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बेतिया GMCH में पोस्टमार्टम के लिए मांगे गए पैसे, ग्रामीणों ने चंदा इकट्ठा कर दिये 2500 रुपये - बेतिया GMCH

Road Accident In Bettiah: बेतिया में एक युवक की सड़क हादसे में मौत हो गई, जिसके बाद GMCH स्वास्थ्य कर्मी द्वारा युवक के पोस्टमार्टम के लिए पैसों की मांग की गई. ऐसे में साथ आए गांव के लोगों ने चंदा इकट्ठा कर पोस्टमार्टम के लिए 2500 रूपये दिए.

Road Accident In Bettiah
बेतिया GMCH में पोस्टमार्टम के लिए मांगे गए पैसे
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 29, 2023, 12:33 PM IST

बेतिया: बिहार के बेतिया से स्वास्थ्य व्यवस्था को शर्मसार करने वाली खबर आ गई है. जहां सड़क दुर्घटना में हुई मौत के बाद युवक के पोस्टमार्टम के लिए परिजनों से पैसों की मांग की गई. लेकिन मृतक का परिवार इतना गरीब था कि उनके पास पोस्टमार्टम के लिए भी पैसे नहीं थे. बाद में साथ आए ग्रामीणों ने चंदा इकट्ठा कर पोस्टमार्टम के लिए पैसे दिए.

सड़क हादसे में हुई मौत: मिली जानकारी के अनुसार, मामला पश्चिमी चंपारण के सबसे बड़े अस्पताल गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज व अस्पताल (GMCH) की है. बताया जा रहा कि सड़क दुर्घटना में बेतिया के लौरिया थाना क्षेत्र धोबनी पंचायत के लिपनी निवासी मंगनी मियां के 25 वर्षीय पुत्र आरस मियां की मौत हो गई थी.

पोस्टमार्टम के लिए मांगे पैसे: किसी अज्ञात वाहन की ठोकर से जख्मी होने पर अस्पताल ले जाने के दौरान उनकी मौत हो गई थी. आरस मियां के परिवार की हालत काफी दयनीय थी. जिसके कारण पोस्टमार्टम कराने आए पड़ोसियों ने उनके पोस्टमार्टम के लिए चंदा इकट्ठा किया. तब जाकर उसका पोस्टमार्टम हो पाया.

गरीब परिवार का लड़का था मृतक: मामले को लेकर लिपनी गांव निवासी दशरथ कुमार ने बताया कि आरस मियां मेरा पड़ोसी था और वह बहुत ही गरीब परिवार का लड़का था. हम लोग को उसके मौत की जानकारी मिली तो हम GMCH आ गए. यहां आने पर पता चला कि स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा पोस्टमार्टम के लिए पैसों की मांग की गई है.

"आरस मियां मेरा पड़ोसी है. उसके परिवार की आर्थिक हालत काफी दयनीय है. ऐसे में पोस्टमार्टम करने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों ने 2500 रूपए मांगे थे. हमने चंदा चंदा इकट्ठा कर पोस्टमार्टम के लिए 2500 रुपये दिए." - दशरथ कुमार, मृतक का पड़ोसी

ग्रामीणों ने की 10 हजार रूपये की सहायता: गांव के सभी सहयोगी जो साथ आए हुए थे सभी ने मिलकर 10 हजार रूपये इकट्ठा किया. जिसमें पोस्टमार्टम के लिए 3500 रुपए मांगा गया था, लेकिन 2500 देने पर पोस्टमार्टम हो गया. उसके बाद आने जाने और अन्य काम में 9 हजार रुपए खर्च हो गए. 1 हजार बचा था तो आरस के अंतिम संस्कार के समय कपड़ा आदि खरीदने में खर्च हो गया.

पोस्टमार्टम के लिए कोई शुल्क नहीं लगता: वहीं, इस बारे में बेतिया जीएमसीएच के प्राचार्य डॉ. दिनेश कुमार ने बताया कि ''पोस्टमार्टम के लिए कोई शुल्क नहीं लगता है. अस्पताल में पोस्टमार्टम की नि:शुल्क व्यवस्था है. अगर किसी मामले में किसी ने रुपए लिए है तो यह गलत है. उसकी शिकायत मिलने पर उसकी जांच कराई जाएगी. जो दोषी होंगे उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.''

इसे भी पढ़े- बांका में शर्मसार हुई मानवता, प्लास्टिक के थैले में मिला नवजात का शव

बेतिया: बिहार के बेतिया से स्वास्थ्य व्यवस्था को शर्मसार करने वाली खबर आ गई है. जहां सड़क दुर्घटना में हुई मौत के बाद युवक के पोस्टमार्टम के लिए परिजनों से पैसों की मांग की गई. लेकिन मृतक का परिवार इतना गरीब था कि उनके पास पोस्टमार्टम के लिए भी पैसे नहीं थे. बाद में साथ आए ग्रामीणों ने चंदा इकट्ठा कर पोस्टमार्टम के लिए पैसे दिए.

सड़क हादसे में हुई मौत: मिली जानकारी के अनुसार, मामला पश्चिमी चंपारण के सबसे बड़े अस्पताल गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज व अस्पताल (GMCH) की है. बताया जा रहा कि सड़क दुर्घटना में बेतिया के लौरिया थाना क्षेत्र धोबनी पंचायत के लिपनी निवासी मंगनी मियां के 25 वर्षीय पुत्र आरस मियां की मौत हो गई थी.

पोस्टमार्टम के लिए मांगे पैसे: किसी अज्ञात वाहन की ठोकर से जख्मी होने पर अस्पताल ले जाने के दौरान उनकी मौत हो गई थी. आरस मियां के परिवार की हालत काफी दयनीय थी. जिसके कारण पोस्टमार्टम कराने आए पड़ोसियों ने उनके पोस्टमार्टम के लिए चंदा इकट्ठा किया. तब जाकर उसका पोस्टमार्टम हो पाया.

गरीब परिवार का लड़का था मृतक: मामले को लेकर लिपनी गांव निवासी दशरथ कुमार ने बताया कि आरस मियां मेरा पड़ोसी था और वह बहुत ही गरीब परिवार का लड़का था. हम लोग को उसके मौत की जानकारी मिली तो हम GMCH आ गए. यहां आने पर पता चला कि स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा पोस्टमार्टम के लिए पैसों की मांग की गई है.

"आरस मियां मेरा पड़ोसी है. उसके परिवार की आर्थिक हालत काफी दयनीय है. ऐसे में पोस्टमार्टम करने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों ने 2500 रूपए मांगे थे. हमने चंदा चंदा इकट्ठा कर पोस्टमार्टम के लिए 2500 रुपये दिए." - दशरथ कुमार, मृतक का पड़ोसी

ग्रामीणों ने की 10 हजार रूपये की सहायता: गांव के सभी सहयोगी जो साथ आए हुए थे सभी ने मिलकर 10 हजार रूपये इकट्ठा किया. जिसमें पोस्टमार्टम के लिए 3500 रुपए मांगा गया था, लेकिन 2500 देने पर पोस्टमार्टम हो गया. उसके बाद आने जाने और अन्य काम में 9 हजार रुपए खर्च हो गए. 1 हजार बचा था तो आरस के अंतिम संस्कार के समय कपड़ा आदि खरीदने में खर्च हो गया.

पोस्टमार्टम के लिए कोई शुल्क नहीं लगता: वहीं, इस बारे में बेतिया जीएमसीएच के प्राचार्य डॉ. दिनेश कुमार ने बताया कि ''पोस्टमार्टम के लिए कोई शुल्क नहीं लगता है. अस्पताल में पोस्टमार्टम की नि:शुल्क व्यवस्था है. अगर किसी मामले में किसी ने रुपए लिए है तो यह गलत है. उसकी शिकायत मिलने पर उसकी जांच कराई जाएगी. जो दोषी होंगे उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.''

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