा
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Published : Mar 13, 2020, 10:17 PM IST

Updated : Mar 13, 2020, 10:23 PM IST

बगहा: सरकार ने नेपाल सीमा पर कोरोना वायरस को लेकर अलर्ट रहने का आदेश तो जारी कर दिया है लेकिन बॉर्डर इलाके में इसको लेकर कोई सख्ती और सावधानी नहीं बरती जा रही है. सैकड़ों भारतीय छात्र यहां की शिक्षा व्यवस्था और सरकार के अलर्ट की पोल खोलते हुए नजर आ रहे हैं. यहां से छात्र रोजाना नेपाली स्कूल बस से वहां के स्कूल में पढ़ने जाते हैं. इसके चलते कोरोना वायरस की जद में आने की संभावना को भी इनकार नहीं किया जा सकता है.

इंडो-नेपाल बॉर्डर पर वाल्मीकि नगर खुली सीमा से रोजाना भारत और नेपाल आते-जाते दिखाई दे रहे हैं. यही नहीं, बच्चे नेपाल के निजी स्कूलों में पढ़ाई करने भी जाते हैं. नेपाल की सीमा चीन से सटी है. इसके साथ ही विदेशियों की बडी संख्या में नेपाल भ्रमण के लिए आती है. ऐसे में कोरोना वायरस को लेकर नेपाल सुरक्षित नहीं है. इसके बावजूद बिहार के इस क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था बड़ा सवालिया निशान खड़ा कर रही है.

ईटीवी भारत के लिए दिलीप कुमार गुप्ता की रिपोर्ट

प्रशासन की गंभीरता
भारतीय क्षेत्र से नेपाल में प्राथमिक शिक्षा ग्रहण करने जाना जहां एक तरफ यहां की शिक्षा व्यवस्था पर करारा तमाचा है. तो वहीं, कोरोना वायरस जैसी महामारी को लेकर अभिभावक और प्रशासन का सख्त कदम नहीं उठाना कई तरह के अनहोनी की पटकथा लिख सकता है. ऐसे में देखने वाली बात यह होगी कि प्रशासन क्या ठोस कदम उठाता है. कोरोना को लेकर अभिभावक अपने स्तर पर क्या कदम उठाते हैं.

बगहा: सरकार ने नेपाल सीमा पर कोरोना वायरस को लेकर अलर्ट रहने का आदेश तो जारी कर दिया है लेकिन बॉर्डर इलाके में इसको लेकर कोई सख्ती और सावधानी नहीं बरती जा रही है. सैकड़ों भारतीय छात्र यहां की शिक्षा व्यवस्था और सरकार के अलर्ट की पोल खोलते हुए नजर आ रहे हैं. यहां से छात्र रोजाना नेपाली स्कूल बस से वहां के स्कूल में पढ़ने जाते हैं. इसके चलते कोरोना वायरस की जद में आने की संभावना को भी इनकार नहीं किया जा सकता है.

इंडो-नेपाल बॉर्डर पर वाल्मीकि नगर खुली सीमा से रोजाना भारत और नेपाल आते-जाते दिखाई दे रहे हैं. यही नहीं, बच्चे नेपाल के निजी स्कूलों में पढ़ाई करने भी जाते हैं. नेपाल की सीमा चीन से सटी है. इसके साथ ही विदेशियों की बडी संख्या में नेपाल भ्रमण के लिए आती है. ऐसे में कोरोना वायरस को लेकर नेपाल सुरक्षित नहीं है. इसके बावजूद बिहार के इस क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था बड़ा सवालिया निशान खड़ा कर रही है.

ईटीवी भारत के लिए दिलीप कुमार गुप्ता की रिपोर्ट

प्रशासन की गंभीरता
भारतीय क्षेत्र से नेपाल में प्राथमिक शिक्षा ग्रहण करने जाना जहां एक तरफ यहां की शिक्षा व्यवस्था पर करारा तमाचा है. तो वहीं, कोरोना वायरस जैसी महामारी को लेकर अभिभावक और प्रशासन का सख्त कदम नहीं उठाना कई तरह के अनहोनी की पटकथा लिख सकता है. ऐसे में देखने वाली बात यह होगी कि प्रशासन क्या ठोस कदम उठाता है. कोरोना को लेकर अभिभावक अपने स्तर पर क्या कदम उठाते हैं.

Last Updated : Mar 13, 2020, 10:23 PM IST
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